SEBI Guidelines: शेयर मार्केट पर अफवाहों का असर न हो, कंपनियों को 24 घंटे के भीतर करनी होगी पुष्टि या खंडन!

SEBI के नियम 1 जून से टॉप 100 लिस्टेड कंपनियों पर लागू होंगे, जबकि दिसंबर 2024 से अगली 150 कंपनियों पर लागू होंगे.

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Sebi Guidelines on Market Rumours: अफवाहों के चलते शेयर मार्केट पर पड़ने वाले असर से निपटने के लिए मार्केट रेगुलेटर SEBI ने नई गाइडलाइंस जारी की है. मार्केट में उड़ी अफवाहों (Market Rumours) के चलते अक्सर शेयरों की कीमतें गिरती या चढ़ती रहती हैं. 21 मई को जारी SEBI की गाइडलाइंस इस पर लगाम लगाएगी.

SEBI ने कहा कि अगर किसी अफवाह के चलते स्टॉक की कीमत में बदलाव होता है तो लिस्टेड कंपनी को जवाब देना होगा और इन अफवाहों का सत्‍यापन या खंडन करना होगा.

ये नियम 1 जून से टॉप 100 लिस्टेड कंपनियों पर लागू होंगे, जबकि दिसंबर 2024 से अगली 150 कंपनियों पर लागू होंगे. यानी कुल 250 कंपनियों पर ये नियम लागू होंगे.

अप्रभावित कीमत का कॉन्सेप्ट

स्टॉक मार्केट पर अफवाहों का असर खत्म करने के लिए SEBI ने अप्रभावित कीमत (Unaffected Price) का कॉन्सेप्ट भी दिया है. इसका मतलब ऐसी कीमत से है, जिस पर इन अफवाहों का असर नहीं हुआ हो. यानी अफवाह के चलते कीमतों में उतार-चढ़ाव नहीं होने से जो कीमत रहती.

नियमों के मुताबिक, अगर किसी अफवाह या अपुष्ट खबर के चलते स्टॉक की कीमत में बड़ा अंतर दिखता है, तो 24 घंटे के भीतर

  • खबर की या तो पुष्टि करनी होगी

  • या उसे खारिज करना होगा

  • या फिर कंपनी को स्थिति साफ करनी होगी.

कई बार ऐसा देखने को मिला है कि किसी अफवाह या अपुष्ट खबर से स्टॉक में तेज उतार-चढ़ाव हुआ, लेकिन अफवाहों का खंडन करने में कंपनी की देरी के चलते निवेशकों को बेवजह बड़ा नुकसान उठाना पड़ा. अब SEBI के सर्कुलर के मुताबिक अफवाह की पुष्टि होने पर नियमों के तहत, उस शेयर के लिए Unaffected Price को माना जाएगा.

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अप्रभावित मूल्य का कैलकुलेशन

  • अप्रभावित मूल्य (Unaffected Price) तय करने के लिए SEBI ने वॉल्यूम-वेटेड एवरेज प्राइस (VWAP) को एडजस्ट करने का एक तरीका/Method दिया है.

  • इसमें डेली वेटेड एवरजेज प्राइस (WAP) का कैलकुलेशन करना और फिर अफवाह के कारण होने वाले बदलावों को बाहर करना शामिल है.

  • एडजस्टेड डेली WAP का इस्तेमाल उस दिन से किया जाता है, जिस दिन स्टॉक प्राइस में उतार-चढ़ाव शुरू होता है, जब तक कि अफवाह की पुष्टि नहीं हो जाती और उससे थोड़ा आगे तक.

  • ये एडजस्टेड प्राइस अफवाह के समय के आसपास होने वाले लेनदेन के वैल्युएशन में में निष्पक्षता और सटीकता (Fairness and Accuracy) बनाए रखने में मदद करता है.

SEBI ने VWAP कैलकुलेशन के लिए उदाहरण भी दिया है. जैसे,

यदि 27 जुलाई को स्टॉक प्राइस में बड़ा उतार या चढ़ाव होता है और अफवाह की पुष्टि 28 जुलाई को होती है, तो एडजस्टेड डेली WAP, 26 जुलाई से आधारित होगा. अप्रभावित VWAP के कैलकुलेशन के लिए इसी एडस्टेड प्राइस का उपयोग बाद के दिनों के लिए किया जाता है, जो फिर किसी भी प्रासंगिक लेनदेन पर लागू होता है.

यहां देखें SEBI का सर्कुलर

SEBI ने किए अन्य बदलाव भी

मार्केट रेगुलेटर ने नियमों से जुड़े कई और भी बदलाव किए हैं. IPO लाने की तैयारी कर रही कंपनियों के लिए कारोबार में आसानी से जुड़े ऐलान शामिल हैं. इसमें ऑफर साइज में बदलाव, मिनिमम प्रमोटर कॉन्ट्रीब्यूशन वगैरह शामिल हैं.

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इसके साथ ही SEBI ने मार्केट कैप के आधार पर रैंकिंग के लिए भी नया तरीका लागू किया है. इसके मुताबिक, अब एक दिन की जगह 6 महीने के एवरेज मार्केट प्राइस के आधार पर कंपनियों को रैंकिंग दी जाएगी.

(Source: SEBI Guidelines With PTI Inputs)

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