भारतीय रेलवे (Indian Railways) जल्द ही तत्काल टिकट बुकिंग (Tatkal Ticket Booking) के लिए ई-आधार ऑथेंटिकेशन का काम शुरू करने वाला है. इससे सही यात्रियों को कंफर्म टिकट मिलने में आसानी होगी.
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने ये जानकारी सोशल मीडिया प्लेटफार्म X पर दी है. रेलवे ने ये भी कहा है कि टिकट बुक कराने वाले जिन लोगों की ID आधार से लिंक होगी, ऐसे लोगों को तत्काल टिकट बुकिंग शुरू होने के पहले 10 मिनट में प्राथमिकता दी जाएगी.
IRCTC के अधिकृत एजेंटों को भी तत्काल विंडो ओपन होने के पहले 10 मिनट में सिस्टम पर टिकट बुक कराने की इजाजत नहीं है. ऐसे में जिन लोगों के अकाउंट आधार से लिंक होंगे, रेलवे की घोषणा के मुताबिक उन्हें टिकट बुक कराने में अधिक रियायत होगी.
हर सुबह 10 बजे लाखों भारतीय सीमित तत्काल टिकट बुक करने के लिए दौड़ पड़ते हैं. लेकिन उन्हें IRCTC ऐप और वेबसाइट पर सर्वर धीमा होने और पेमेंट पूरा नहीं होने जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है. ये चुनौतियां अक्सर यात्रियों को बुकिंग एजेंटों पर निर्भर रहने के लिए मजबूर करती हैं, जो कन्फर्म टिकटों के लिए ज्यादा पैसे वसूल कर डिमांड का फायदा उठाते हैं.
सोशल मीडिया पर कई लोगों ने इस समस्या को उठाया है और भारतीय रेलवे तथा रेल मंत्री से समाधान की मांग की है. मंगलवार को एक मामला तब सामने आया जब सोशल मीडिया प्लेटफार्म X पर रौशन पाठक नाम के एक यूजर ने चिंता जताई कि सभी तत्काल टिकटें सिर्फ एक मिनट में बुक हो रही हैं. उन्होंने कहा कि सुबह 10 बजे के कुछ ही मिनट बाद टिकट बुक करने की कोशिश करने के बावजूद उन्होंने पहले 'बुकिंग अभी शुरू नहीं हुई है' मैसेज देखा, फिर कुछ ही मिनटों में 'टिकट उपलब्ध नहीं है' स्क्रीन पर दिखाई दिया.
इस तरह की समस्याएं आम हैं और अक्सर यूजर रिपोर्ट करते हैं, जो अक्सर सिस्टम में देरी और तत्काल टिकटों की सीमित उपलब्धता को बताते हैं.
ई-आधार ऑथेंटिकेशन से क्या होगा फायदा?
नया ई-आधार ऑथेंटिकेशन सिस्टम रेलवे को ये सुनिश्चित करने में मदद करेगी कि वास्तविक यात्री तत्काल यात्रा जरूरत के दौरान जल्दी और कुशलता से कंफर्म टिकट प्राप्त कर सकें.
भारतीय रेलवे ने तत्काल बुकिंग सिस्टम के बड़े पैमाने पर दुरुपयोग के बाद आधार-बेस्ड बुकिंग सिस्टम शुरू करने की योजना बनाई जा रही है. जनवरी से मई 2025 के बीच, IRCTC ने बुकिंग विंडो खुलने के पांच मिनट के भीतर 2.9 लाख संदिग्ध PNR का पता लगा है. इस घटना ने तत्काल टिकटों के गायब होने के पीछे की हेराफेरी के पैमाने को उजागर किया है, जिसके कारण अधिकारियों ने इस सिस्टम का दुरुपयोग करने वालों पर कार्रवाई शुरू कर दी है.