डिस्काउंट ब्रोकरेज मार्केट में अब HDFC SKY, क्यों फुल सर्विस फर्म बदल रही हैं रास्ता?

क्यों बीते सालों में तेजी से बढ़ा है डिस्काउंट ब्रोकरेज फर्म्स का बेस, आखिर पारंपरिक फुल सर्विस फर्म क्यों कंपीट नहीं कर पा रही हैं?

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HDFC ने 25 सितंबर को HDFC-SKY नाम से डिस्काउंट ब्रोकिंग प्लेटफॉर्म ऐप लॉन्च किया. लेकिन ऐसी क्या जरूरत आ पड़ी, जो 23 साल से HDFC सिक्योरिटीज जैसी फुल सर्विस ब्रोकरेज चलाने वाले ग्रुप को डिस्काउंट प्लेटफॉर्म खोलने के लिए मजबूर होना पड़ा. दरअसल इसका जवाब बीते दशक में ब्रोकिंग मार्केट में आए बदलाव में छुपा है.

महज 13 साल पहले तक ICICI डायरेक्ट, HDFC सिक्योरिटीज, शेयरखान और IIFL सिक्योरिटीज, ब्रोकिंग मार्केट में एक्टिव क्लाइंट नंबर्स के हिसाब से सबसे बड़े खिलाड़ी हुआ करते थे. लेकिन आज इनमें से कोई भी टॉप-5 में शामिल नहीं है. आखिर ऐसा क्यों हुआ?

दरअसल आज डिस्काउंट ब्रोकरेज प्लेटफॉर्म्स का जमाना है. 2010 में बनी 'जीरोधा' के पास आज 20% से ज्यादा मार्केट शेयर है. जबकि अपस्टॉक्स और Groww जैसे डिस्काउंट ब्रोकरेज फर्म्स तेजी से ग्रोथ कर रहे हैं.

फुल सर्विस और डिस्काउंट ब्रोकरेज फर्म्स में क्या अंतर है?

फुल सर्विस ब्रोकरेज फर्म, शेयर ट्रेडर से प्रति लॉट के हिसाब से ब्रोकरेज लेते रहे हैं. एक लॉट पर इनका चार्ज 20 से 50 रुपये तक हो सकता है. अब एक ट्रेड में कई लॉट हो सकते हैं. अगर एक ट्रेड में 10 लॉट मान लें, तो आपको ब्रोकरेज के तौर पर 200 से 500 रुपये तक चुकाने पड़ सकते हैं.

लेकिन डिस्काउंट ब्रोकरेज प्रति ट्रेड के हिसाब से चार्ज करते हैं, जो आमतौर पर 20 रुपये होता है. इस ट्रेड में कितने भी लॉट हो सकते हैं. मतलब आपको 10 लॉट वाली एक ट्रेड के लिए 20 रुपये ही देने होंगे. सोचिए जहां 200 से 500 रुपये खर्च कर रहे थे, वहां 20 रुपये में काम हो जाता है.

क्यों तेजी से बढ़ा डिस्काउंटेड ब्रोकरेज फर्म्स का बाजार?

  • सबसे बड़ी वजह तो दोनों तरह की ब्रोकरेज फर्म में ट्रेडिंग पर लगने वाला चार्ज रहा. जैसा ऊपर बताया, डिस्काउंट ब्रोकरेज फर्म में एक ट्रेड पर चार्ज देना होता था, जबकि फुल सर्विस में आपको हर लॉट पर पैसे चुकाने होते हैं. ऐसे में डिस्काउंट फर्म की सर्विस सस्ती पड़ती है. कई डिस्काउंट प्लेटफॉर्म अकाउंट खोलने के लिए चार्ज नहीं लेते या बहुत कम लेते हैं. फिर इनका मेंटेनेंस चार्ज भी कम है. कई बार ये कुछ दिनों तक मेंटनेंस फ्री भी देते हैं.

  • दूसरा, HDFC सिक्योरिटीज, ICICI सिक्योरिटीज, आम तौर पर अपने बैंक के ग्राहकों से डील करते रहे. जबकि जीरोधा जैसी डिस्काउंट ब्रोकरेज फर्म किसी भी बैंक के ग्राहक को अपनी सर्विसेज देते हैं.

  • एक बड़ा कारण यूजर एक्सपीरियंस भी रहा. फुल सर्विस ब्रोकरेज फर्म की पूरी कवायद, कई ट्रेड्स के लिए काफी जटिल साबित होती थी. जबकि टेक फ्रेंडली डिस्काउंटेड प्लेटफॉर्म एक ही जगह हर तरह के ट्रेड ऑप्शंस उपलब्ध कराते हैं.

