हेमंत सोरेन को नहीं मिली अंतरिम जमानत, केजरीवाल का उदाहरण भी काम न आया

जमीन घोटाले में गिरफ्तार पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन रांची स्थित बिरसा मुंडा केंद्रीय कारागर में बंद हैं.

Source : X/@HemantSorenJMM

झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है. कोर्ट ने सोमवार को सुनवाई के बाद सोरेन की जमानत याचिका खारिज कर दी है.

न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की बेंच इस मामले की सुनवाई कर रही थी. सुप्रीम कोर्ट ने हेमंत सोरेन को चुनाव के लिए अंतरिम जमानत देने से फिलहाल इनकार कर दिया है. कोर्ट ने सोरेन की याचिका पर नोटिस जारी किया. सुप्रीम कोर्ट 17 मई को इस मामले में अगली सुनवाई करेगा.

सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई के दौरान हेमंत सोरेन की ओर से पेश हुए वकील कपिल सिब्‍बल ने कई दलीलें दीं, दिल्‍ली के मुख्‍यमंत्री अरविंद केजरीवाल को मिली जमानत का उदाहरण भी दिया, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल हेमंत सोरेन को अंतरिम जमानत देने से इनकार कर दिया.

जमीन घोटाले में गिरफ्तार पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन रांची स्थित बिरसा मुंडा केंद्रीय कारागर में बंद है.

कोर्ट ने क्या कहा?

जस्टिस संजीव खन्ना ने कहा कि चुनाव 28 तारीख को हैं. 20 मई को सुनवाई हो सकती है. जवाब में सिब्बल ने कहा कि फिर इसका कोई मतलब नहीं रह जाएगा. वे जानबूझकर ऐसा नहीं कर रहे हैं. जमीन घोटाले से जुड़े मनी लॉन्डरिंग मामले में गिरफ्तारी के खिलाफ झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) से 17 मई तक जवाब देने को कहा है.

हेमंत सोरेन ने झारखंड हाई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. ये भी मांग की है कि जबतक हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई चले, उस बीच चुनाव प्रचार के लिए उन्हे अंतरिम जमानत भी दी जाए.

क्या है पूरा मामला?

रांची के बड़गाईं अंचल में 8.66 एकड़ जमीन पर अवैध कब्जे और मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े मामले में ED ने 31 जनवरी 2024 को हेमंत सोरेन को गिरफ्तार कर जेल भेजा था.

ED ने मामले में 30 मार्च को अदालत में हेमंत सोरेन के अलावा जमीन के मूल रैयत राजकुमार पाहन, हेमंत सोरेन के करीबी विनोद कुमार, राजस्व उपनिरीक्षक भानु प्रताप प्रसाद और हिलेरियस कच्छप के खिलाफ चार्जशीट भी फाइल की है. इसमें बताया गया है कि हेमंत सोरेन ने न सिर्फ गैरकानूनी तरीके से जमीन हासिल की, बल्कि जांच शुरू होने पर सबूतों को नष्ट करने की कोशिश की.