Growth In Digital Payments: देश में महिलाएं तेजी से डिजिटल अर्थव्यवस्था का हिस्सा बन रही हैं. इसका सबसे बड़ा उदाहरण यह है कि वित्तीय वर्ष 2013-14 में जहां केवल 14% महिलाएं डिजिटल ट्रांजैक्शन कर रही थीं, वहीं 2020-21 तक यह आंकड़ा 28% तक पहुंच गया.
इस दौरान पुरुषों की ओर से किए गए ऑनलाइन ट्रांजैक्शन भी बढ़े और ये आंकड़ा 30% से बढ़कर 41% हो गए, लेकिन महिलाओं की ग्रोथ रेट पुरुषों से अधिक रही.
महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने वाले फैक्टर्स
तकनीक में बढ़ती दक्षता
भारतीय महिलाएं अब पहले से ज्यादा तकनीक-प्रेमी (tech-savvy) हो रही हैं. इससे वे डिजिटल पेमेंट और ऑनलाइन वित्तीय सेवाओं को तेजी से अपना रही हैं.
e-KYC की सुविधा
इलेक्ट्रॉनिक KYC (e-KYC) प्रक्रिया पहले की तुलना में सरल हो गई है, जिससे महिलाओं के लिए डिजिटल पेमेंट प्लेटफॉर्म्स तक पहुंच आसान हुई है. इससे वे औपचारिक वित्तीय क्षेत्र में तेजी से शामिल हो रही हैं.
ग्रामीण भारत का योगदान
डिजिटल लेन-देन में वृद्धि केवल शहरी क्षेत्रों तक सीमित नहीं है. ग्रामीण भारत की महिलाएं भी डिजिटल पेमेंट को अपना रही हैं, जिससे पूरे देश में डिजिटल भुगतान का दायरा बढ़ रहा है.
मोबाइल इंटरनेट की बढ़ती पहुंच
महिलाओं के बीच मोबाइल इंटरनेट का उपयोग तेजी से बढ़ा है. 2022 में यह आंकड़ा 30% था, जो 2023 में 37% हो गया. अध्ययन में बताया गया है कि बढ़ती कनेक्टिविटी से लगभग 20 करोड़ महिलाएं डिजिटल भुगतान के दायरे में आ सकती हैं.
अब निवेश की ओर बढ़ेंगी महिलाएं
रिपोर्ट में ये भी अनुमान लगाया गया है कि जैसे-जैसे महिलाएं ऑनलाइन लेन-देन में सहज होंगी और कनेक्टिविटी बढ़ेगी, वे म्यूचुअल फंड्स में निवेश करना भी शुरू कर सकती हैं. इससे वे अपनी वित्तीय योजनाओं को और अधिक मजबूत बना सकती हैं.