जब बात इन्वेस्टिंग की आती है, तो सरलता और धैर्य, इन दोनों का होना बहुत जरूरी होता है. ये है जीरोधा (Zerodha) के को-फाउंडर निखिल कामत (Nikhil Kamath) का निवेश के लिए शेयर चुनने का तरीका. निखिल कंपनियों को चुनने के लिए टॉप-डाउन तरीके का इस्तेमाल करते हैं.
BQ Prime को दिए एक एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में कामत बताते हैं, जब पसंद का सेक्टर मिल गया, तो अब कौन सा शेयर होगा, इस सवाल का जवाब खोजें. जब भी शेयर का चुनाव करें, तो इसमें कम से कम 5 से 10 साल तक बने रहने की सोच होनी चाहिए.
'बेसिक आइडिया ये है कि अच्छी ग्रोथ की उम्मीद वाले सेक्टर्स को चुना जाए, तो ऐसे में आपकी किस्मत संवरंने के मौके बढ़ जाते हैं'. वे आगे कहते हैं, 'अगर मुझे साल में 15% का भी रिटर्न मिल रहा है, तो ये मेरे लिए अच्छी बात है.'
हाल ही में निखिल कामत ने ई-लर्निंग और ई-स्पोर्ट्स स्पेस के गेमिंग प्लेटफॉर्म में अपना निवेश बढ़ाया है. इन्होंने नजारा टेक्नोलॉजीज में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाई है.
इस शेयर में दिग्गज निवेशक राकेश झुनझुनवाला भी अपना दांव लगा चुके हैं. एक्सचेंज फाइलिंग को दी गई जानकारी के मुताबिक, कामत और उनके भाई नितिन से जुड़ी कंपनियों ने नजारा में 14 लाख शेयर खरीदे, जिनकी वैल्यू 100 करोड़ रुपये के करीब है, इससे कंपनी में उनकी हिस्सेदारी बढ़कर 2.7% हो गई. सोमवार से लेकर अबतक नजारा टेक के शेयरों में 11% तक की तेजी आ चुकी है
कामत कहते हैं, 'मुझे लगता है कि अभी के 16-17 साल के बच्चों में डेटा कंज्यूम करने का वो धैर्य नहीं है, जितना हमारे बचपन में हुआ करता था.' उन्होंने कहा, 'इन बच्चों को तेज डेटा चाहिए और वो भी बहुत इंटरैक्टिव नजरिए वाला, और यही फीडबैक पूरी तरह से बदलाव लाने वाला है.'
बैंकिंग सेक्टर भी कामत का ध्यान खींचता है. कामत को लगता है कि प्राइवेट बैंक आने वाले कुछ साल में अपना मार्केट शेयर बढ़ा सकते हैं.
कामत उनके स्टाइल के इन्वेस्टमेंट करने के तरीके की कॉपी करने वाले रिटेल निवेशकों को सचेत करना नहीं भूलते. वो कहते हैं, 'मैं कोई भी शेयर खरीद सकता हूं. आमतौर पर, मैं लॉन्ग टर्म के लिहाज से शेयर खरीदता हूं. मैं कंपनी के 5 से 10 साल का इतिहास देखता हूं और अंदाजा लगाता हूं कि भारत इस दौरान किस तरह से बदलाव से होकर गुजर सकता है. मुझे नहीं लगता कि किसी को भी मेरे किसी शेयर को खरीदने या बेचने की न्यूज पर ध्यान देना चाहिए.'
आपको पता होना चाहिए कि कामत ने कई ऐसी कंपनियों में निवेश किया है, जो शेयर बाजार में लिस्टेड नहीं हैं. उनके पोर्टफोलियो में अधिकतर प्राइवेट कंपनियों में इन्वेस्टमेंट नजर आएगा.
कामत भारत में बुजुर्गों की देखभाल करने वाली कंपनियों के पोटेंशियल को लेकर भी खासे उत्सुक हैं. दुनिया भर में प्रजनन दर गिर रही है और बूढ़े लोगों की आबादी बढ़ रही है. भारत में मेडिकल टूरिज्म का कल्चर शुरू हो गया है, लेकिन आने वाले 1 या 2 दशक में हेल्थकेयर स्पेस में कई बड़े मौके पैदा होते नजर आएंगे.