Hyundai Motor India IPO: कल खुलेगा देश का सबसे बड़ा IPO, पैसे लगाने से पहले जान लीजिए सबकुछ

कंपनी 27,870 करोड़ रुपये जुटाने पर विचार कर रही है, जो इसे भारत में अब तक का सबसे बड़ा IPO बनाता है.

Source: NDTV Profit

ह्युंदई मोटर इंडिया (Hyundai Motor India) का IPO कल यानी 15 अक्टूबर को खुलेगा. इस IPO के जरिए ह्युंदई मोटर 27,870 करोड़ रुपये जुटाने पर विचार कर रही है.

ह्युंदई का IPO कई मायनों में नए अलग है. इश्यू साइज के हिसाब से ये देश का अबतक का सबसे बड़ा IPO है. इससे पहले 2022 में भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) का IPO आया था, जो 21,000 करोड़ रुपये का था.

ये साल 2024 में दुनिया का भी सबसे बड़ा IPO होगा. साथ ही, ये बीते दो दशक में पहली ऑटो कंपनी होगी जिसकी भारत में लिस्टिंग होने जा रही है.

ह्युंदई मोटर मारुति के बाद सबसे ज्यादा कारें बेचने वाली कंपनी है. इसने भारत में अब तक करीब 1.2 करोड़ कारें बेची हैं. पिछले 20 वर्षों में भारत में अपने ऑपरेशंस के दौरान उसने डबल डिजिट मार्केट शेयर को बरकरार रखा है.

इश्यू डिटेल्स

  • इश्यू की अवधि: 15-17 अक्टूबर

  • प्राइस बैंड: 1,865−1,960 रुपये/शेयर

  • इश्यू साइज: 27,870 करोड़ रुपये

  • OFS: 14.2 करोड़ शेयर

  • लॉट साइज: 7 शेयर

  • QIB हिस्सा: 50%

  • रिटेल हिस्सा: 15%

  • NII हिस्सा: 15%

  • QIBs के लिए अधिकतम बोली: 14,14,16,296 शेयर

  • NIIs के लिए अधिकतम बोली: 7,07,08,148 शेयर

  • एंकर बुक खुला: 14 अक्टूबर

कहां होगा पैसे का इस्तेमाल?

ह्युंदई मोटर इंडिया को IPO से कोई राशि नहीं मिलेगी क्योंकि इश्यू में सिर्फ ऑफर फॉर सेल होगा. पूरे ऑफर से मिली रकम साउथ कोरियन प्रोमोटर ह्युंदई मोटर कंपनी को मिलेगी.

कंपनी का बिजनेस

ह्युंदई भारत में मारुति सुजुकी इंडिया के बाद दूसरी सबसे बड़ी पैसेंजर व्हीकल कंपनी है. जून 2024 तक इसका मार्केट शेयर 24% था. कंपनी ने पिछले वित्त वर्ष में करीब 7.77 लाख वाहनों की बिक्री की थी. इसमें से 21% वाहनों का एक्सपोर्ट किया गया है. ये देश मुख्य तौर पर अफ्रीका, लैटिन अमेरिका, मिडिल ईस्ट और यूरोप के हैं.

कंपनी की बिक्री का बड़ा हिस्सा क्रेटा (Creta), एक्टर (Exter), वेन्यू (Venue), i20 और Nios जैसे मॉडल्स के जरिए आता है. कुल पोर्टफोलियो में उसकी SUV बिक्री की हिस्सेदारी अब 68% पर पहुंच गई है और इसने मार्जिन सुधारने में भी मदद की है.

ह्युंदई इंडिया की मौजूदा सालाना उत्पादन क्षमता 8.24 लाख यूनिट्स है. देश का सबसे बड़ा इंटीग्रेटेड सिंगल लोकेशन कार प्लांट चेन्नई में स्थित है. कंपनी ने हाल ही में पुणे में प्लांट का अधिग्रहण किया है. इससे कंपनी की उत्पादन क्षमता बढ़कर 10 लाख यूनिट्स पर पहुंचने की उम्मीद है.

कंपनी अगले साल मार्च तक Creta EV लॉन्च करने की योजना बना रही है. मौजूदा समय में ह्युंदई भारत में दो इलेक्ट्रिक कारों Kona और Ioniq की बिक्री करती है. दोनों ही प्रीमियम EV कैटेगरी में आती हैं.

शेयरहोल्डिंग पैटर्न

मौजूदा समय में कंपनी की पैरेंट कंपनी की ह्युंदई इंडिया की 100% शेयरहोल्डिंग है. वो आने वाले IPO में 14.2 करोड़ शेयरों की बिक्री करेगी. शेयरहोल्डिंग के कुल परसेंटेज के तौर पर देखें तो पैरेंट कंपनी की ओर से भारतीय एंटिटी में 17.5% हिस्सेदारी की बिक्री करेगी.

कंपनी की वित्तीय सेहत

ह्युंदई इंडिया के वित्तीय आकड़े काफी मजबूत दिखते हैं. पिछले वित्त वर्ष में कंपनी की आय करीब 70,000 करोड़ रुपये रही है. कंपनी का EBITDA मार्जिन 13% से ज्यादा रहा है, जो कि मारुति सुजुकी के मुकाबले करीब 150 बेसिस पॉइंट्स ज्यादा है.

पिछले वित्त वर्ष में मुनाफा भी 6,000 करोड़ रुपये को पार कर गया है. IPO के लिए रेड हीरिंग प्रोस्पेक्टस से जून तिमाही के आंकड़ों की जानकारी मिलती है. कंपनी ने इस साल अप्रैल और जून के बीच 1.92 लाख कारों की बिक्री की है.

ये पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले 5% की ग्रोथ दिखाती है. इसके साथ उसका रेवेन्यू और EBITDA मार्जिन भी मजबूत रहा. इंडस्ट्री में मजबूत प्रतिस्पर्धा के बावजूद मार्जिन 13.5% रहा है.

मुख्य जोखिम

ह्युंदई मोटर इंडिया ने अपने RHP में कुछ जोखिमों का भी जिक्र किया है:

  • कंपनी के ऑपरेशंस के लिए जरूरी पार्ट्स और मैटेरियल की कीमतों में बढ़ोतरी से बिजनेस और ऑपरेशंस के रिजल्ट पर बुरा असर पड़ सकता है.

  • ग्रुप की दो कंपनियों किया कॉर्प और किया इंडिया प्राइवेट का ह्युंदई मोटर इंडिया के समान कारोबार है. इससे हितों का टकराव और कारोबार पर गलत असर हो सकता है.

  • ग्रुप की कंपनी मोबिस इंडिया प्राइवेट पर बड़ी निर्भरता है. ये ह्युंदई ग्रुप की कंपनियों के लिए आफ्टर सेल पार्ट्स के बिजनेस में है. ये आफ्टर सेल सर्विसेज और कंपनी डीलर्स के लिए स्पेयर पार्ट्स की सप्लाई करती है.

  • इसके अलावा ह्युंदई इंडिया मोबिस पर मॉड्यूलर पार्ट्स की सप्लाई के लिए भी निर्भर है. इनका इस्तेमाल कंपनी पैसेंजर व्हीकल्स और पार्ट्स की सप्लाई के लिए करती है.

  • कंपनी की प्रोमोटर HMC पर निर्भरता है. कंपनी पार्ट्स और मैटेरियल्स जैसे इंजन और ट्रांसमिशन एसेंबली के साथ रिसर्च और डेवलपमेंट के लिए भी निर्भर है.

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