जुपिटर लाइफ लाइन हॉस्पिटल्स का IPO खुला, बिजनेस से लेकर रिस्‍क फैक्‍टर तक, निवेश से पहले जानिए पूरी डिटेल

2007 में स्थापित, जुपिटर लाइफ लाइन हॉस्पिटल्स, पश्चिमी भारत में एक मल्‍टीस्‍पेशियलिटी हेल्‍थ सर्विस प्रोवाइडर है.

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मल्टीस्पेशियलिटी हॉस्पिटल जुपिटर लाइफ लाइन हॉस्पिटल्स (Jupiter Life Line Hospitals Ltd.) का IPO आज से खुल गया है. कंपनी ने फ्रेश इश्यू और ऑफर फॉर सेल (OFS) के जरिये 869.08 करोड़ रुपये जुटाने की योजना बनाई है.

फ्रेश इश्यू में 73.74 लाख इक्विटी शेयर शामिल होंगे, जिनकी कुल वैल्यू 542 करोड़ रुपये होगी, जबकि OFS में 44,50,000 शेयर शामिल होंगे, जिनका कुल मूल्य 327.1 करोड़ रुपये होगा. प्राइस बैंड 695-735 रुपये प्रति शेयर तय किया गया है.

कुल IPO साइज में से, योग्य संस्थागत खरीदारों (Qualified Institutional Buyers) के लिए 50%, गैर-संस्थागत निवेशकों के लिए आरक्षित है, और बाकी 35% रिटेल निवेशकों के लिए रिजर्व किया गया है.

इश्‍यू डिटेल

  • इश्‍यू खुला: 6 सितंबर को

  • इश्‍यू बंद होगा: 8 सितंबर को

  • फ्रेश इश्‍यू साइज: ₹542 करोड़

  • OFS साइज: ₹327.1 करोड़

  • फेस वैल्‍यू: ₹10 प्रति

  • फिक्‍स्‍ड प्राइस बैंड: ₹695–735 प्रति शेयर

  • मिनिमम लॉट साइज: 20 शेयर

  • लिस्टिंग: NSE, BSE

शेयरहोल्डिंग पैटर्न

प्री-IPO शेयरहोल्डिंग 5,81,91,859 है और IPO के बाद 6,55,66,022 हो जाएगी. OFS में देवांग वसंतलाल गांधी (HUF) के 12.5 लाख शेयर, नीता गांधी के साथ संयुक्त रूप से देवांग गांधी के 9 लाख शेयर, आशा ठक्कर के साथ संयुक्त रूप से नितिन ठक्कर के 10 लाख शेयर शामिल हैं. इनके अलावा अनुराधा रमेश मोदी, मेघा रमेश मोदी और भास्कर पी शाह (HUF) में प्रत्येक के 4 लाख शेयर शामिल हैं.

कंपनी का बिजनेस

2007 में स्थापित, जुपिटर लाइफ लाइन हॉस्पिटल्स, पश्चिमी भारत में एक मल्‍टीस्‍पेशियलिटी हेल्‍थ सर्विस प्रोवाइडर है. वर्तमान में ये ठाणे (मुंबई), पुणे और इंदौर में जुपिटर ब्रैंड के तहत तीन अस्पताल संचालित करता है.

31 मार्च तक कंपनी की कुल ऑपरेटिंग कैपेसिटी 1,194 बेड्स और 1,246 डॉक्टरों की है. इन डॉक्‍टर्स में विशेषज्ञ, चिकित्सक और सर्जन शामिल हैं.

कंपनी वर्तमान में महाराष्ट्र के डोंबिवली में लगभग 500 बिस्तरों वाला एक मल्‍टीस्‍पेशियलिटी अस्पताल बना रही है, जिसका निर्माण अप्रैल में शुरू हुआ है.

वित्त वर्ष 2023 में, कंपनी की इन-पेशेंट और आउट-पेशेंट इनकम को हॉस्पिटल्‍स के बीच बांटा गया था, जिसमें ठाणे, पुणे और इंदौर अस्पतालों के संचालन से रेवेन्‍यू का क्रमशः 54%, 34% और 12% हिस्सा था.

मुनाफे का इस्‍तेमाल

जो रकम जुटाई जाएगी उसे सामान्‍य कॉरपोरेट उद्देश्यों के अलावा कंपनी और सहायक कंपनी द्वारा बैंकों से लिए गए कर्ज के पूर्ण या आंशिक पुनर्भुगतान/पूर्व भुगतान (अनुमानित 463.9 करोड़ रुपये) के लिए किया जाएगा.

रिस्‍क फैक्‍टर

  • कंपनी का रेवेन्‍यू काफी हद तक ठाणे स्थित उसके अस्पताल पर निर्भर है. पिछले वित्तीय वर्ष में कंपनी के 54% रेवेन्‍यू यहीं से मिला था.

  • कंपनी की इंडस्‍ट्री बहुत ज्‍यादा रेगुलेटेड है और इसे रेगुलेशन परमिट, एक्रेडिशन और लाइसेंस रीन्‍यूअल, मेंटेनेंस की आवश्यकता होती है. कोई भी रेगुलेटरी चेंज या नियमों का उल्लंघन, इसके व्यवसाय पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है.

  • इस व्यवसाय में चिकित्सा उपकरण और इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर के मेंटेनेंस में काफी खर्च होता है. सप्‍लायर्स से फेवरेबल प्राइसिंग पाने या हेल्‍थकेयर प्रोफेशनल्‍स से सैलरी/कंपनसेशन पर बात न बने तो प्रॉफिट प्रभावित हो सकता है.

  • अफॉर्डेबल हेल्‍थकेयर प्रोवाइड करने की 'कंपनी की क्षमता' अस्‍पताल में मरीजों की संख्या, ऑक्‍यूपेंसी रेट और प्रोजेक्‍ट कॉस्‍ट के मैनेजमेंट पर निर्भर करती है.

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