संरक्षणवाद को हर रूप में खारिज किया जाना चाहिए : भारत

भारत ने अमेरिका द्वारा नई व्यापार बाधाएं खड़ी करने और वैश्विक व्यापार में संरक्षणवाद बढ़ने पर चिंता जताई है. संरक्षणवाद को हर रू प में खारिज किए जाने की वकालत करते हुए भारत ने ऐसे आर्थिक वैश्वीकरण में अपना पूर्ण विश्वास जताया जो और अधिक खुला , समावेशी और न्यायसंगत हो. विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने आज यहां शंघाई सहयोग संगठन ( एससीओ ) के विदेशी मंत्रियों की परिषद को संबोधित करते हुए संरक्षणवाद के मुद्दे को उठाया. सुषमा बैठक में शामिल होने के लिए चीन की यात्रा पर हैं.

विदेश मंत्री सुषमा स्वराज.

भारत ने अमेरिका द्वारा नई व्यापार बाधाएं खड़ी करने और वैश्विक व्यापार में संरक्षणवाद बढ़ने पर चिंता जताई है. संरक्षणवाद को हर रू प में खारिज किए जाने की वकालत करते हुए भारत ने ऐसे आर्थिक वैश्वीकरण में अपना पूर्ण विश्वास जताया जो और अधिक खुला , समावेशी और न्यायसंगत हो. विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने आज यहां शंघाई सहयोग संगठन ( एससीओ ) के विदेशी मंत्रियों की परिषद को संबोधित करते हुए संरक्षणवाद के मुद्दे को उठाया. सुषमा बैठक में शामिल होने के लिए चीन की यात्रा पर हैं.

उन्होंने कहा , ‘‘एससीओ के सदस्य देश ऐतिहासिक तौर पर साझा समानताओं से जुड़े हैं और हम लगातार इनका कायाकल्प कर रहे हैं. ’’ सुषमा ने कहा , ‘‘भारत हमारे आर्थिक और निवेश संबंधों को मजबूती प्रदान करने के लिए एससीओ के साथ काम करने के लिए प्रतिबद्ध है. हमारा विश्वास है कि आर्थिक वैश्वीकरण और अधिक खुला, समावेशी, न्यायसंगत और आपसी लाभ के लिए संतुलित होना चाहिए.’’ उन्होंने कहा, ‘‘संरक्षणवाद को हर रूप में खारिज किया जाना चाहिए और व्यापार बाधाओं को दूर करने के लिए अनुशासनात्मक कदम उठाने के प्रयास किए जाने चाहिए.’’

सुषमा ने संगठन के आठ सदस्य देशों से वैश्विक अर्थव्यवस्था को और अधिक उत्साह प्रदान करने के लिए व्यापार एवं निवेश के लिए सुविधाएं देने, उदारीकरण को बढ़ावा देने का आह्वान किया.

उन्होंने कहा, ‘‘इसके लिए हमें नवोन्मेष, डिजिटल अर्थव्यवस्था, विज्ञान एवं तकनीक, ऊर्जा, कृषि, खाद्य सुरक्षा एवं अन्य क्षेत्रों में अपने सहयोग में विविधता को बनाए रखना होगा.’’ गौरतलब है कि इस माह की शुरुआत में अमेरिका की डोनाल्ड ट्रंप सरकार ने एल्युमीनियम और इस्पात के आयात पर शुल्क लगाने के साथ ही चीन से आयात पर अलग से शुल्क लगाया था. यह शुल्क चीन की व्यापार नीतियों के खिलाफ 1,300 श्रेणियों के उत्पादों पर लगाया गया था.

इस कदम की भर्त्सना करते हुए चीन के वाणिज्य मंत्रालय ने अमेरिका को जवाबी कार्रवाई करने की चेतावनी दी थी. एससीओ की विदेश मंत्रियों की बैठक में सुषमा स्वराज के अलावा , पाकिस्तान के ख्वाजा मोहम्मद आसिफ, चीन के वांग यी, कजाख्स्तान के कैरात अब्द्राखमानोव, किर्गिस्तान के अब्दीलदेव अर्लान बेकेशोविच, रूस के सर्गेई लावरोव, ताजिकिस्तान के सिरोदजिदिन मुरीदिनोविच अस्लोव, उज्बेकिस्तान के अब्दुलअजीज खाफिजोविच कामिलोव और एएससीओ के महासचिव राशिद अलिमोव सहित अन्य लोगों ने भाग लिया है.

एससीओ की स्थापना 2001 में हुई थी जिसमें चीन, रूस, कजाखिस्तान, उज्बेकिस्तान, ताजिकिस्तान, किर्गिस्तान, भारत और पाकिस्तान सदस्य हैं. इस संगठन का उद्देश्य सदस्य देशों के बीच सैन्य सहयोग बढ़ाना, खुफिया जानकारी साझा करना, मध्य एशिया में आंतकवाद विरोधी अभियान चलाना तथा साइबर आतंकवाद के खिलाफ एकजुट हो कर काम करना है.

लेखक Bhasha
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