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चौंकिए मत! हम ऐसा कुछ नहीं बताने जा रहे. बल्कि आपको आगाह कर रहे हैं कि अगर इस तरह के झांसे में पड़े तो कहीं के नहीं रहेंगे.
ट्रेडिंग फ्रॉड के अलावा एटीएम, डेटिंग, गेमिंग, लोन जैसे तमाम फ्रॉड से आपको सावधान रहना है. सावधानियों के बारे में जानने से पहले इन फ्रॉड्स के बारे में जान लीजिए.
देश में साइबर क्राइम तेजी से बढ़े हैं, इतनी तेजी से कि इस साल हर दिन औसतन 7,000 से ज्यादा शिकायतें दर्ज की गई हैं. इस साल 30 अप्रैल तक साइबर फ्रॉड की 7.40 लाख शिकायतें दर्ज की गई हैं. इनमें ज्यादातर घटनाएं फर्जी ट्रेडिंग एप्स, लोन एप्स, गेमिंग, डेटिंग एप्स और एल्गोरिदम मैनिपुलेशन से जुड़ी हैं.
दक्षिण-एशियाई देशों से फ्रॉड, चीन से भी कनेक्शन
साइबर क्राइम को-ऑर्डिनेशन सेंटर (I4C) के मुताबिक, इनमें ज्यादातर फ्रॉड के केंद्र झारखंड का जामताड़ा या NCR का मेवात नहीं, बल्कि दक्षिण पूर्व एशियाई देशों में हैं. I4C के CEO राजेश कुमार के मुताबिक, ज्यादातर साइबर क्रिमिनल्स कंबोडिया, थाईलैंड, म्यांमार, लाओस जैसे देशों से भारतीयों को निशाना बना रहे हैं.
I4C के CEO राजेश कुमार के मुताबिक, जिन ऐप्स के जरिए फ्रॉड्स को अंजाम दिया जा रहा है, उनमें से कई में मंदारिन लैंग्वेज दिखा है. ऐसे में भारत को प्रभावित करने वाले साइबर क्राइम्स में चीन का हाथ होने की संभावना बढ़ जाती है.
हालांकि दिलचस्प बात ये है कि चीन भी इस तरह के फ्रॉड्स का शिकार है और दक्षिण एशियाई देशों से करीब 44,000 चीनी सिविलियंस को वापस भेजा गया है. ये साइबर क्राइम एक्टिविटीज के व्यापक और जटिल नेटवर्क का संकेत देता है.
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₹7 हजार करोड़ से ज्यादा का नुकसान
I4C चीफ ने बताया कि एक साल में (2023) में, नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल (NCCR) पर दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों से संचालित 1 लाख से अधिक इन्वेस्टमेंट स्कैम्स की सूचना दी गई और 10 हजार FIR दर्ज की गई. उन्होंने बताया, 'इस साल जनवरी से अप्रैल के बीच देश में साइबर क्राइम से लोगों को कुल 7,061.51 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. इनमें से 812.72 करोड़ रुपये (12%) ब्लॉक करने में हम कामयाब हुए हैं.'
जनवरी से अप्रैल 2024 के बीच 62,587 इन्वेस्टमेंट स्कैम्स में 1,420 करोड़ रुपये और 20,043 ट्रेडिंग स्कैम्स में 222 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ. वहीं 4,599 डिजिटल अरेस्ट स्कैम्स में 120 करोड़ रुपये, जबकि रोमांस/डेटिंग से जुड़े 1,725 स्कैम्स में 13 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ.
कंबोडिया में बड़े नेटवर्क का भंडाफोड़
हाल ही में हुई एक घटना में, आंध्र प्रदेश पुलिस ने कंबोडिया के सिहानोक शहर में एक संदिग्ध साइबर क्राइम नेटवर्क का भंडाफोड़ किया. साइबर क्राइम नेटवर्क में काम कर रहे कुछ भारतीय नागरिकों के विरोध के बाद 3 स्थानीय एजेंट्स को पुलिस ने गिरफ्तार किया.
