मार्केट रेगुलेटर SEBI की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच को बॉन्ड मार्केट में तेजी आने की उम्मीद है. गुरुवार को एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (AMFI) की सालाना आम बैठक (AGM) को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि SEBI को इक्विटी शेयर सेगमेंट की तरह बॉन्ड मार्केट में भी तेजी आने की उम्मीद है. इसका कारण इस सेक्टर में टेक्नोलॉली का बढ़ता इस्तेमाल और पारदर्शिता है.
हिंडनबर्ग रिसर्च और कांग्रेस की ओर से हितों के टकराव से जुड़े आरोपों का सामना कर रहीं बुच ने आरोप लगाने वालों पर भी तंज कसा.
उन्होंने हल्के-फुल्के अंदाज में इशारा किया कि अगर वो रियल एस्टेट निवेश ट्रस्ट (REITs) और ICICI बैंक पर चर्चा करती हैं तो इससे 'विवाद' की संभावना है. उन्होंने कहा, 'मैं म्यूचुअल फंड के बारे में बात कर रही हूं, क्योंकि वे कहते हैं कि इन दिनों मैं REITs के बारे में बहुत अधिक बात करती हूं.'
प्राइमरी मार्केट एक्टिविटी मजबूत
बुच ने कहा कि कॉरपोरेट बॉन्ड को लेकर प्राइमरी मार्केट एक्टिविटी मजबूत हैं. वित्त वर्ष 2023-24 में 8.50 लाख करोड़ रुपये से अधिक के बॉन्ड जारी किए गए. लेकिन दूसरी तरफ सेकेंडरी मार्केट में बॉन्ड को लेकर एक्टिविटीज कम है.
मुझे लगता है कि जिस तरीके से टेक्नोलॉजी आई है और पारदर्शिता बढ़ी है, निश्चित रूप से बॉन्ड बाजार में वैसी ही तेजी आएगी जैसी कि हमने हमने इक्विटी बाजार में देखी है.माधबी पुरी बुच, चेयरपर्सन, SEBI (AMFI के कार्यक्रम में)
उन्होंने कहा कि कॉरपोरेट बॉन्ड पर हाल ही में शुरू की गई रेपो फैसिलिटी में मंथली वॉल्यूम 20,000 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है.
कुछ प्रस्तावों पर RBI से मंजूरी का इंतजार
माधबी पुरी बुच ने कहा कि SEBI कुछ प्रस्तावों पर RBI से मंजूरी का इंतजार कर रहा है और उसके बाद कॉरपोरेट रेपो एक्टिविटी बढ़ने का भरोसा है. हालांकि उन्होंने इस बारे में और कुछ नहीं बताया.
बुच ने कहा, कॉरपोरेट रेपो के अलावा, कॉरपोरेट बॉन्ड के लिए बनाए गए मंच सेकेंडरी मार्केट एक्टिविटी बढ़ाने में भी मदद करेंगे. इस पहल का उद्देश्य निवेश को लोकतांत्रिक बनाना है. उन्होंने इक्विटी IPO का जिक्र करते हुए कहा कि ऐसा कोई आवेदन नहीं है जो 3 महीने से ज्यादा समय से लंबित हो.
SEBI को MF पसंद है, क्योंकि...
बुच ने म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री से स्टीवर्डशिप कोड के प्रावधानों का अधिक सक्रियता से उपयोग करने का आह्वान किया, ताकि खुदरा निवेशकों की दबी हुई आवाज सुनी जा सके.
उन्होंने कहा कि SEBI को म्यूचुअल फंड (MF) इसलिए पसंद है क्योंकि इंडस्ट्री, फाइनेंशियल इनक्लूशन के उद्देश्य को पूरा करने में सक्षम है. उन्होंने कहा कि मार्केट रेगुलेटर, MF लाइट रेगुलेशन शुरू करने की कगार पर है और इस पर सुझाव मांगे गए हैं.
...ताकि F&O के घाटे से बचें लोग
इसी कार्यक्रम में SEBI के पूर्णकालिक सदस्य अश्विनी भाटिया ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि फ्यूचर एंड ऑप्शंस सेगमेंट में निवेशकों पर AMFI की टैगलाइन 'म्यूचुअल फंड सही है' का असर पड़ेगा, क्योंकि वे घाटे में जी रहे हैं.
उन्होंने ये भी कहा कि रेगुलेशन इसलिए सख्त हैं क्योंकि इंडस्ट्री को दूसरों के पैसे का मैनेजमेंट करने के अपने कर्तव्य को लेकर जिम्मेदार होने की जरूरत है.
चेयरपर्सन बुच ने बताया कि SEBI जल्द ही एक लेख प्रतियोगिता (Essay Writing Competition) लेकर आ रहा है, जिसमें दो कैटगरीज होंगी. एक कैटगरी में तो Chat-GPT जैसे जेनरेटिव AI एप्लीकेशंस का इस्तेमाल करने की भी अनुमति होगी.