2जी नीलामी पर सर्वोच्च न्यायालय ने केंद्र से सवाल पूछा

2जी मामले में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा 22 सर्किलों में रद्द 122 लाइसेंसों में से सभी को दोबारा नीलामी के जरिए आवंटित करने के सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का पालन नहीं करने के लिए सोमवार को केंद्र सरकार को सर्वोच्च न्यायालय की नाराजगी का पात्र बनना पड़ा।

2जी मामले में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा 22 सर्किलों में रद्द 122 लाइसेंसों में से सभी को दोबारा नीलामी के जरिए आवंटित करने के सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का पालन नहीं करने के लिए सोमवार को केंद्र सरकार को सर्वोच्च न्यायालय की नाराजगी का पात्र बनना पड़ा।

न्यायालय ने 12 नवम्बर को हुई नीलामी के बारे में कहा, "हमें अनुचित रूप से सम्बंधित अधिकारी द्वारा नहीं बताया गया कि सम्पूर्ण स्पेक्ट्रम की नीलामी नहीं की जा रही है।"

सर्वोच्च न्यायालय ने 2जी नीलामी मुद्दे पर केंद्र सरकार को सभी 122 लाइसेंसों की नीलामी नहीं करने का कारण पूछा।

अदालत ने दूरसंचार सचिव को निर्देश दिया कि वह हलफनामा दाखिल कर बताए कि दो फरवरी के उस आदेश का पालन क्यों नहीं किया गया, जिसमें 22 सर्किलों में खारिज हुए सभी 122 लाइसेंसों को नीलामी के जरिए आवंटित करने के लिए कहा गया था।

न्यायमूर्ति जीएस सिंघवी और न्यायमूर्ति केएस राधाकृष्णन ने अवर सचिव द्वारा इस मुद्दे पर दाखिल एक हलफनामे को खारिज किए जाने के बाद अदालत ने दूरसंचार सचिव को यह निर्देश दिया।

अदालत ने केंद्र सरकार की खिंचाई करते हुए कहा, "उनसे सम्पूर्ण स्पेक्ट्रम की नीलामी किए जाने की उम्मीद थी (जो 122 लाइसेंसों को खारिज करने के बाद खाली हुए थे)।"

अदालत ने कहा कि 0.1 फीसदी स्पेक्ट्रम को रोकना भी स्वीकार्य नहीं था।

अदालत ने कहा, "अधिकारी के लिए यह उचित नहीं है कि वह अदालत को सही तथ्यों से अवगत नहीं कराए।" अदालत ने कहा कि अतिरिक्त समय की मांग किए जाते वक्त माना जा रहा था कि सम्पूर्ण स्पेक्ट्रमों की नीलामी होगी।

दूरसंचार विभाग के अवर सचिव के हलफनामे को स्वीकार करने से इनकार करते हुए अदालत ने कहा कि पहले भी एक अन्य अधिकारी के हलफनामे को खारिज किया गया था और दूरसंचार विभाग के सचिव द्वारा हलफनामा दाखिल किए जाने के लिए कहा था।

लेखक NDTV Profit Desk
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