कोटक महिंद्रा बैंक के शेयरों में मंगलवार को 3.5% से ज्यादा की गिरावट देखी गई. इसके पीछे की वजह, अदाणी ग्रुप की कंपनी के शेयरों में ट्रेडिंग नियमों के उल्लंघन के लिए SEBI की ओर से मिले शोकॉज नोटिस के बाद अमेरिकी शॉटसेलर की प्रतिक्रिया है.
हिंडनबर्ग ने अपनी सफाई में जारी बयान में कोटक महिंद्रा बैंक का नाम लिया है. हिंडनबर्ग रिसर्च ने आरोप लगाया कि मार्केट रेगुलेटर अदाणी ग्रुप के शेयरों की शॉर्ट सेलिंग से जुड़े मामले में निजी लेंडर्स (कोटक महिंद्रा बैंक) का नाम नहीं लिया.
बता दें कि मार्केट रेगुलेटर SEBI ने हिंडनबर्ग को अदाणी ग्रुप से जुड़ी उसकी रिपोर्ट को लेकर 46 पेज का कारण बताओ नोटिस जारी किया है. SEBI ने 27 जून को शोकॉज नोटिस जारी किया था, जिसके बाद हिंडनबर्ग ने प्रतिक्रिया दी है.
हिंडनबर्ग ने प्रतिक्रिया में क्या कहा?
अमेरिकी शॉर्ट-सेलर हिंडनबर्ग ने मंगलवार को कहा, 'उसने अदाणी ग्रुप के शेयरों को शॉर्ट करने के लिए अपने एक इनवेस्टिंग पार्टनर के जरिए ऑफशोर फंड स्ट्रक्चर का इस्तेमाल किया था, जिसे कोटक महिंद्रा बैंक (Kotak Mahindra Bank) ने बनाया था और उसी ने देखरेख की थी. कोटक महिंद्रा बैंक, एक प्राइवेट सेक्टर की बैंक और ब्रोकरेज फर्म है, जिसकी स्थापना उदय कोटक ने की थी.'
SEBI ने क्यों नहीं लिया बैंक का नाम?
हिंडनबर्ग ने ये भी सवाल उठाया कि आखिर SEBI ने नोटिस में कोटक महिंद्रा बैंक का नाम क्यों नहीं लिया है. उसने कहा, 'SEBI ने नोटिस में उस पार्टी का नाम नहीं लिया है, जिसका भारत से सीधा कनेक्शन है. वो पार्टी है- कोटक महिंद्रा बैंक, जो देश की सबसे बड़ी बैंकों और ब्रोकरेज फर्मों में से एक है और जिसकी स्थापना उदय कोटक ने की थी.'
उसने आगे कहा, 'हमारे पार्टनर के लिए इसी बैंक ने ऑफशोर फंड स्ट्रक्चर बनाया और उसकी देखरेख की है, जिसका इस्तेमाल करके हमने अदाणी के शेयरों को शॉर्ट किया.'
SEBI ने 'कोटक महिंद्रा' की जगह, केवल K-इंडिया ऑपर्च्युनिटीज फंड का नाम रखा और 'कोटक' नाम को 'KMIL' के शॉर्ट नेम में छिपा दिया. दरअसल KMIL का मतलब कोटक महिंद्रा इनवेस्टमेंट्स लिमिटेड है. उदय कोटक ने पर्सनली SEBI की 2017 की कॉरपोरेट गवर्नेंस कमिटी को चेयर किया था. हमें संदेह है कि इसका जिक्र इसलिए नहीं किया है, ताकि किसी अन्य को जांच की संभावना से बचाया जा सके.हिंडनबर्ग रिसर्च (SEBI से शोकॉज नोटिस मिलने के बाद अपने ब्लॉग पोस्ट में)
PTI की एक रिपोर्ट के अनुसार, SEBI ने हिंडनबर्ग के दावों पर तुरंत कोई टिप्पणी नहीं की है, जबकि कोटक के प्रतिनिधियों ने भी टिप्पणी पर एजेंसी के अनुरोधों का तुरंत जवाब नहीं दिया था. हालांकि मंगलवार की दोपहर कोटक महिंद्रा का बयान सामने आया.
