Monsoon Enters Kerala: मॉनसून का इंतजार खत्म हो चुका है. दक्षिण-पश्चिम मॉनसून ने केरल के रास्ते भारत में दस्तक दे दी है. भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने गुरुवार को बताया कि केरल में बुधवार को मॉनसून पहुंच गया है. इसी के साथ वहां पिछले 24 घंटे से झमाझम बारिश हो रही है.
मॉनसून की बारिश आम तौर पर 1 जून को केरल के तट से शुरू होती है, जिसने इस बार करीब एक सप्ताह की देरी से दस्तक दी है.
देश में आधे से अधिक कृषि योग्य भूमि सिंचाई के लिए मॉनसून पर आधारित है. मॉनसून में ज्यादा देर हो तो इससे सिंचाई प्रभावित होती है.
अरब सागर में बनी स्थिति से हुई देरी!
IMD ने इस बार 4 जून को मॉनसून के प्रवेश का अनुमान जताया था. हालांकि बाद में अरब सागर में कम दबाव के चलते बिपरजॉय साइक्लोन की स्थिति बनी और इसने मॉनसून को प्रभावित किया. IMD ने अरब सागर में बनी स्थिति को लेकर मॉनसून के लेट होने की भविष्यवाणी की थी.
बाकी राज्यों में कब पहुंचेगा मॉनसून?
केरल में पिछले 24 घंटों से झमाझम बारिश हो रही है. IMD के अनुसार, इडुक्की जैसे जिलों में मंगलवार को 100 मिमी से अधिक बारिश हुई है.
IMD का कहना है कि मॉनसून के आगे बढ़ने के लिए परिस्थितियां अनुकूल हैं और अगले 48 घंटों में तमिलनाडु, कर्नाटक और पूर्वोत्तर राज्यों के कुछ हिस्सों में बारिश होने की उम्मीद है.
दिल्ली-मुंबई में बारिश कब होगी
इसके बाद मॉनसून गोवा और मुंबई में 17 जून तक प्रवेश कर सकता है. वहीं, उत्तर भारत की बात करें, तो राजधानी दिल्ली और आसपास के राज्यों में मॉनसून, इस महीने के अंत तक या जुलाई के पहले हफ्ते में पहुंच सकता है.
खिल उठे किसानों के चेहरे
देश के आधे से अधिक खेतिहर हिस्से की सिंचाई करने वाला दक्षिण-पश्चिमी मॉनसून, साल 2003 में सबसे ज्यादा लेट हुआ था. उस साल 13 जून को मॉनसून की बारिश की शुरुआत हुई थी. इस बार 7 दिन की देर से ही सही, पर मॉनसून के फाइनली प्रवेश करने की खबर से किसानों के चेहरे खिल उठे हैं.