PM मोदी और श्रीलंका के राष्ट्रपति दिसानायके ने की वार्ता, डिफेंस समझौते पर किए हस्ताक्षर

इस रक्षा समझौते को रणनीतिक संबंधों को मजबूत करने के लिए एक प्रमुख कदम के रूप में देखा जा रहा है.

Source : X/@narendramodi

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) और श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके (President Dissanayake) के बीच वार्ता के बाद भारत और श्रीलंका ने शनिवार को रक्षा सहयोग संबंधी महत्वाकांक्षी समझौते पर पहली बार हस्ताक्षर किए गए. इस समझौते में जोर दिया गया कि दोनों देशों की सुरक्षा एक दूसरे से जुड़ी हुई है और एक दूसरे पर निर्भर है.

इस रक्षा समझौते को रणनीतिक संबंधों को मजबूत करने के लिए एक प्रमुख कदम के रूप में देखा जा रहा है. ये समझौता श्रीलंका में भारतीय शांति सेना के हस्तक्षेप के लगभग चार दशक बाद हुआ है.

PM मोदी को श्रीलंका के सबसे बड़े नागरिक सम्‍मान से नवाजा गया है. PM मोदी ने इस सम्‍मान के लिए श्रीलंका का धन्‍यवाद दिया है. साथ ही कहा कि ये सिर्फ उनका नहीं, बल्कि 140 करोड़ भारतीयों को सम्‍मान है. PM 3 दिन के श्रीलंका दौरे पर हैं. PM मोदी के दौरे के पहले दिन भारत और श्रीलंका के बीच रक्षा और इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर समेत कई समझौते हुए हैं.

'श्रीलंका हमारा सिर्फ पड़ोसी देश ही नहीं अच्‍छा मित्र भी'

PM मोदी ने इस अवसर पर कहा, 'भारत का विजन सबका साथ, सबका विकास रहा है. हम सहयोगी देशों को प्राथमिकता देते हैं. श्रीलंका हमारा सिर्फ पड़ोसी देश ही नहीं अच्‍छा मित्र भी है. हम श्रीलंका के कठिन समय में उनके साथ मजबूती से खड़े रहे. आज राष्ट्रपति दिसानायके द्वारा श्रीलंका मित्र विभूषण से सम्मानित किया जाना मेरे लिए गौरव की बात है. ये सम्मान केवल मेरा सम्मान नहीं, बल्कि 140 करोड़ भारतीयों का सम्मान है.

PM मोदी ने भारत और श्रीलंका के मजबूत रिश्‍तों का जिक्र करते हुए कहा, 'चाहे 2019 का आतंकी हमला हो, कोविड महामारी हो, या हाल में आया आर्थिक संकट, हर कठिन परिस्थिति में, हम श्रीलंका के लोगों के साथ खड़े रहे हैं. हमारी पड़ोसियों को प्राथमिकता (Neighbourhood First policy) और विजन महासागर (‘MAHASAGAR'), दोनों में श्रीलंका का विशेष स्थान है. भारत ने 'सबका साथ सबका विकास' के विजन को अपनाया है.

मोदी बैंकॉक की अपनी यात्रा समाप्त करने के बाद शुक्रवार शाम कोलंबो पहुंचे थे. उन्होंने बैंकॉक में बिम्सटेक (बहुक्षेत्रीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग के लिए बंगाल की खाड़ी पहल) के शिखर सम्मेलन में भाग लिया था.

दिसानायके के साथ वार्ता से पहले, मोदी का श्रीलंका की राजधानी के मध्य में स्थित ऐतिहासिक ‘इंडीपेंडेंस स्क्वायर’ (स्वतंत्रता चौक) पर औपचारिक स्वागत किया गया. दिसानायके ने ‘स्क्वायर’ पर प्रधानमंत्री का स्वागत किया.

‘इंडीपेंडेंस स्क्वायर’ राष्ट्रीय दिवस समारोहों का स्थल है. इसका नाम स्वतंत्रता स्मारक सभागार से लिया गया है जिसे 1948 में ब्रिटिश शासन से श्रीलंका की आजादी के उपलक्ष्य में बनाया गया था.

प्रधानमंत्री ने ऐसे समय में ये यात्रा की है जब श्रीलंका आर्थिक संकट से उबरने के संकेत दे रहा है. श्रीलंका तीन साल पहले बड़े आर्थिक संकट में घिर गया था और भारत ने उसे 4.5 अरब अमेरिकी डॉलर की आर्थिक सहायता दी थी.

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