दिल्‍ली की हवा, जानलेवा! एयर पॉल्‍यूशन के बीच कैसे रखें अपना ध्यान, कौन-सा मास्‍क पहनें?

इस बीच सबसे जरूरी सवाल है, काम से बाहर तो निकलना ही होगा तो ऐसे में सेहत का खयाल कैसे रखें?

Source: PTI

दिल्‍ली की आबोहवा में ‘जहर’ घुल चुका है. NCR की एयर क्‍वालिटी बद से बदतर हो चली है. AQI का स्‍तर, जो कि 400-500 के बीच ‘गंभीर’ कैटगरी का माना जाता है, वो इस सीमा के भी पार पहुंच चुका है. हवा में pm2.5 और pm10 जैसे जानलेवा कणों की मौजूदगी भी सीमा के पार (500) है. 

एयर पॉल्‍यूशन की बदतर स्थिति को देखते हुए राजधानी में सोमवार सुबह से GRAP-IV लागू कर दिया गया है. दिल्ली में 9वीं तक के स्कूलों में ऑनलाइन क्लास चल रही है तो वहीं कर्मचारियों के वर्क फ्रॉम होम को लेकर सरकार आज फैसला ले सकती है.

इस बीच सबसे जरूरी सवाल है, आपकी सेहत से जुड़ा. कामकाजी लोगों के लिए घरों में कैद रहना तो मुमकिन नहीं, काम से बाहर तो निकलना ही होगा. ऐसे में सेहत का खयाल कैसे रखें?

GRAP-IV से जुड़े निर्देश में बच्चों और बुजुर्गों का खास खयाल रखने की जरूरत बताई गई है. उन्‍हें बाहर निकलने से बचने की सलाह दी गई है. इनके अलावा, सांस रोग, हृदय रोग, मस्तिष्क से जुड़ी बीमारियों या अन्य क्रॉनिक डिजीज से पीड़ित लोगों को बाहरी गतिविधियों से बचना चाहिए. ऐसे लोगों को, जहां तक संभव हो, घर के अंदर ही रहना चाहिए. 

क्‍या है डॉक्‍टर की सलाह? 

दिल्‍ली के एक सीनियर पल्मोनोलॉजिस्ट यानी सांस रोग विशेषज्ञ डॉ PB मिश्रा ने NDTV प्रॉफिट से बातचीत में बताया कि ठंड और पॉल्‍यूशन के बीच स्‍वास्‍थ्‍य का खयाल रखने की जरूरत है. साथ ही कुछ दिनों के लिए घर से बाहर मॉर्निंग वॉक से परहेज करने की भी सलाह दी. इसकी बजाय इनडोर वॉक और एक्‍सरसाइज करने को बेहतर बताया. उन्‍होंने घर से बाहर, मास्‍क और चश्‍मे का इस्‍तेमाल करने की सलाह दी है. 

कौन-सा मास्‍क पहनकर बाहर निकलें? 

एयर पॉल्‍यूशन से बचाने के लिए कई तरह के मास्‍क आते हैं, लेकिन दिल्‍ली-NCR की आबोहवा में जिस तरह pm10 और pm2.5 कणों की खतरनाक मौजूदगी है, इसके लिए प्रभावी मास्‍क पहनना जरूरी है. एक्‍सपर्ट्स के मुताबिक, N95 मास्क या FFP1 मास्क इस लिहाज से बेहतर है. 

NCR के लोग, जिन्‍हें नियमित तौर पर खतरनाक प्रदूषण झेलना पड़ रहा है, उनके लिए 95% फिल्ट्रेशन रेट के लिए FFP1 मास्क अच्छा साबित हो सकता है. 

वे N95 मास्क का भी इस्तेमाल कर सकते हैं, जो कि हानिकारक PM कणों और अन्य प्रदूषकों को काफी हद तक फिल्टर कर आपको होने वाले नुकसान से बचा सकता है.

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स्थिति गंभीर श्रेणी से भी बदतर 

CPCB यानी केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार, AQI का लेवल 0 से 50 के बीच हो तो इसे ‘अच्छा' माना जाता है. 51-100 को ‘संतोषजनक', 101-200 को ‘मध्यम', 201-300 को ‘खराब', 301-400 को ‘बहुत खराब', जबकि 401-500 को ‘गंभीर' माना जाता है.

राजधानी में ये स्‍तर एक्‍सट्रीम यानी गंभीर कैटगरी के भी पार पहुंच चुका है. यही नहीं, हवा में pm10 और pm2.5 जैसे महीन कणों का लेवल भी 500 की सीमा के करीब पहुंच गया है. सांस से जुड़ी बीमारियों के लिए ये स्‍तर जानलेवा हो सकता है.

बता दें कि सोमवार को एयर पॉल्‍यूशन पर हुई सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने दिल्‍ली सरकार को खूब फटकार लगाई. कोर्ट ने पूछा कि एक्‍शन प्‍लान लागू करने में देरी क्‍यों हुई. सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में प्रस्‍ताव रखा कि AQI 400 से नीचे जाने पर भी कोर्ट की अनुमति के बिना GRAP-IV से राहत नहीं दी जा सकती.

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