भारतीय रेलवे (Indian Railway) ने टिकट बुकिंग सिस्टम को अधिक पारदर्शी, सुरक्षित और सुविधाजनक बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है. अब कोई भी अनाधिकृत टिकट बुकिंग एजेंट IRCTC के प्लेटफॉर्म पर फर्जी अकाउंट बनाकर यात्री के लिए कंफर्म टिकट मिलने की संभावना बढ़ाने के लिए एक साथ कई कोशिशें नहीं कर सकेगा. अब आम यूजर्स को टिकट बुकिंग के दौरान होने वाली परेशानियों से निजात मिल सकती है.
IRCTC के एक अधिकारी ने PTI को बताया कि रेलवे टिकट बुकिंग सिस्टम में निष्पक्षता लाने की दिशा में एक बड़े कदम के रूप में IRCTC ने डिस्पोजेबल (लॉन्ग टर्म) ईमेल एड्रेस के साथ बनाए गए. ऐसे यूजर्स ID का पता लगाकर और उन्हें निष्क्रिय करके अनधिकृत टिकटिंग प्रैक्टिस पर अंकुश लगाने के लिए AI-बेस्ड एडवांस्ड तकनीकी समाधान तैनात किए हैं और सभी यात्रियों के लिए समान पहुंच सुनिश्चित की है.
एजेंट किस तरह से प्लेटफॉर्म का गलत यूज करते हैं
अधिकारी ने बताया कि अनधिकृत एजेंट किस तरह से प्लेटफॉर्म का गलत यूज करते हैं, इसको उदाहरण से समझिए मान लीजिए कि A नाम का एक शख्स दिल्ली से आगरा के लिए टिकट बुक कराने के लिए किसी अनधिकृत एजेंट के पास जाता है. एजेंट IRCTC प्लेटफॉर्म पर 30 प्रोफाइल बनाने के लिए कई डिस्पोजेबल ईमेल ID (गूगल पर उपलब्ध डोमेन नामों का उपयोग करके) और मोबाइल नंबर का उपयोग करेगा. यूजर ID या प्रोफाइल बनाते वक्त, ईमेल ID पर एक OTP भेजा जाता है और एजेंट उस OTP का इस्तेमाल करके वेरिफाइ करता है.
हालांकि, ऑथेंटिकेशन के बाद, ईमेल ID अमान्य हो जाती है. लेकिन प्रोफाइल बनी रहती है. अब, ये अनधिकृत एजेंट A के लिए टिकट बुक करने के लिए ऐसे कई प्रोफाइल का उपयोग करते हैं. इसलिए केवल A के लिए टिकट बुक करने की संभावना बढ़ाने के लिए 30 रिक्वेस्ट या कोशिशें होती हैं. वे इस मकसद के लिए बॉट्स (ऑटोमेटेड सॉफ्टवेयर एप्लिकेशन) का भी इस्तेमाल करते हैं.
धोखाधड़ी का मुकाबला
रेलवे अधिकारी ने कहा कि अगर 1,000 यात्रियों के लिए यही किया जायेगा, तो ये 30 हजार ट्राई के बराबर है. इसके कारण उन संभावित यात्रियों के लिए मौके सीमित हो जाते हैं, जो केवल एक ही कोशिश करते हैं. उन्होंने कहा कि इन धोखाधड़ी का मुकाबला करने के लिए IRCTC की नई आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग-आधारित बॉट डिटेक्शन टेक्निक्स ऐसे अकाउंट्स की पहचान करती है और उन्हें बुकिंग सिस्टम में बाधा डालने से पहले ही निष्क्रिय कर देती है.
IRCTC प्लेटफॉर्म पर नए यूजर ID बनाने की तादाद हर रोज 60 हजार से 65 हजार से घटकर केवल 10,000 से 12,000 रह गई है, जिससे सिस्टम लोड कम हुआ है और टिकट रिजर्वेशन सुव्यवस्थित हुआ है. IRCTC के अधिकारियों ने इस बात पर जोर दिया कि इस निर्णय से हर यात्री के लिए एक जैसा मौका सुनिश्चित करता है, जिससे अनधिकृत एजेंट्स को सिस्टम का फायदा उठाने से रोका जा सके.