आज से स्पेक्ट्रम के लिए नीलामी शुरू हो चुकी है. इस दौरान 96,317.7 करोड़ रुपये के एयरवेव्स को नीलामी के लिए खोला जाएगा.
एंटीक स्टॉक ब्रोकिंग के मुताबिक भारती एयरटेल, रिलायंस जियो इंफोकॉम और वोडाफोन आइडिया ने 4,350 करोड़ रुपये का बयाना (Earnest Money) जमा कर दिया है. मतलब ये कंपनियां स्पेक्ट्रम पाने की नीलामी में शामिल होंगी.
नीलामी हासिल होने वाले पक्षों को 10 दिन के भीतर भुगतान करना होगा. उनके पास 20 बराबर एनुअल इंस्टॉलमेंट्स में ये भुगतान करने की अनुमति होगी, इसके लिए 8.65% का ब्याज देना होगा. TRAI के टेलीकॉम नियमों के मुताबिक, नीलामी की अधिकतम बोली 'बयाना राशि' 12 गुना तक हो सकती है.
नियमों के मुताबिक ये स्पेक्ट्रम 20 साल के लिए आवंटित होगा. इसमें 10 साल के बाद टेलीकॉम कंपनीज के पास स्पेक्ट्रम को सरेंडर करने का विकल्प भी रहेगा.
जियो के पास नीलामी की सबसे ज्यादा क्षमता
जियो के पास नीलामी की सबसे ज्यादा बोली लगाने की क्षमता है, कंपनी 36,000 करोड़ रुपये की बोली लगा सकती है. लेकिन कंपनी को स्पेक्ट्रम की सबसे कम जरूरत है. मुकेश अंबानी के स्वामित्व वाली कंपनी ने बीती दो नीलामी में आक्रामक ढंग से स्पेक्ट्रम खरीदे हैं और ऐसा कोई भी स्पेक्ट्रम नहीं है, जिसका रिन्युअल होना हो.
जियो के पास sub-GHz बैंड में स्पेक्ट्रम पोर्टफोलियो मौजूद है. 700MHz और 800MHz बैंड्स के कुल 5X20 MHz स्पेक्ट्रम कंपनी के पास मौजूद हैं. एक्सिस कैपिटल के मुताबिक कंपनी लो-बैंड स्पेक्ट्रम में भी मार्केट लीडर है और करीब 50% होल्डिंग जियो के पास है.
भारती एयरटेल के पास करीब 20% स्पेक्ट्रम बैंड हैं. VIL भी 16% हिस्सेदारी के साथ बहुत पीछे नहीं है.