अमेरिका के साथ कई चरणों वाली ट्रेड डील चाहता है भारत; दोनों देशों के बीच चर्चा जारी

हालांकि बातचीत अभी चल ही रही है और इस बात पर अभी तक कोई स्पष्टिकरण नहीं आया है कि ट्रेड डील के लिए ट्रंप प्रशासन ने तीन चरण प्रक्रिया के लिए हामी भर दी है या नहीं.

भारत अमेरिका के साथ एक ट्रेड डील को लेकर चर्चा कर रहा है, जो तीन चरणों में तैयार की जाएगी. इस पर अंतरिम समझौता जुलाई से पहले होने की उम्मीद है, जब राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप का रेसिप्रोकल टैरिफ लागू होगा. मामले की जानकारी रखने वाले लोगों ने ये बताया है.

तीन चरणों वाली डील पर चर्चा जारी

मामले की जानकारी रखने वालों ने अपनी पहचान जाहिर नहीं करने की शर्त पर बताया कि अंतरिम समझौते में कई क्षेत्र शामिल किए जाएंगे, जिनमें इंडस्ट्रियल गुड्स और कुछ फॉर्म प्रोडक्ट्स के लिए बाजार की पहुंच और कुछ नॉन टैरिफ व्यवधानों जैसे कि क्वालिटी कंट्रोल की जरूरतों का समाधान निकालना.

हालांकि बातचीत अभी चल ही रही है और इस बात पर अभी तक कोई स्पष्टिकरण नहीं आया है कि ट्रेड डील के लिए ट्रंप प्रशासन ने तीन चरण प्रक्रिया के लिए हामी भर दी है या नहीं. वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल अपने चार दिन के दौरे पर वॉशिंगटन में ही मौजूद है, उनका दौरा मंगलवार को खत्म हो रहा है. पीयूष गोयल ने बातचीत को आगे बढ़ाने के लिए वहां पर अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि जैमिसन ग्रीर और वाणिज्य सचिव हॉवर्ड लुटनिक से मुलाकात की.

भारत के वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय और विदेश मंत्रालय ने आगे की जानकारी के अनुरोधों का तुरंत जवाब नहीं दिया. USTR और वाणिज्य विभाग ने भी सवालों का तुरंत जवाब नहीं दिया है.

सितंबर-नवंबर में डील का दूसरा चरण

मामले से परिचित भारतीय अधिकारियों ने कहा कि भारत-अमेरिका सौदे का दूसरा चरण सितंबर से नवंबर के बीच होने वाला एक व्यापक और अधिक विस्तृत समझौता हो सकता है, जिसमें अप्रैल में दोनों पक्षों की ओर से 'टर्म्स ऑफ रेफरेंस' बताए गए 19 क्षेत्र शामिल होंगे.

एक व्यक्ति ने कहा कि सौदे के इस भाग का समय क्वाड नेताओं के शिखर सम्मेलन के लिए ट्रंप की भारत की यात्रा के साथ मेल खा सकता है. क्वाड (Quadrilateral Security Dialogue) का अगला शिखर सम्मेलन 2025 में भारत में आयोजित होगा. ये सम्मेलन 2025 की तीसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) में होने की संभावना है.

मामले से परिचित भारतीय अधिकारियों ने कहा कि सौदे का अंतिम चरण एक व्यापक समझौता हो सकता है, जो अमेरिकी कांग्रेस से मंजूरी मिलने के बाद होगा, ये अगले वर्ष ही पूरा हो सकता है.

ट्रम्प के राष्ट्रपति बनने के तुरंत बाद फरवरी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की व्हाइट हाउस यात्रा के बाद भारत अमेरिका के साथ व्यापार वार्ता शुरू करने वाले पहले देशों में से एक था. दोनों नेताओं ने व्यापार को बढ़ावा देने और इस साल के अंत तक द्विपक्षीय सौदे के पहले चरण को पूरा करने की दिशा में काम करने पर सहमति जताई थी.