भारतीय स्पेस रिसर्च एजेंसी ISRO ने बुधवार को एक और इतिहास रच दिया. आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा (Sriharikota) से ISRO ने प्रक्षेपण यान GSLV-F15 के जरिए NVS-02 नेविगेशन सैटेलाइट लॉन्च किया, जो कि इसका 100वां मिशन है.
ISRO ने X पर इस मिशन का एक वीडियो पोस्ट कर 29 जनवरी की सुबह 6:23 बजे हुए GSLV-F15 के सफल लॉन्च की जानकारी दी. ये इसरो के नए चेयरमैन वी नारायणन के नेतृत्व में पहला मिशन है. उन्होंने इसी 13 जनवरी को पदभार संभाला था.
1,500 KM आगे की सटीक जानकारी
स्वदेशी क्रायोजेनिक स्टेप के साथ जियोसाइक्रोनस सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (GSLV) अपनी 17वीं उड़ान में नेविगेशन सैटेलाइट NVS-02 को लेकर यहां दूसरे लॉन्च पैड से लॉन्च हुआ. ये नेविगेशन उपग्रह ‘नेविगेशन विद इंडियन कांस्टेलेशन' (नाविक) श्रृंखला का दूसरा सैटेलाइट है.
इसका उद्देश्य भारतीय उपमहाद्वीप के साथ-साथ भारतीय भूभाग से लगभग 1,500 किलोमीटर आगे के क्षेत्रों में यूजर्स को सटीक स्थिति, गति और समय की जानकारी प्रदान करना है. सूत्रों ने समाचार एजेंसी PTI से कहा, '27.30 घंटे की उल्टी गिनती सोमवार देर रात दो बजकर 53 मिनट पर शुरू हो गई थी, जो कि बुधवार सुबह सफल लॉन्च के साथ समाप्त हुई.'
केंद्रीय मंत्री ने दी बधाई
केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने X पर एक पोस्ट कर इस मिशन के लिए बधाई दी. उन्होंने लिखा,'100वां प्रक्षेपण: श्रीहरिकोटा से 100वें प्रक्षेपण की ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल करने के लिए ISRO को बधाई. इस रिकॉर्ड उपलब्धि के ऐतिहासिक क्षण में अंतरिक्ष से जुड़ना सौभाग्य की बात है.'
आगे उन्होंने लिखा, 'टीम ISRO, आपने एक बार फिर GSLV-F15 / NVS-02 मिशन के सफल प्रक्षेपण से भारत को गौरवान्वित किया है. विक्रम साराभाई, सतीश धवन और कुछ अन्य लोगों द्वारा एक छोटी सी शुरुआत से अब तक, ये एक अद्भुत यात्रा रही है. प्रधानमंत्री मोदी के स्पेस सेक्टर को 'अनलॉक' करने और ये विश्वास जगाने के बाद कि आकाश की कोई सीमा नहीं है, ये एक बड़ी छलांग है.'