G20 Summit 2023: यूरोप से जुड़ेगा भारत, 'इंडिया-मिडिल ईस्ट-यूरोप कॉरिडोर' पर MoU साइन

इसमें दो कॉरिडोर होंगे. पहला, ईस्ट कॉरिडोर भारत को पश्चिम एशिया/मिडिल ईस्ट से जोड़ेगा. दूसरा नॉदर्न कॉरिडोर पश्चिम एशिया/मिडिल ईस्ट को यूरोप से जोड़ेगा.

Picture: Twitter/G20

G20 समिट के पहले दिन से 'इंडिया-मिडिल ईस्ट-यूरोप इकोनॉमिक कॉरिडोर' पर बड़ी खबर सामने आई है. भारत, अमेरिका, यूरोपियन यूनियन, जापान, सऊदी अरब और UAE के लीडर्स ने इस इकोनॉमिक कॉरिडोर पर MoU साइन किया है. इस प्रोजेक्ट में शामिल देश अगले 60 दिनों में एक एक्शन प्लान डेवलप करने के लिए मिलेंगे.

इस कॉरिडोर के दो हिस्से होंगे. पहला, पूर्वी कॉरिडोर भारत को मिडिल ईस्ट से जोड़ेगा. दूसरा, उत्तरी कॉरिडोर मिडिल ईस्ट को यूरोप से जोड़ेगा.

कॉरोडोर से क्या-क्या फायदे होंगे?

इस कॉरिडोर के बाद कनेक्टिविटी बढ़ेगी. आर्थिक विकास के साथ-साथ एशिया, अरब खाड़ी क्षेत्र और यूरोप के बीच आर्थिक एकीकरण में मदद मिलने की उम्मीद है. इस प्रोजेक्ट में रेलवे नेटवर्क भी शामिल है. इसके पूरे हो जाने पर ये रेल नेटवर्क, मौजूदा समुद्री और क्षेत्रीय सड़क रास्तों से अलग एक विश्वसनीय और किफायती ट्रांजिट नेटवर्क उपलब्ध करेगा.

इस कॉरिडोर में शामिल देश बिजली और डिजिटल कनेक्टिविटी के लिए केबल और क्लीन हाइड्रोजन एक्सपोर्ट के लिए पाइप बिछाने की भी योजना बना रहे हैं.

नौकरियां भी बढ़ेंगी

कॉरिडोर से रीजनल सप्लाई चेन बेहतर होगी और व्यापार बढ़ाने में भी मदद मिलेगी. इस प्रोजेक्ट में शामिल देशों का मानना है कि कॉरिडोर से लागत घटेगी, आर्थिक गतिविधियां बढ़ेंगी, नौकरियां पैदा होंगी और ग्रीनहाउस गैस का उत्सर्जन घटेगा.

बयान में कहा गया है कि आज का MoU शुरुआती चर्चाओं का नतीजा है. ये भाग लेने वाले देशों की राजनीतिक प्रतिबद्धताओं को आगे रखता है.

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