मार्च में अभी तक विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPIs) ने 41,483 करोड़ रुपये का निवेश किया. फॉरेन इन्वेस्टर्स जो पिछले कुछ वक्त से बिकवाली कर रहे थे, जबकि मार्च में उनकी ओर से खरीदारी का ट्रेंड नजर आ रहा है.
हालांकि एक्सपर्ट्स की मानें तो विदेशी निवेशकों की ओर से ये खरीद अधिकतर बड़े ट्रेड में हुई है, जो कि संभव है कि FPI एक्टिविटी में नजर नहीं आए.
FPI का निवेश का ट्रेंड अपने आप में अनिश्चित सा रहा है. जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज (Geojit Financial Services) के चीफ इन्वेस्टमेंट स्ट्रैटेजिस्ट VK विजयकुमार के मुताबिक, US बॉन्ड यील्ड में उतार-चढ़ाव के चलते FPIs अपनी स्ट्रैटेजी वक्त-वक्त पर बदलते रहे हैं.
उन्होंने आगे कहा, 'महंगाई के चलते US बॉन्ड यील्ड में उछाल आता है, जिसके चलते FPIs कई दिन की खरीदारी के बाद बिकवाली करते नजर आते हैं'.
मार्च में जो एक जरूरी ट्रेंड नजर आता है, वो ये कि लार्ज कैप में मजबूती, इसके अलावा मिड कैप और स्मॉल कैप में कमजोरी आई है. इसके चलते FPIs लार्ज कैप में अपनी हिस्सेदारी घटा रहे हैं, हालांकि बैंकिंग, टेलीकॉम और ऑटोमोबाइल सेक्टर के कुछ चुनिंदा स्टॉक्स में अपनी हिस्सेदारी बढ़ा भी रहे हैं.
ओवरसीज इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स ने फरवरी महीने में $186 मिलियन यानी 1,539 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे. इसमें विदेशी इन्वेस्टर्स ने फरवरी महीने में खरीदारी की. पहले हाफ में 4,919 करोड़ रुपये का आउटफ्लो रहा. NSDL डेटा के मुताबिक, प्राइमरी मार्केट्स में कुल 14,456.67 करोड़ रुपये का इनफ्लो रहा.
इस साल में, 19 मार्च तक विदेशी निवेशकों ने कुल 17,278 करोड़ रुपये की खरीदारी की है.
NDTV Profit से बातचीत में HSBC के एशिया इक्विटी स्ट्रैटेजी हेड हेराल्ड वैन डर लिंडे (Herald Van Der Linde) ने कहा, बीते कुछ हफ्ते में विदेशी निवेशकों ने चीन में आ रही तेजी के आने के बावजूद भारत से अपना पैसा नहीं निकाला है.
लिंडे भारत पर पॉजिटिव नजर आते हैं. उनका मानना है कि तेज बढ़त के मुकाबले हल्की तेजी आ सकती है.
हालांकि, FPIs अपना पैसा डेट मार्केट में डाल रहे हैं. JP मॉर्गन बॉन्ड इंडेक्स, ब्लूमबर्ग इमर्जिंग मार्केट इंडेक्स में घरेलू गिल्ट इन्क्लूजन और आने वाले साल के लिए केंद्र के फिस्कल टारगेट में बढ़ोतरी के चलते ये तेजी नजर आ रही है.
इस साल में विदेशी निवेशकों ने अभी तक 53,595 करोड़ रुपये का निवेश किया है. जनवरी में ये 19,937 करोड़ रुपये और फरवरी में 22,419 करोड़ रुपये रहा था. मार्च में ये अभी तक 11,339 करोड़ रुपये रहा है.