हिंडनबर्ग नहीं रहा हमारा क्लाइंट: कोटक महिंद्रा
कोटक महिंद्रा इंटरनेशनल और के-इंडिया अपॉर्च्युनिटीज फंड का कहना है कि हिंडनबर्ग कभी भी उनका क्लाइंट नहीं रहा. इसने बयान जारी की कहा, 'कभी मालूम नहीं था कि हिंडनबर्ग, फंड के किसी निवेशक का पार्टनर है. KMIL को फंड के निवेशक से ये पुष्टि भी मिली है कि उसके निवेश प्रिंसिपल के तौर पर किए गए थे, किसी अन्य व्यक्ति की ओर से नहीं.'
हिंडनबर्ग, नाथन और किंग्डन को नोटिस
मार्केट रेगुलेटर SEBI ने बीते 27 जून को अमेरिकी शॉर्टसेलर हिंडनबर्ग रिसर्च, नाथन एंडरसन और मॉरिशस बेस्ड FPI मार्क किंग्डन को कारण बताओ नोटिस (Show Cause Notice) जारी किया था. SEBI ने अदाणी एंटरप्राइजेज के शेयरों में ट्रेडिंग नियमों के उल्लंघन के लिए ये कार्रवाई की.
मार्केट रेगुलेटर का कहना है कि हिंडनबर्ग और एंडरसन ने SEBI एक्ट के तहत प्रिवेंशन ऑफ फ्रॉडलेंट एंड अनफेयर ट्रेड प्रैक्टिसेस रेगुलेशंस, SEBI के कोड ऑफ कंडक्ट फॉर रिसर्च एनालिस्ट रेगुलेशंस का उल्लंघन किया है.
वहीं, FPI मार्क किंग्डन पर प्रिवेंशन ऑफ फ्रॉडलेंट एंड अनफेयर ट्रेड प्रैक्टिसेस रेगुलेशंस के अलावा SEBI के कोड ऑफ कंडक्ट फॉर FPI रेगुलेशन के उल्लंघन का आरोप है.
SEBI ने जांच में क्या पाया?
मार्केट रेगुलेटर SEBI ने बताया, 'हिंडनबर्ग और FPI ने भ्रामक डिस्क्लेमर जारी किया कि रिपोर्ट केवल भारत के बाहर कारोबार की जाने वाली सिक्योरिटीज के वैल्युएशन के लिए थी, जबकि ये स्पष्ट तौर पर भारत में लिस्टेड कंपनियों से संबंधित थी.'
SEBI ने कहा, 'हिंडनबर्ग को भारतीय डेरिवेटिव मार्केट में अदाणी एंटरप्राइजेज फ्यूचर्स में ट्रेड करने के लिए FPI मार्क किंगडन ने अदाणी एंटरप्राइजेज में साथ मिल कर इनडायरेक्टली शामिल होने में सहायता की और कमाया गया मुनाफा शॉर्टसेलर के साथ बांटा.'
पिछले साल जारी की थी भ्रामक रिपोर्ट
दूसरी ओर अमेरिकी शॉर्टसेलर हिंडनबर्ग ने जनवरी 2023 में जारी की गई अपनी रिपोर्ट के बचाव में दलीलें जारी रखी हैं. हिंडनबर्ग ने पिछले साल 24 जनवरी को अदाणी ग्रुप के FPO से ठीक पहले एक भ्रामक रिपोर्ट जारी की थी. अदाणी ग्रुप इस रिपोर्ट को दुर्भावनापूर्ण और निराधार बताती रही और इस मामले में देश की सर्वोच्च अदालत से ग्रुप को क्लीन चिट मिल चुकी है.
(Source: Hindenburg Blog Post, SEBI Notice, X post, PTI)