Swiggy IPO Opening Date and Valuation: फूड और ग्रॉसरी डिलीवरी कंपनी स्विगी के IPO के लिए इंतजार जल्द ही खत्म होने वाला है. मामले की जानकारी रखने वाले लोगों के मुताबिक, स्विगी का IPO आज से कुछ ही दिनों बाद 6 से 8 नवंबर के बीच निवेशकों के लिए खुल सकता है. ये किस भाव पर आएगा यानी इसका प्राइस बैंड क्या होगा, इसकी जानकारी 2 दिन में मिलने की उम्मीद है.
मामले की जानकारी रखने वाले लोगों ने बताया है एंकर निवेशकों के लिए ये IPO एक दिन पहले 5 नवंबर को खुल सकता है. बता दें कि स्विगी में प्रॉसस (Prosus) और सॉफ्टबैंक (Softbank) जैसी दिग्गज इन्वेस्टमेंट फर्म्स ने निवेश कर रखा है, जो इस IPO में अपनी हिस्सेदारी बेच सकती है.
कितनी वैल्यूएशन, क्या है साइज?
जानकारों के हवाले से बताया जा रहा है कि अपर प्राइस बैंड के लेवल पर स्विगी इस IPO से करीब 11.3 बिलियन डॉलर यानी करीब 95 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की वैल्यूएशन को टारगेट कर रही है.
IPO का टोटल साइज 11,700 करोड़ रुपये के करीब रहने की संभावना है. इसमें फ्रेश शेयर्स का हिस्सा करीब 4,500 करोड़ रुपये का होगा, जबकि OFS यानी ऑफर फॉर सेल वाला हिस्सा करीब 6,800 करोड़ रुपये का हो सकता है.
बता दें कि ये कंपनी की ओर से जारी किए ऑफिशियल आंकड़े नहीं हैं और इनमें बदलाव संभव है. NDTV Profit ने कुछ दिन पहले बताया था कि कंपनी के शेयरहोल्डर्स ने 3 अक्टूबर को अपने IPO में फ्रेश इश्यू साइज बढ़ाने की मंजूरी दे दी है.
स्विगी की कोशिश अन्य स्थानीय या अंतरराष्ट्रीय कंपनियों की तरह वैश्विक निवेशकों से मांग का फायदा लेने और आर्थिक विकास की है.
कहां होगा पैसों का इस्तेमाल?
इश्यू से जुटाए गए पैसे के इस्तेमाल की बात करें तो स्विगी करीब 982 करोड़ रुपये से अपनी सब्सिडियरी Scootsy में निवेश करेगी और अपनी क्विक कॉमर्स सब्सिडियरी इंस्टामार्ट के लिए डार्क स्टोर नेटवर्क का विस्तार करेगी.
टेक्नोलॉजी और क्लाउड इंफ्रास्ट्रक्चर में कंपनी 586 करोड़ रुपये का निवेश करेगी. इसके अलावा कंपनी ब्रैंड मार्केटिंग और बिजनेस प्रोमोशन में 929 करोड़ रुपये लगाएगी. कंपनी करीब 137 करोड़ रुपये कर्ज घटाने के लिए खर्च करेगी.
जोमैटो, जेप्टो, ब्लिंकिट से मुकाबला
स्विगी की शुरुआत साल 2014 में हुई थी. कंपनी के प्लेटफॉर्म पर देशभर के 1,50,000 से ज्यादा रेस्टोरेंट्स हैं. कंपनी फूड डिलीवरी के अलावा क्विक कॉमर्स के बिजनेस में भी है. क्विक कॉमर्स का बिजनेस वो इंस्टामार्ट के नाम से करती है. क्विक कॉमर्स या ग्रॉसरी का ई-कॉमर्स बिजनेस दिन प्रतिदिन ज्यादा कंपटीटिव होता जा रहा है.
फूड डिलीवरी में तो कंपनी का मुख्य मुकाबला जोमैटो से है, मगर इंस्टामार्ट के बिजनेस में उसका मुकाबला जोमैटो की सब्सिडियरी ब्लिंकिट और जेप्टो से है. इसके अलावा अमेजॉन, टाटा ग्रुप के बिगबास्केट और फ्लिपकार्ट से भी कंपनी का कंपटीशन है.
प्रॉसस, सॉफ्टबैंक और एक्सेल के अलावा कंपनी के अन्य शेयरहोल्डर्स में एलिवेशन कैपिटल, DST ग्लोबल, टेनसेंट, कतर इनवेस्टमेंट अथॉरिटी (QIA), GIC सिंगापुर वगैरह शामिल हैं.