गोल्ड लोन नियमों को लेकर RBI गवर्नर ने बड़ा अपडेट दिया है. उन्होंने कहा है कि गोल्ड लोन से जुड़े फाइनल रेगुलेशन जल्द जारी कर दिए जाएंगे. खास बात यह है कि ₹2.5 लाख तक के लोन के लिए अब केवल ‘मालिकाना हक’ की घोषणा ही काफी होगी, इसके लिए किसी तरह का क्रेडिट अप्रेजल जरूरी नहीं होगा.
गवर्नर मल्होत्रा ने बताया कि पहले जो दिशा-निर्देश जारी किए गए थे, वे केवल ड्राफ्ट थे, फाइनल नहीं. उन्होंने कहा कि कुछ रेगुलेटेड संस्थाएं गोल्ड लोन से जुड़े मौजूदा नियमों का पालन नहीं कर रही थीं. इसीलिए यह जरूरी हो गया कि इन नियमों को और स्पष्ट तरीके से लागू किया जाए.
₹2.5 लाख के लिए देना होगा इतना गोल्ड
RBI गवर्नर ने कहा कि छोटे गोल्ड लोन यानी ₹2.5 लाख तक के लोन के लिए अब सिर्फ ग्राहक के स्वघोषित मालिकाना हक को मान्य माना जाएगा. इस दायरे में करीब 2.5 लाख लोन आ सकते हैं. इन पर लोन-टू-वैल्यू रेशियो 85% तय किया गया है, जबकि कुछ NBFC और छोटे बैंक अब तक 88% तक की वैल्यू पर लोन दे रहे थे.
85% LTV का मतलब ये हुआ कि 100 रुपये वैल्युएशन का सोना गिरवी रखने पर आपको 85 रुपये मिलेंगे. इस हिसाब से कैलकुलेट करें तो अगर किसी को 2.5 लाख रुपये का लोन चाहिए तो उसे करीब 2.94 लाख का गोल्ड देना होगा.
टाइप-I NBFC के नियमों की समीक्षा की जाएगी
RBI के अनुसार, ये नए नियम गोल्ड लोन को अधिक सुरक्षित बनाएंगे और इस सेक्टर को बेहतर तरीके से रेगुलेट करने में मदद करेंगे. गवर्नर ने यह भी स्पष्ट किया कि अभी बैंकों में FII निवेश से जुड़े नियमों में कोई बदलाव नहीं होगा, लेकिन टाइप-I NBFC के नियमों की समीक्षा की जाएगी और जरूरत पड़ने पर उचित निर्णय लिया जाएगा.
नए दिशा-निर्देश आने से छोटे कर्जदारों को सहूलियत और सुरक्षा, दोनों मिल सकेंगी.