कंबोडिया स्थित भारतीय दूतावास ने व्हिसलब्लोअर की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाया है. वहां करीब 360 भारतीयों को वापस घर लाया जा रहा है, जबकि करीब 60 लोगों को स्थानीय अधिकारियों ने गिरफ्तार किया है. भारत सरकार इन साइबर अपराधों में फंसे शेष भारतीयों को वापस लाने के लिए कंबोडियाई सरकार के साथ मिलकर काम कर रही है.
और क्या-क्या एक्शन हुए?
साइबर क्राइम से निपटने के लिए अधिकारियों ने पिछले कुछ महीनों में कई जरूरी कदम उठाए. साइबर क्राइम पर नकेल कसने के लिए I4C स्काइप अकाउंट्स, गूगल और मेटा पर विज्ञापनों, SMS हेडर्स, सिम कार्ड, बैंक खातों आदि जैसे साइबर क्राइम इंफ्रास्ट्रक्चर्स की लगातार निगरानी कर रहा है.
इस क्रम में जुलाई 2023 से अब तक 325,000 म्यूल अकाउंट्स फ्रीज कर दिए गए.
पिछले 4 महीने में 3,000 से ज्यादा URLs और 595 ऐप को IT एक्ट की धारा 69ए के तहत ब्लॉक कर दिया गया.
जनवरी से अप्रैल के बीच 30,000 सिम कार्ड और 80,848 IMEI नंबर को सस्पेंड या कैंसल कर दिया गया.
हाई-लेवल इंटर-मिनिस्ट्रियल कमिटी का गठन
I4C के CEO राजेश कुमार ने बताया कि बढ़ते साइबर क्राइम और नए ट्रेंड को देखते हुए अलग-अलग कानूनी और खुफिया एजेंसियों की एक इंटर-मिनिस्ट्रियल कमिटी बनाई गई है. गृह मंत्रालय (MHA) ने 16 मई को इस समिति का गठन किया और अब तक इस समिति की 2 बैठकें भी हो चुकी हैं.
इस समिति की अगुवाई गृह मंत्रालय में विशेष सचिव (आंतरिक सुरक्षा) करते हैं, जबकि केंद्रीय बैंक RBI, वित्तीय सेवा विभाग, बैंकों, वित्तीय खुफिया इकाई, दूरसंचार विभाग (DoT) और फाइनेंशियल टेक्नोलॉजी कंपनियों के अधिकारी इसके सदस्य हैं.
साइबर क्राइम से कैसे बचें?
अपने बैंक अकाउंट्स का पासवर्ड/पिन वगैरह कभी किसी से शेयर न करें.
मोबाइल पर अनवांंटेड मैसेजेस से सावधान रहें.
ऑनलाइन जॉब/ पार्ट टाइम जॉब के झांसे में न फंसे.
बहुत ज्यादा रिटर्न का वादा करने वाले जॉब ऑफर्स से बचें.
हाई सैलरी वाले काम का वादा करने वाले किसी भी व्यक्ति को पैसे न भेजें.
आधिकारिक वेबसाइटों या ऐप के माध्यम से ही जॉब की पुष्टि करें.
किसी भी तरह का लॉगिन क्रेडेंशियल कभी भी शेयर न करें.
व्यक्तिगत, संवेदनशील या फाइनेंशियल डिटेल किसी के साथ साझा न करें.
किसी भी Unknown ऐप को इंस्टॉल न करें, न ही Unknown वेबसाइट पर जाएं.
किसी अजनबी के कहने पर कोई फाइल या ऐप डाउनलोड न करें.
साइबर क्राइम की घटनाओं की रिपोर्ट (www.cybercrime.gov.in) पर करें.
आप टोल-फ्री नंबर 1930 पर कॉल कर के भी रिपोर्ट दर्ज करा सकते हैं.
(Source: CyberDost X, cybercrime.gov.in, PTI, indembcam, MHA)