भारत को ग्रीन हाइड्रोजन का ग्लोबल हब बनाने का लक्ष्य: PM मोदी

प्रधानमंत्री ने कहा कि ग्रीन हाइड्रोजन सरप्लस रिन्युएबल एनर्जी के लिए एनर्जी स्टोरेज के तौर पर काम करेगी.

Source: X/narendramodi

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने बुधवार को इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस ऑन ग्रीन हाइड्रोजन को संबोधित करते हुए कहा कि भारत सरकार का लक्ष्य भारत को ग्रीन हाइड्रोजन (Green Hydrogen) का ग्लोबल हब बनाना है. उन्होंने कहा कि 'ग्रीन हाइड्रोजन से उन इंडस्ट्रीज को डीकार्बोनाइज करने में मदद मिलेगी, जिन्हें इलेक्ट्रिफाई करना मुश्किल है. जिन सेक्टर्स को इससे फायदा मिलेगा उनमें रिफाइनरी, फर्टिलाइजर्स, स्टील और हैवी ड्यूटी ट्रांसपोर्टेशन शामिल हैं.'

13 सितंबर तक चलेगी कॉन्फ्रेंस

प्रधानमंत्री ने कहा कि ग्रीन हाइड्रोजन सरप्लस रिन्युएबल एनर्जी के लिए एनर्जी स्टोरेज के तौर पर काम करेगी. ग्रीन हाइड्रोजन पर तीन दिन की कॉन्फ्रेंस नई दिल्ली में 11 से 13 सितंबर तक आयोजित की गई है. इसमें भारत में ग्रीन हाइड्रोजन की सप्लाई-डिमांड, पॉलिसी और रेगुलेटरी फ्रेमवर्क पर चर्चा की जाएगी.

ग्रीन हाइड्रोजन की ग्रोथ के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग अहम: मोदी

मोदी के मुताबिक ग्रीन हाइड्रोजन की ग्रोथ के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग अहम है. प्रधानमंत्री ने कहा कि 'ग्रीन एनर्जी सेक्टर में टेक्नोलॉजी पर रिसर्च में निवेश करने की जरूरत है. भारत में ग्रीन जॉब इकोसिस्टम के डेवलपमेंट के लिए बड़ी क्षमता है.'

उन्होंने पिछले महीने अपने स्वतंत्रता दिवस भाषण में भी ग्रीन जॉब्स के महत्व पर जोर दिया था. उन्होंने कहा था कि ऐसी नौकरियों से रोजगार के अवसर पैदा होंगे और पर्यावरण की सुरक्षा में भी योगदान होगा.

भारत की सोलर कैपेसिटी में 3,000% से ज्यादा की ग्रोथ: PM मोदी

प्रधानमंत्री ने भारत की ओर से जलवायु परिवर्तन के खिलाफ लड़ाई में उठाए गए कदमों का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि 'भारत पैरिस समझौते के तहत ग्रीन एनर्जी पर किए गए वादों को पूरा करने वाले G20 देशों में पहला देश था. इन वादों को 2030 के लक्ष्य से नौ साल पहले पूरा कर लिया गया था.'

मोदी ने आगे कहा कि पिछले 10 साल के दौरान भारत की नॉन-फॉसिल फ्यूल की क्षमता में 300% और सोलर कैपेसिटी में 3,000% से ज्यादा की ग्रोथ हुई है.

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