  • Covid-19 के दौरान घरों में बैठे लोगों को एक क्लिक पर ट्रे़ड, वो भी बिना ब्रोकरेज के काफी भा रहा था. SEBI के मुताबिक मार्च, 2020 में 4 करोड़ 10 लाख DEMAT अकाउंट थे, अब देश में 11 करोड़ से ज्यादा DEMAT खाते हो गए हैं

  • इनका ज्यादातर हिस्सा डिस्काउंट ब्रोकरेज फर्म के हिस्से में आया और जीरोधा, Groww, अपस्टॉक्स जैसे फर्म्स की तेजी से ग्रोथ हुई.

लेकिन सवाल उठता है कि इतना डिस्काउंट देने के बाद इन फर्म्स में मार्केट वायबिलिटी कैसे बनी रही?

कैसे पैसा कमाती हैं डिस्काउंट ब्रोकरेज फर्म्स

  • डिस्काउंट ब्रोकरेज फर्म की इनकम का मुख्य सोर्स स्टॉक ब्रोकरेजेज, ऑनबोर्डिंग फीस जैसी चीजें होती हैं. फिर जीरोधा जैसी फर्म्स जीरोधा कॉइन की बिक्री और एल्गो ट्रेडिंग भी करती हैं. जीरोधा कॉइन आपको बिना ब्रोकरेज दिए ऑनलाइन सीधे एसेट कंपनी से म्युचुअल फंड खरीदने की सहूलियत देता है.

  • लेकिन सिर्फ इतना ही नहीं. दरअसल इन फर्म्स के पास, 'ट्रेडिंग वॉलेट' में अपने कस्टमर्स का बड़ा पैसा इकट्ठा होता है. जो भविष्य की ट्रेडिंग के लिए लोग रखते हैं. लेकिन इस पर कस्टमर्स को ब्याज नहीं दिया जाता. जबकि इसका निवेश कर ब्रोकरेज फर्म्स पैसे और ब्याज कमा सकते हैं.

  • डिस्काउंटेड ब्रोकरेज फर्म्स लो कॉस्ट मेंटनेंस पर चलती हैं. इनमें से ज्यादातर फुल सर्विस फर्म्स की तरह रिसर्च उपलब्ध नहीं करवातीं. मतलब कम मैनपावर. इसलिए इनकी ऑपरेशनल कॉस्ट कम और मार्जिन अक्सर ज्यादा होता है. जरा इस फाइनेंशियल ईयर में जीरोधा के आंकड़ों पर गौर फरमाएं. FY23 में जीरोधा का रेवेन्यू 6,875 करोड़ रुपये रहा. इसमें से नेट प्रॉफिट 2,909 करोड़ रुपये का है. मतलब रेवेन्यू का 42% नेट प्रॉफिट है.

HDFC सिक्योरिटीज से कैसे अलग, क्या ऑफर करेगी HDFC-SKY

सबसे बड़ा अंतर तो कस्टमर बेस में है. HDFC सिक्योरिटीज केवल HDFC बैंक के कस्टमर्स के लिए उपलब्ध है. लेकिन HDFC-SKY के जरिए वो नए ट्रेडर्स और इन्वेस्टर ग्रुप का टारगेट कर रही है.

ये ऐप इन्वेस्टमेंट और ट्रेडिंग ऑफरिंग में कई विकल्प उपलब्ध करवाएगी, इनमें इंडियन स्टॉक्स, ETFs, म्युचुअल फंड्स, फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस, करेंसीज, कमोडिटीज, IPOs और ग्लोबल इक्विटी शामिल हैं.

HDFC का दावा है कि इससे इन्वेस्टमेंट ऑप्शन बढ़ने के साथ-साथ यूजर एक्सपीरियंस काफी रिफाइन होगा. इसमें HDFC नए से लेकर दिग्गज इन्वेस्टर को भी सारे टूल्स उपलब्ध करवाएगा.

HDFC-SKY में कितना चार्ज

इस ऐप में इंट्राडे और सभी सेगमेंट (ग्लोबल इन्वेस्टिंग को छोड़कर) में डिलीवरी पर 20 रुपये चार्ज लगेगा. जबकि MTF 12% रखा गया है. इतना ही नहीं बाकी डिस्काउंटेड प्लेटफॉर्म की तरह अब HDFC भी अपने नए प्लेटफॉर्म में जीरो अकाउंट ओपनिंग और पहले साल के लिए मेंटेनेंस चार्ज मुफ्त दे रहा है.

HDFC-SKY के साथ सबसे बेहतर चीज इसकी ट्रस्ट वैल्यू है. HDFC पर लोगों का 46 साल का भरोसा है.

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