EY कर्मचारी अन्ना सेबेस्टियन की मौत के मामले में राज्य सरकार की जांच जारी है. जांच के दौरान सामने आया है कि पुणे में ऑपरेट करने वाली EY ने जरूरी रजिस्ट्रेशन भी नहीं किया था.
सोमवार को महाराष्ट्र लेबर कमीशन के अधिकारी कंसल्टिंग के पुणे स्थित ऑफिस पहुंचे और वहां अधिकारियों का इंटरव्यू किया. ये जानकारी राज्य सरकार के एक अधिकारी ने NDTV को दी.
स्टेट लेबर डिपार्टमेंट ने केंद्र सरकार को एक प्राथमिक जांच रिपोर्ट सौंपी है. रिपोर्ट में स्टेट लेबर डिपार्टमेंट ने कहा कि EY ने पुणे ऑफिस में रजिस्ट्रेशन नहीं करवाया है, जो कंपनीज एक्ट के तहत अनिवार्य है.
रिपोर्ट में दी गई अन्य जानकारी में ये भी बताया गया है कि सेबेस्टियन की मौत हार्ट डिसीज के चलते हुई है.
स्टेट लेबर डिपार्टमेंट केंद्र सरकार को नियम बनाने के लिए कुछ सुझाव देगा, जिनसे कर्मचारियों का संरक्षण सुनिश्चित हो पाएगा.
इन सुझावों के तहत एक दिन में 8 घंटे काम की सीमा तय करने का सुझाव भी होगा.
अगर काम के घंटे बढ़ाए जाने हैं तो सीनियर्स से अप्रूवल लेना होगा.
8 घंटे के बाद लैपटॉप बंद करना अनिवार्य करने की बात भी सुझावों में शामिल है.
मां के खत के बाद चर्चा में आया मुद्दा
बता दें जुलाई में हुई सेबेस्टियन की मौत पर शुरू में ज्यादा ध्यान नहीं गया था, लेकिन जैसे ही उनकी मां अनीता ऑगस्टीन ने EY इंडिया के चेयरमैन राजीव मेमानी को खत लिखा, पूरे देश और मीडिया की नजर मामले पर घूम गई.
ये खत तेजी से वायरल हुआ, जिसमें ऑगस्टीन, मेमानी से फर्म में टॉक्सिक वर्क कल्चर पर ध्यान देने की गुहार लगा रही हैं. उन्होंने खत में दावा किया कि टॉक्सिक वर्क कल्चर के चलते सेबेस्टियन की मौत हुई. सोशल मीडिया पर बड़े पैमाने पर लोगों ने ऑगस्टीन के साथ एकजुटता दिखाई. साथ ही अपने अनुभवों को भी साझा किया.
हालांकि सेबेस्टियन की मौत के बाद EY ने किसी भी कदम के उठाए जाने की सूचना नहीं दी,. लेकिन ऑगस्टीन का खत सार्वजनिक होने के बाद कंपनी ने एक पब्लिक स्टेटमेंट जारी किया है.
EY ने स्टेटमेंट में कहा, 'हम परिवार की बात को पूरी गंभीरता से ले रहे हैं. हम अपने कर्मचारियों के कल्याण को सबसे ज्यादा प्राथमिकता देते हैं और भारत में तमाम EY मेंबर फर्म्स में काम करने वाले हमारे 1 लाख कर्मचारियों को बेहतर वर्कप्लेस उपलब्ध कराने और इसमें सुधार करने के लिए काम करते रहेंगे.'