मॉनिटरी पॉलिसी कमेटी की बैठक में ब्याज दरों के अलावा कई और भी अहम रेगुलेटरी फैसले हुए हैं. जिसमें डिजिटल लेंडिंग, e-RUPI वाउचर्स के विस्तार और RuPay कार्ड्स को लेकर किए गए ऐलान हैं.
'लॉस डिफॉल्ट गारंटी' के लिए नियम आएंगे
रिजर्व बैंक डिजिटल लेंडिंग में 'लॉस डिफॉल्ट गारंटी' मैनेजमेंट के लिए नई गाइडलाइंस जारी करेगा. आमतौर पर इसे फर्स्ट लॉस डिफॉल्ट गारंटी (FLDG) कहा जाता है, इस तरह की व्यवस्था भारत में फिनटेक लेंडर्स के आने के बाद तेजी से बढ़ी है.
ये एक फिनटेक कंपनी और एक रेगुलेटेड संस्था के बीच 'क्रेडिट-रिस्क शेयरिंग एग्रीमेंट्स' होते हैं, जिन्हें कर्ज देने की इजाजत होती है. इस FLDG एग्रीमेंट्स के तहत, फिनटेक कंपनी, रेगुलेटेड संस्था के डिफॉल्ट लोन पोर्टफोलियो के कुछ प्रतिशत हिस्से की भरपाई करने के लिए सहमत होती है.
शक्तिकांता दास ने कहा कि 'इस तरह की व्यवस्थाओं को मैनेज करने के लिए गाइडलाइंस जारी करने का फैसला जिम्मेदारी भरे इनोवेशन और विवेकपूर्ण रिस्क मैनेजमेंट को बढ़ावा देने के नजरिए से लाया गया है.'
इसके अलावा शक्तिकांता दास ने मॉनिटरी पॉलिसी में कई और भी रेगुलेटरी बदलावों के बारे में जानकारी दी
e-RUPI वाउचर्स का विस्तार
अभी किसी खास उद्देश्य के लिए e-RUPI वाउचर्स को बैंकों द्वारा जारी किया जाता है. इसे अगस्त 2021 में लाया गया था, ये कैशलेस वाउचर्स होते हैं और इसका इस्तेमाल कोई भी इंडिविजुअल, कॉर्पोरेट्स या सरकार कर सकती है. अब RBI ने प्रस्ताव दिया है कि इसका दायरा बढ़ाना चाहिए और नॉन-बैंक प्रीपेड इंस्ट्रूमेंट जारी करने वालों को e-RUPI वाउचर्स की इजाजत देनी चाहिए और इंडिविजुअल को इसे जारी करने और इसके रिडेम्पशन की प्रक्रिया को आसान बनाना चाहिए.
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अंतरराष्ट्रीय RuPay कार्ड्स
शक्तिकांता दास ने कहा कि रिजर्व बैंक ने बैंकों द्वारा RuPay प्रीपेड फॉरेन एक्सचेंज कार्ड जारी करने की इजाजत देने का फैसला किया है.
भारत में बैंकों द्वारा जारी RuPay डेबिट और क्रेडिट कार्ड विदेशों में अधिक स्वीकार्यता हासिल कर रहे हैं.' उन्होंने कहा कि इस बदलाव से विदेश यात्रा करने वाले भारतीयों के लिए पेमेंट करने के विकल्पों में विस्तार होगा. यानी भारतीय नागरिक विदेशों में जाकर RuPay डेबिट और क्रेडिट कार्ड से भी भुगतान कर सकेंगे.
शक्तिकांता दास ने कहा कि रिजर्व बैंक विदेशी सीमा में जारी करने के लिए RuPay को सक्षम करने का फैसला लिया है, ताकि इसकी पहुंच और स्वीकृति को बढ़ाया जा सके.