Multibagger Stocks: 'मल्टीबैगर शेयर' देने में सबसे आगे भारत के बाजार, गोल्डमैन सैक्स की रिपोर्ट

गोल्डमैन सैक्स रिपोर्ट के मुताबिक भारतीय बाजारों ने निवेशकों को सबसे ज्यादा मल्टीबैगर दिए हैं.

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भारत में इतने मल्टीबैगर शेयर हैं कि किसी को और कहीं जाने की जरूरत नहीं. गोल्डमैन सैक्स ने मल्टीबैगर स्टॉक्स पर एनालिसिस की है, जिसके मुताबिक दुनिया के 10 बड़े शेयर बाजारों में भारत का बाजार ऐसा है, जहां सबसे ज्यादा मल्टीबैगर स्टॉक्स हैं. मल्टीबैगर स्टॉक वो शेयर होते हैं जो 100% से ज्यादा या कई गुना रिटर्न देते हैं.

गोल्डमैन सैक्स की रिपोर्ट के अनुसार दुनिया के 10 प्रमुख बाजारों (Major Markets) में भारत में 'मल्टीबैगर' शेयरों का अनुपात सबसे अधिक है.

NSE-500 में 54% मल्टीबैगर शेयर

गोल्डमैन द्वारा किए गए एक एनालिसिस से पता चला है कि भारत में NSE 500 में शामिल 269 शेयरों ने पिछले दो दशकों मे दी 10 गुना से ज्यादा का रिटर्न दिया है. जो कि इंडेक्स का 54% है. ये रिसर्च में शामिल सभी 10 देशों में सबसे ज्यादा है.

गोल्डमैन के एनालिसिस मेंं और क्या है

गोल्डमैन सैक्स की एनालिसिस में 10 प्रमुख विकसित और विकासशील बाजारों में ट्रेड होने वाले 6700 शेयरों को शामिल किया गया. इसमें से 1500 शेयरों या 23% ने साल 2000 से 5 साल के रोलिंग पीरियड के दौरान कम से कम 10 गुना रिटर्न दिया है.

जिन 10 बाजारों पर पर ये एनालिसिस की गई, उसमें उभरते बाजारों में भारत, कोरिया, ब्राजील, दक्षिण अफ्रीका, चीन, और ताइवान शामिल रहे जबकि विकसित बाजारों में अमेरिका, जापान, यूरोप और ऑस्ट्रेलिया थे.

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वैल्यू के बेस पर ऑस्ट्रेलिया के बाद भारत

भारतीय शेयरों को अपने हाई (उच्च स्तर) पर पहुंचने में 54 महीने लगे, जबकि एनालिसिस किए गए बाजारों के लिए औसत मूल्य (median value) 52 महीने था. हालांकि, भारतीय शेयरों ने 24 गुना रिटर्न दिया, जो कवर किए गए बाजारों में औसत मूल्य का 1.5 गुना था. ये ऑस्ट्रेलिया के बाद दूसरे स्थान पर था, जिसने 25 गुना अधिक रिटर्न देखा.

मल्टीबैगर्स स्टॉक को कैसे पहचानें

  • भारत में NSE 500 में शामिल 269 स्टॉक्स ने दी गई कंडीशन के साथ 10 गुने से ज्यादा का रिटर्न दिया है. जो कि इंडेक्स का 54% है. इनमें मजबूत वित्तीय, हाई रिटर्न रेश्यो, स्मॉल मार्केट कैप और हाई प्रोमोटर रिस्क शामिल हैं

  • रिपोर्ट के मुताबिक मल्टीबैगर रिटर्न देने वाली कंपनियों ने रेवेन्यू में तेज ग्रोथ दर्ज की है. 60% मल्टीबैगर ने तेज रिटर्न देने वाली अवधि के दौरान कम से कम 20% रेवेन्यू ग्रोथ और 30% प्रॉफिट ग्रोथ दर्ज की है.

  • गोल्डमैन सैक्स ने कहा कि ऐसी मल्टीबैगर्स कंपनियां कैपिटल एलोकेशन के मामले काफी सक्षम रही हैं और उनके रिटर्न रेश्यो भी काफी ऊंचे रहे हैं. जिनमें से ज्यादातर ने इक्विटी पर रिटर्न और निवेशित पूंजी पर 15% से अधिक नकद रिटर्न दर्ज किया है.

  • गोल्डमैन सैक्स की रिपोर्ट में कहा गया है भारत में मल्टीबैगर रिटर्न देने वाली 148 कंपनियों मार्केट कैप सिर्फ 5 करोड़ डॉलर रहा था. इसका मतलब है कि ग्रोथ के लिए गुंजाइश अधिक है और शेयर रिटर्न के लिए बेस इफेक्ट का असर है. बेहतर प्रदर्शन करने वाले लगभग 70% शेयरों का वैल्युएशन 'मल्टीबैगर' बनने से पहले कम था.

  • रिपोर्ट के मुताबिक सीमेंट, केमिकल्स, कैपिटल गुड्स, रिटेल और कंज्यूमर ड्यूरेबल्स सेक्टर ने सबसे ज्यादा रिटर्न दिए .

  • ऐसी कंपनियों में प्रमोटर्स की मेजोरिटी इक्विटी हिस्सेदारी होती है, जबकि संस्थागत निवेशकों के पास अवधि की शुरुआत में 23% की हिस्सेदारी थी. करीब 60% मल्टीबैगर्स के पास बेहतर प्रदर्शन शुरू होने से पहले मेजोरिटी शेयरहोल्डर्स के रूप में प्रमोटर्स थे