यूनाइटेड बैंक ने किंगफिशर से कर्ज वसूली की छोड़ दी है उम्मीद

सरकारी बैंक यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया उन 17 बैंकों में से पहला बैंक है, जिसने सार्वजनिक तौर पर माना कि उसे ठप पड़ी किंगफिशर एयरलाइंस से बकाया वसूली की कोई उम्मीद नहीं है।

सरकारी बैंक यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया उन 17 बैंकों में से पहला बैंक है, जिसने सार्वजनिक तौर पर माना कि उसे ठप पड़ी किंगफिशर एयरलाइंस से बकाया वसूली की कोई उम्मीद नहीं है।

गौरतलब है कि कोलकाता का यह बैंक पहला कर्जदाता था, जिसने किंगफिशर एयरलाइंस के चेयरमैन को जानबूझकर चूक करने वाला घोषित किया था। विजय माल्या और यूबी समूह ने हालांकि अदालत में इसे चुनौती दी थी।

बैंक अब तक किंगफिशर एयरलाइंस से सिर्फ 1,000 करोड़ रुपये वसूल सके हैं, जबकि कंपनी पर उनका 7,000 करोड़ रुपये से अधिक का बकाया है।

यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी पी श्रीनिवास ने कहा 'अब किंगफिशर से मामले में कुछ नहीं हो रहा है और हमें कुछ वापस नहीं मिल रहा। हमें आखिरकार मुंबई में किंगफिशर हाउस और गिरवी रखी गई कुछ परिसंपत्तियों से कुछ और करोड़ रपये मिलेंगे।' उन्होंने कहा, 'लेकिन अगर कुल ऋण राशि पर नजर डालें तो हम जो वसूल कर पाएंगे वह सिर्फ ब्याज राशि के बराबर होगा। पिछले दो साल से हमें ब्याज का भुगतान नहीं हो रहा है और हम बस उतनी राशि की वसूली कर पाएंगे और मूलधन की वसूली शायद नहीं कर पाएं।'


किंगफिशर एयरलाइंस जब परिचालन में थी, तब बैंक ने कंर्सोटियम में 400 करोड़ रुपये का कर्ज दिया था। विमानन कंपनी का परिचालन अक्तूबर, 2012 से बंद है।

यह विमानन कंपनी अपनी शानो-शौकत के लिए मशहूर विजय माल्या की है, जिन्हें करीब 1,000 करोड़ रुपये की वसूली के बाद भी एसबीआई के नेतृत्व वाले 17 बैंकों के कंसोर्टियम को करीब 6,500 करोड़ रुपये वापस करने हैं। एसबीआई का किंगफिशर एयरलाइंस पर 1,600 करोड़ रुपये का बकाया है।

लेखक NDTV Profit Desk
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