SEBI ने रद्द किया कार्वी स्टॉक ब्रोकिंग का रजिस्ट्रेशन, क्लाइंट फंड के गलत इस्तेमाल का मामला

SEBI ने कहा है कि कार्वी स्टॉक ब्रोकिंग ने ग्राहकों के फंड और सिक्योरिटीज का गलत इस्तेमाल किया और शेयर गिरवी रखकर फंड जुटाए.

Source: Reuters

कार्वी ब्रोकिंग पर SEBI ने एक और बड़ा एक्शन लिया है. मार्केट रेगुलेटर SEBI ने कार्वी स्टॉक ब्रोकिंग (Karvy Stock Broking) का रजिस्ट्रेशन कैंसिल कर दिया है. SEBI ने कहा है कि कार्वी स्टॉक ब्रोकिंग ने ग्राहकों के फंड और सिक्योरिटीज का गलत इस्तेमाल किया है. SEBI का ये आदेश तत्काल लागू होगा और किसी भी तरह के बकाए की जिम्मेदारी कार्वी स्टॉक ब्रोकिंग की होगी

SEBI ने रजिस्ट्रेशन कैंसिल करते हुए कहा कि कार्वी ग्राहकों के अकाउंट से कंपनी के अकाउंट में फंड ट्रांसफर करता था और फिर इस फंड को ब्रोकरेज हाउस की ग्रुप कंपनियों में ट्रांसफर करके इससे फंड जुटाया जाता था.

SEBI के ऑर्डर के मुताबिक, कार्वी ने क्लाइंट्स के शेयर और सिक्योरिटीज गिरवी रखकर कुल 2,032.67 करोड़ रुपये का कर्ज लिया था. इस कर्ज के बदले जो सिक्योरिटीज गिरवी रखी गई थी उसकी वैल्यू उस वक्त 2,700 करोड़ रुपये थी.

SEBI ने ये भी कहा कि ब्रोकरेज फर्म ने ग्राहकों के फंड और सिक्योरिटीज का सेटलमेंट भी नहीं किया. इसके अलावा कार्वी ने बैंक खातों और डिपॉजिटरी खातों की जानकारी भी नहीं दी और फॉरेंसिक ऑडिटर के साथ जांच में भी सहयोग नहीं किया.

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21 करोड़ रुपये का जुर्माना

इससे पहले अप्रैल 2023 में SEBI ने कार्वी स्टॉक ब्रोकिंग लिमिटेड (KSBL) और उसके प्रोमोटर को 7 साल के लिए सिक्योरिटीज मार्केट से बैन कर दिया था. SEBI ने 'पावर ऑफ अटॉर्नी' का दुरुपयोग करके क्लाइंट के पैसों की हेराफेरी करने के लिए कार्वी पर 21 करोड़ रुपये का जुर्माना भी लगाया था.

कर्ज जुटाने का जरिया

कार्वी स्टोक ब्रोकिंग ने क्लाइंट्स के डीमैट अकाउंट में रखे शेयरों को बड़े पैमाने पर कर्ज जुटाने का जरिया बना लिया था. कंपनी ने अलग-अलग बैंकों और वित्तीय संस्थानों से सितंबर 2019 तक क्लाइंट्स के शेयरों को गिरवी रखकर कुल 2,032.67 करोड़ रुपये जुटा लिए थे.

आपको बता दें कि SEBI ने नवंबर 2019 में KSBL को नए ब्रोकरेज क्लाइंट जोड़ने से रोक दिया था और नवंबर 2020 में कार्वी को डिफॉल्टर घोषित कर दिया गया था.

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