इनकम टैक्स (IT) विभाग आपके इन 7 ट्रांजैक्शन्स पर रख रहा है पैनी नजर..

बैंक डिपॉजिट से लेकर क्रेडिट कार्ड बिलों की पेमेंट तक, एफडी (फिक्स्ड डिपॉजिट) से लेकर प्रॉपर्टी की खरीद फरोख्त तक एक निश्चित सीमा से अधिक के सभी ट्रांजैक्शन इनकम टैक्स विभाग को रिपोर्ट किए जाने की बैंकों की इंस्ट्रक्शन हैं. 17 जनवरी के नोटिफिकेशन में टैक्स विभाग ने ये बातें कहीं. आइए जानें कि वे कौन कौन से ट्रांजैक्शन व डिपॉजिट हैं, जिन पर टैक्स विभाग की कड़ी नजर है और कुछ संदिग्ध महसूस करने पर वह आपसे सवाल जवाब कर सकता है.

इनकम टैक्स विभाग आपके इन 10 ट्रांजैक्शन्स पर रख रहा है नजर (प्रतीकात्मक फोटो)

बैंक डिपॉजिट से लेकर क्रेडिट कार्ड बिलों की पेमेंट तक, एफडी (फिक्स्ड डिपॉजिट)  से लेकर प्रॉपर्टी की खरीद फरोख्त तक एक निश्चित सीमा से अधिक के सभी ट्रांजैक्शन इनकम टैक्स विभाग को रिपोर्ट किए जाने की बैंकों की इंस्ट्रक्शन हैं. 17 जनवरी के नोटिफिकेशन में टैक्स विभाग ने ये बातें कहीं. आइए जानें कि वे कौन कौन से ट्रांजैक्शन व डिपॉजिट हैं, जिन पर टैक्स विभाग की कड़ी नजर है और कुछ संदिग्ध महसूस करने पर वह आपसे सवाल जवाब कर सकता है.
 

  1. किसी एक व्यक्ति के एक या एक से अधिक अकाउंट्स में किसी एक वित्तीय वर्ष में 10 लाख रुपये या इससे अधिक कैश डिपॉजिट होने की सूचना बैंक आईटी विभाग को देंगे.
  2. एक ही वित्तीय वर्ष में एक व्यक्ति द्वारा करवाई गईं एफडी जोकि कुल मिलाकर 10 लाख रुपये या इससे हो जाती हों, उनकी भी सूचना आपके बैंक को इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को देनी होगी.  मगर इसमें वे एफडी शामिल नहीं होंगी जिनका रीन्यूल करवाया गया हो. 
  3. यदि आपने अपने क्रेडिट कार्ड से 1 लाख रुपये या उससे अधिक कीमत का बिल भरा है तब भी यह सूचना आईटी विभाग को दी जाएगी. साथ ही किसी एक वित्तीय वर्ष में क्रेडिट कार्ड पेमेंट भुगतान चाहे चेक से करें या फिर नेटबैंकिंग आदि के जरिये, यदि यह 10 लाख रुपये या उससे अधिक होता है तब भी इसकी सूचना आयकर विभाग को दी जाएगी.
  4. टैक्स डिपार्टमेंट ने एक बार फिर इस बात को दोहराया कि 8 नवंबर 2016, नोटबंदी के ऐलान के बाद, से 30 दिसंबर 2016 तक बैंक खातों में ढाई लाख से अधिक जमा की सूचना इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को दी जाए. करंट खातों के मामले में 9 नवंबर से लेकर 30 दिसंबर तक किसी एक खाते में जमा हुए कुल 12.5 लाख रुपये की सूचना आईटी वालों को दिए  जाने का निर्देश है.
  5. किसी एक व्यक्ति से प्राप्त हुई रसीदें (बॉन्ड्स या डिबेंचर लेने के लिए) यदि किसी कंपनी या संस्थान में दाखिल या जमा की गई हैं और वे एक वित्तीय वर्ष में 10 लाख रुपये या इससे अधिक हैं तो इसकी सूचना भी वह कंपनी या संस्थान आईटी विभाग को देगा.
  6. अब यदि आप म्यूचुअल फंड्स में या फिर शेयर्स के बायबैक में पैसा लगाते हैं तब भी इस सीमा पर नजर रखी जाएगी और सवाल किया जा सकता है. साथ ही ट्रैवलर चेक और फोरेक्स कार्ड जिसकी कुल कीमत 10 लाख रुपए (किसी एक वित्तीय वर्ष में) हो तो यह भी टैक्स अधिकारियों को सूचित करना होगा.
  7. 30 लाख रुपए या इससे अधिक की प्रॉपर्टी की खरीद फरोख्त की सूचना प्रॉपर्टी रजिस्ट्रार को टैक्स अथॉरिटीज को देनी होगी.
लेखक NDTV Profit Desk
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