गुजरा साल भारतीय बाजारों के लिए कैसा रहा, जरा पीछे मुड़कर देखें तो निवेश और निवेशकों के लिहाज से बाजार ने उपलब्धियों का एक पूरा पहाड़ पार किया है. नेशनल स्टॉक्स एक्सचेंज NSE ने अपनी सालाना रिपोर्ट जारी की है. जिसमें इसी तरह के कई डेटा है, जो साल 2024 की एक ऐसी तस्वीर पेश करते हैं, जो इक्विटी मार्केट में लोगों के बढ़ते रूझान को बताने के लिए काफी है.
मार्केट कैप 21.5% बढ़ा
NSE की इस रिपोर्ट के मुताबिक साल 2024 में NSE की लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप 21.5% बढ़ा है. 31 दिसंबर, 2024 तक NSE की लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप 438.9 लाख करोड़ रुपये (US$ 5.13 ट्रिलियन) रहा, जबकि पिछले साल ये 361.05 लाख करोड़ रुपये (US$ 4.34 ट्रिलियन) रहा था.
निफ्टी50 ने 1 अगस्त 2024 को 25,00 की ऊंचाई को छुआ था और 26 सितंबर को 26,216.05 को रिकॉर्ड हाई बनाया था, इस हिसाब से निफ्टी ने साल 2024 में 8.8% का रिटर्न दिया. 23 मई को इसका मार्केट कैप पहली बार 5 ट्रिलियन डॉलर के पार निकला.
IPOs की लंबी फेहरिस्त
साल 2024 में नए IPOs की लंबी कतार रही और रिकॉर्ड लिस्टिंग्स हुईं. साल 2024 में कुल 268 कंपनियों की लिस्टिंग हुई, जिसमें 90 लिस्टिंग मेनबोर्ड सेगमेंट की हैं और 178 SME कैटेगरी की हैं. इस दौरान कई बड़े और कई छोटे IPO भी आए. सबसे बड़ा IPO ह्युंदई मोटर इंडिया का था, जिसने इश्यू के जरिए 27,859 करोड़ रुपये जुटाए, जबकि सबसे छोटा IPO विभोर स्टील ट्यूब्स का था, जिसने सिर्फ 72 करोड़ रुपये मार्केट से जुटाए.
महाराष्ट्र, गुजरात से आगे यूपी-बिहार
IPO बूम की वजह से बाजार में नए निवेशकों की संख्या भी तेजी से बढ़ी. NSE का इन्वेस्टर बेस साल 2024 में 2.3 करोड़ से बढ़कर 10.9 करोड़ पहुंच गया. जो कि अपने आप में एक रिकॉर्ड है. अभी तक बाजार पर महाराष्ट्र और गुजरात के निवेशकों का ही दबदबा हुआ करता था, लेकिन साल 2024 में NSE ने सबसे ज्यादा निवेशक उत्तर प्रदेश और बिहार से जोड़े हैं.
उत्तर प्रदेश से रजिस्टर्ड निवेशकों की संख्या 36% सालाना बढ़ी जबकि बिहार में इंवेस्टर्स ग्रोथ 41% रही. उत्तर प्रदेश में दिसंबर, 2023 में 90 लाख निवेशक थे, जो कि दिसंबर, 2024 में बढ़कर 1.23 करोड़ हो गए. बिहार में 35 लाख से बढ़कर निवेशकों की संख्या 48 लाख हो गई है. दिल्ली-NCR ने नए निवेशकों के मामले बाजी मारी है. महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और गुजरात कुल इंवेस्टर बेस का एक तिहाई रखते हैं.
तेजी से जुड़ते गए नए निवेशक
NSE को 4 करोड़ निवेशक बनाने में 25 साल से ज्यादा का वक्त लगा, जो कि उसने मार्च 2021 में हासिल किया, इसके बाद हर एक करोड़ निवेशक बनाने सिर्फ 6-7 महीने में बने हैं. पिछला 1 करोड़ इंवेस्टर बेस सिर्फ 5 महीने में बना.
इन आंकड़ों से एक अच्छी बात और सामने आई है कि युवा आबादी के बीच शेयर बाजार को लेकर जागरूकता बढ़ी है, क्योंकि चार साल पहले निवेशकों की औसत उम्र 41.1 हुआ करती थी अब गिरकर 35.8 हो गई है. इसमें महिला निवेशकों की संख्या भी काफी है, जो कुल इंवेस्टर बेस का चौथाई हैं. नवंबर 2024 में ये करीब 24% था, दिसंबर में 23% के आस-पास है. इसके अलावा क्लाइंट अकाउंट्स की संख्या (UCCs) भी साल के अंततक 21.1 करोड़ हो गई है, जो कि इसी साल अक्टूबर में 20 करोड़ थी.
NSE को 4 करोड़ निवेशक बनाने में 25 साल से ज्यादा का वक्त लगा, जो कि उसने मार्च 2021 में हासिल किया, इसके बाद हर एक करोड़ निवेशक बनाने सिर्फ 6-7 महीने में बने हैं. पिछला 1 करोड़ इंवेस्टर बेस सिर्फ 5 महीने में बना.