Gold-Silver Rates: सोने-चांदी की कीमतों में भारी गिरावट, 5 दिन की तेजी पर लगा ब्रेक

मेहता इक्विटीज के अनुसार, शुरुआती बढ़त के बाद वैश्विक बाजारों में बिकवाली तेज होने से कीमतें नीचे आ गईं.

Source: NDTV

सोने की कीमतों में शुक्रवार को जोरदार गिरावट दर्ज की गई. राष्ट्रीय राजधानी में सोने का भाव ₹1,350 सस्ता होकर ₹93,000/10 ग्राम पर आ गया. इससे पहले, सोना लगातार पांच दिनों तक रिकॉर्ड ऊंचाई पर बना हुआ था.

ग्लोबल मार्केट में भी सोने के भाव में गिरावट देखी गई और भाव करीब 22 डॉलर/औंस तक गिर गए.

गुरुवार को बना था रिकॉर्ड हाई

गुरुवार को 99.9% शुद्धता वाला सोना ₹200 चढ़कर ₹94,350/10 ग्राम के नए शिखर पर पहुंचा था. लेकिन शुक्रवार को 99.5% शुद्धता वाला सोना भी ₹1,350 टूटकर ₹92,550/10 ग्राम पर आ गया.

अंतरराष्ट्रीय बाजार की बात करें तो स्पॉट गोल्ड $21.74 (0.70%) गिरकर $3,093.60/औंस पर पहुंच गया, ज‍बकि स्पॉट सिल्वर 1.69% लुढ़ककर $31.32/औंस के लेवल पर पहुंच गया.

क्‍यों गिर गए भाव?

अखिल भारतीय सर्राफा संघ के अनुसार, वैश्विक बाजारों में कमजोर रुझान के कारण सोने की कीमतों में ये गिरावट आई.

अबांस फाइनेंशियल सर्विसेज के CEO चिंतन मेहता ने PTI को बताया, 'अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के नए टैरिफ रेट्स लागू करने के बाद सुरक्षित निवेश के रूप में सोने की मांग पहले की तुलना में कम हो गई है. निवेशक अब ग्‍लोबल ट्रेड की परिस्थितियों और आर्थिक प्रभावों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, जिससे बाजार पर दबाव बना है.'

मेहता इक्विटीज के अनुसार, शुरुआती बढ़त के बाद वैश्विक बाजारों में बिकवाली तेज होने से कीमतें नीचे आ गईं.

मेहता के मुताबिक, 'निवेशक अब अमेरिकी ट्रेजरी बॉन्ड्स की ओर रुख कर रहे हैं, जिससे बॉन्ड यील्ड 4% से नीचे चली गई है. बाजार को उम्मीद है कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व इस साल ब्याज दरों में और कटौती कर सकता है.'

चांदी में 4 महीने की सबसे बड़ी गिरावट

चांदी की कीमतों में भी भारी गिरावट देखने को मिली. सिल्‍वर के भाव ₹5,000 की गिरावट के साथ ₹95,500/किलोग्राम पर आ गए. इससे पहले, चांदी ₹1,00,500/किलोग्राम पर बंद हुई थी.

मेहता इक्विटीज के वाइस प्रेसिडेंट राहुल कलंत्री के अनुसार, 'सोने की कीमतें एक हफ्ते के निचले स्तर पर आ गईं, जबकि चांदी पांच हफ्तों के न्यूनतम स्तर पर पहुंच गई. अब बाजार की नजरें फेड चेयरमैन जेरोम पॉवेल की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर टिकी हैं, जहां वे ट्रंप की नीतियों और संभावित आर्थिक प्रभावों पर चर्चा कर सकते हैं.