भारतीय इकोनॉमी इस साल 6.9% की दर से बढ़ेगी! UN ने बढ़ाया ग्रोथ अनुमान, क्‍या हैं कारण?

पहले 2024 के लिए ग्रोथ प्रोजेक्‍शन 6.2% था. अब ये 6.9% यानी पूर्व के अनुमान से 0.7% ज्‍यादा है.

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संयुक्‍त राष्‍ट्र (UN) ने मजबूत पब्लिक इन्‍वेस्‍टमेंट और प्राइवेट कंजप्‍शन को देखते हुए साल 2024 के लिए भारत की विकास दर का अनुमान (India's growth projections) संशोधित किया, जिसके मुताबिक, देश की इकोनॉमी इस वर्ष करीब 7% की दर से बढ़ सकती है.

गुरुवार को जारी रिपोर्ट (World Economic Situation and Prospects 2024) में UN ने कहा कि भारत की इकोनॉमी 2024 में 6.9% और 2025 में 6.6% तक बढ़ने का अनुमान है. पब्लिक इन्‍वेस्‍टमेंट और प्राइवेट कंजप्‍शन से इकोनॉमी को मजबूती मिलेगी. हालांकि कमजोर बाहरी मांग से मर्चेंडाइज एक्‍सपोर्ट ग्रोथ पर असर पड़ता रहेगा, लेकिन फार्मास्यूटिकल्स और केमिकल एक्‍सपोट्र में जोरदार बढ़ोतरी होने की उम्‍मीद है.

बता दें कि पहले 2024 के लिए ग्रोथ प्रोजेक्‍शन 6.2% था. अब ये 6.9% यानी पूर्व के अनुमान से 0.7% ज्‍यादा है. इस तरह भारत, दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती बड़ी अर्थव्यवस्था बना हुआ है.

इन वजहों से मजबूत है भारत

रिपोर्ट के मुताबिक, कम महंगाई, मजबूत निर्यात और विदेशी निवेश में बढ़ोतरी से इंडियन इकोनॉमी काफी तेजी से बढ़ रही है.

  • महंगाई में कमी आई है, जिसका मतलब ये है कि राजकोषीय स्थिति (Fiscal Position) अन्य देशों की तरह बाधित नहीं है.

  • भारत से एक्‍सपोर्ट 'काफी मजबूत' रहा है. और इसके साथ ही भारत को अन्य पश्चिमी देशों से आने वाले निवेश का भी लाभ मिल रहा है, जबकि चीन में निवेश घटता जा रहा है.

  • कई पश्चिमी कंपनियों के लिए भारत, चीन के सापेक्ष निवेश का एक बेहतर विकल्‍प बन गया है.

  • भारत को रूस से तेल आयात की खास व्‍यवस्‍था का भी फायदा मिल रहा है, जिससे लागत कम पड़ रही है.

WESP रिपोर्ट में रोजगार पर भी पॉजिटिव बात कही गई है. वो ये कि भारत में मजबूत विकास और उच्च श्रम भागीदारी के बीच लेबर मार्केट इंडिकेटर्स में भी सुधार हुआ है. इसमें कहा गया है कि खास तौर से दक्षिण एशिया में लेबर फोर्स में महिलाओं की भागीदारी बढ़ी है.

दुनिया में धीरे, भारत में तेजी से ग्रोथ

अगले वर्ष 2025 के लिए भारत का ग्रोथ प्रोजेक्‍शन 6.6% पर बना हुआ है. WESP की रिपोर्ट में कहा गया कि पिछले साल इंडियन इकोनॉमी 7.5% और 2022 में 7.7% बढ़ी.

रिपोर्ट में इस साल वर्ल्‍ड इकोनॉमी के अनुमान को भी पूर्व के अनुमान 2.4% से 0.3% बढ़ा कर 2.7% कर दिया गया है. रिपोर्ट में चेतावनी देते हुए कहा गया है, 'ज्यादातर प्रमुख इकोनॉमीज, बेरोजगारी को कम कर मंदी को बढ़ावा दिए बिना महंगाई को कम करने में कामयाब रही हैं. जियो-पॉलिटिकल रिस्‍क, आर्थिक विकास को चुनौती देते रहेंगे.'

विकसित बनाम विकासशील अर्थव्‍यवस्‍थाएं

कुल मिलाकर विकसित अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में , विकासशील अर्थव्यवस्थाएं ज्यादा तेजी (4.1% की दर) से बढ़ रही हैं. रिपोर्ट में हालांकि कहा गया है कि विकासशील देशों में विकास एक जैसा नहीं है. भारत, इंडोनेशिया और मैक्सिको जैसी बड़ी विकासशील अर्थव्यवस्थाएं मजबूत घरेलू और बाहरी मांग से लाभान्वित हो रही हैं, जबकि कई अफ्रीकी, लैटिन अमेरिकी और कैरेबियाई अर्थव्यवस्थाएं 'लंबी राजनीतिक अस्थिरता', उच्‍च उधार लागत (Higher borrowing Cost) और विनिमय दर (Exchange Rate Fluctuations) के कारण पिछड़ रही हैं.

इस वर्ष चीन की इकोनॉमी में 4.8% की दर से ग्रोथ होने का अनुमान है, जिससे ये भारत के बाद दूसरी सबसे तेजी से बढ़ती बड़ी इकोनॉमी बन जाएगी. रिपोर्ट में कहा गया है, अमेरिका की इकोनॉमी पहले से थोड़ी बेहतर हुई है. इस वर्ष US इकोनॉमी के 2.3% की दर से बढ़ने का अनुमान है.

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