नोटबंदी से अनाज मंडी में मंदी, कारोबार बुरी तरह प्रभावित

500 और 1,000 रुपये के नोट पर लगी रोक का दिल्ली की सबसे बड़ी अनाज मंडी नया बाजार में काफी असर दिखाई पड़ा. सबसे ज्यादा प्रभावित किराना दुकानदार हुए, जिन्हें अनाज की सप्लाई करने से थोक व्यापारियों ने मना कर दिया, क्योंकि वे 100-100 के नोट में पेमेंट नहीं कर पाए.

500 और 1,000 रुपये के नोट पर लगी रोक का दिल्ली की सबसे बड़ी अनाज मंडी नया बाजार में काफी असर दिखाई पड़ा. सबसे ज्यादा प्रभावित किराना दुकानदार हुए, जिन्हें अनाज की सप्लाई करने से थोक व्यापारियों ने मना कर दिया, क्योंकि वे 100-100 के नोट में पेमेंट नहीं कर पाए.

आटे के थोक व्यापारी वेद प्रकाश मिश्र परेशान हैं. खुदरा कारोबारियों के पास 100-100 के इतने नोट नहीं हैं कि वो भुगतान कर सकें, इसलिए बिजनेस ठप हो गया है. वेद प्रकाश ने एनडीटीवी से कहा, 'बिज़नेस सही नहीं हो पाया. खुदरा व्यापारियों के पास छोटे नोट नहीं थे, इस वजह से थोक व्यापारी और खुदरा व्यापारी डील नहीं कर सके.'

थोक व्यापारी कहते हैं कि इसी साल अप्रैल में इनकम टैक्स विभाग ने दो लाख तक के सौदों के लिए पैन कार्ड की जरूरत खत्म कर दी. छोटे खुदरा व्यापारी सिर्फ कैश में बिजनेस करते हैं, लेकिन अब उनकी मुश्किल बढ़ गई है.

हरिदत्त भारद्वाज कहते हैं, 'मान लीजिये कि एक थोक व्यापारी अनाज की सप्लाई के लिए 1 लाख 80 हज़ार रुपये की डील एक दिन में 10 अलग-अलग खुदरा व्यापारियों से करता है. यानी पूरे दिन में 18 लाख का औसत बिज़नेस करता है, लेकिन आज वो डील नहीं कर पाया..'

हसमुद्दीन की दरियागंज रोड पर किराना की दुकान है. चावल ख़रीदने के लिए पैसे लेकर आए थे, लोकिन थोक व्यापारी ने मना कर दिया. हसमुद्दीन कहते हैं, 'इंडिया गेट राइस ब्रैंड वालों से चावल खरीदने आया था, लेकिन 500-1000 रुपये को नोट लेने से मना कर दिया, कहा कि छोटे नोट लेकर आओ. अब मुझे खाली हाथ वापस अपनी दुकान जाना पड़ेगा.'
जाहिर है जब तक बाजार में नए नोट नहीं पहुंचते, अनाज मंडियों में कारोबार का यही हाल रहेगा.

लेखक NDTV Profit Desk
जरूर पढ़ें
1 GIFT निफ्टी सपाट, 22,450 के करीब कर रहा कारोबार; वेदांता, इंफोसिस, सांघवी मोटर्स पर फोकस
2 भारतीय बाजारों के लिए ग्लोबल संकेत खराब, ये शेयर फोकस में रखें
3 Lok Sabha Elections 2024: कम वोटर टर्नआउट का चुनाव के नतीजों पर नहीं पड़ेगा खास असर; एक्सपर्ट्स ने बताईं वजह