अनिल अंबानी को झटका! 52 वीक-हाई से धड़ाम हुए Reliance Infra और R Power के शेयर

Anil Ambani Reliance Power and Reliance Infra: मंगलवार को रिलायंस इंफ्रा के शेयर में 5% की गिरावट देखी गई. इसके शेयर लुढ़ककर 337 रुपये के करीब आ गए.

File Photo (Source: LinkedIn Post)

पिछले कुछ वर्षों में मुश्किलों से जूझ चुके दिग्‍गज कारोबारी अनिल अंबानी (Anil Ambani) के लिए पिछले कुछ दिन 'कभी खुशी, कभी गम' की तरह रहे हैं. रिलायंस पावर के शेयरों (Reliance Power Share) में तेजी के बाद उन्‍हीं की दूसरी कंपनी रिलायंस इंफ्रा (Reliance Infra) को लेकर आए NCLT के एक आदेश के चलते झटका लगा है.

मंगलवार को रिलायंस इंफ्रा के शेयर (Reliance Infra Share) में 5% की गिरावट देखी गई. इसके शेयर लुढ़ककर 337 रुपये के करीब आ गए. वहीं दूसरी ओर रिलायंस पावर के शेयरों में भी 5% की गिरावट दिखी और इसके शेयर 58.50 रुपये के भाव पर आ गए. दोनों ही कंपनियों के शेयरों में गिरावट 52 हफ्ते का उच्‍चतम स्‍तर हासिल करने के अगले ही दिन आई.

एक दिन पहले सोमवार को रिलायंस इंफ्रा के शेयरों ने 359 रुपये का हाई बनाया था, जबकि रिलायंस पावर के शेयर भी 52 वीक के हाई ₹62.80 के भाव पर पहुंच गए थे.

दिवालिया याचिका का असर

नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) की मुंबई बेंच ने अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस इंफ्रा के खिलाफ दिवालिया याचिका स्‍वीकार कर ली है. ये याचिका IDBI ट्रस्‍टशिप सर्विसेज लिमिटेड ने फाइल की थी. हालांकि कंपनी ने एक्‍सचेंज फाइलिंग में स्‍पष्‍ट किया था कि वो याचिका के खिलाफ NCLAT में अपील करेगी और इस याचिका से कंपनी के कारोबार पर असर नहीं पड़ेगा, लेकिन हुआ इसके ठीक उल्‍टा . मंगलवार को बाजार खुले तो अनिल अंबानी की कंपनियों को झटका लगा.

क्‍या है मामला और क्‍या आया आदेश?

IDBI ट्रस्टीशिप सर्विसेज लिमिटेड ने 88 करोड़ रुपये से ज्यादा के अपने बकाये का पेमेंट नहीं करने के बाद रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर के खिलाफ ट्रिब्यूनल पहुंचा था, जिसके बाद NCLT ने दिवालिया प्रक्रिया की याचिका को मंजूरी किया है. हालांकि रिलायंस इंफ्रा ने इन आरोपों से इनकार किया है.

NCLT के ज्यूडिशियल मेंबर KR साजी कुमार और टेक्निकल मेंबर संजीव दत्त की बेंच ने अपने आदेश में कहा, 'हम इस निष्कर्ष पर पहुंचे हैं कि ऑपरेशनल क्रेडिटर (IDBI ट्रस्टीशिप) CD (कॉर्पोरेट देनदार) के खिलाफ देय और भुगतान योग्य परिचालन ऋण स्थापित करने में सफल हो गया है और CD यानी रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर डिफॉल्ट है.' रिलायंस इंफ्रा ने कहा है कि वो इस आदेश के खिलाफ अपील में जाएगी.

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