सेंसेक्स, निफ्टी में तीन फीसदी की तेजी

देश के शेयर बाजारों के प्रमुख सूचकांकों सेंसेक्स और निफ्टी में गत सप्ताह ढाई फीसदी से अधिक तेजी रही।

देश के शेयर बाजारों के प्रमुख सूचकांकों सेंसेक्स और निफ्टी में गत सप्ताह ढाई फीसदी से अधिक तेजी रही।

बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का 30 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक सेंसेक्स गत सप्ताह 2.84 फीसदी या 574.54 अंकों की तेजी के साथ 20,791.93 पर बंद हुआ। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का 50 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक निफ्टी इस दौरान 3.01 फीसदी या 180.65 अंकों की तेजी के साथ 6,176.10 पर बंद हुआ।

गत सप्ताह सेंसेक्स के 30 में से 26 शेयरों में तेजी रही। भेल (13.91 फीसदी), एलएंडटी (8.23 फीसदी), ओएनजीसी (7.32 फीसदी), टाटा मोटर्स (6.79 फीसदी) और सेसा स्टरलाइट (4.96 फीसदी) में सर्वाधिक तेजी रही। गिरावट वाले चार सेक्टरों में रहे भारती एयरटेल (2.72 फीसदी), एनटीपीसी (2.16 फीसदी), विप्रो (1.46 फीसदी) और सन फार्मा (0.54 फीसदी)।

बीएसई के मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों में भी गत सप्ताह डेढ़ फीसदी से अधिक तेजी रही। मिडकैप 2.78 फीसदी या 171.3 अंकों की तेजी के साथ 6,325.58 पर और स्मॉलकैप 1.76 फीसदी या 105.41 अंकों की तेजी के साथ 6,099.52 पर बंद हुआ।

गत सप्ताह के प्रमुख घटनाक्रमों में रविवार को पी5 प्लस 1 समूह और ईरान के बीच अंतरिम परमाणु समझौता हो जाने से अंतर्राष्ट्रीय तेल कीमतों में कुछ गिरावट देखी गई और सेंसेक्स में सोमवार को 387 अंकों की तेजी दर्ज की गई।

तेल के सस्ता होने से इसके आयात पर देश का खर्च कम होगा और इससे वित्तीय घाटा कम करने में मदद मिलेगी। भारत अपनी तेल जरूरत के अधिकांश हिस्से का आयात करता है। तेल की कीमत कम होने से महंगाई कम करने में भी मदद मिलेगी।

शुक्रवार को जारी सरकारी आंकड़ों के मुताबिक मौजूदा कारोबारी साल की दूसरी तिमाही में देश की आर्थिक विकास दर 4.8 फीसद दर्ज की गई। केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक जुलाई-सितंबर तिमाही में कृषि विकास दर 4.6 फीसदी रही, जबकि विनिर्माण क्षेत्र की विकास दर मामूली एक फीसद रही।

लगातार चौथी तिमाही में विकास दर पांच फीसदी से कम दर्ज की गई है। पहली तिमाही में विकास दर 4.4 फीसद दर्ज की गई थी।

मौजूदा कारोबारी साल की पहली छमाही में आर्थिक विकास दर 4.6 फीसदी दर्ज की गई।

आलोच्य तिमाही में कृषि, वानिकी और मत्स्य क्षेत्र की विकास दर 4.6 फीसदी, बिजली, गैस और जलापूर्ति क्षेत्र में विकास दर 7.7 फीसदी, निर्माण विकास दर 4.3 फीसदी, वित्तीय, बीमा, रियल एस्टेट और व्यवसायिक सेवा क्षेत्र की विकास दर 10 फीसदी और सामुदायिक, सामाजिक तथा व्यक्तिगत सेवा क्षेत्र में विकास दर 4.2 फीसदी रही।

दूसरी तिमाही में खनन क्षेत्र में 0.4 फीसदी गिरावट रही, जबकि व्यापार, होटल, परिवहन, संचार क्षेत्र में साल-दर-साल आधर पर चार फीसदी विकास दर्ज की गई।

लेखक NDTV Profit Desk
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