Bangladesh PM Resigns: बांग्लादेश की PM शेख हसीना ने इस्तीफा दिया; विरोध प्रदर्शन के बीच सुरक्षित जगह के लिए रवाना, सेना बनाएगी अंतरिम सरकार

Sheikh Hasina Leaves Bangladesh: रविवार को सरकार के खिलाफ जारी विरोध प्रदर्शन में करीब 100 लोगों की मौत हो गई थी. अब तक कुल 300 से ज्यादा लोग जान गंवा चुके हैं.

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बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने भारी विरोध के बाद प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है. इसके साथ ही उन्होंने ढाका स्थित PM निवास भी छोड़ दिया है और हेलीकॉप्टर से सुरक्षित जगह के लिए निकल गई हैं. अब सेना देश में अंतरिम सरकार का गठन करेगी. आर्मी चीफ ने इसकी पुष्टि की है.

बता दें रविवार को सरकार के खिलाफ जारी विरोध प्रदर्शन में 98 लोगों की मौत हो गई थी. अब तक कुल 300 से ज्यादा लोग जान गंवा चुके हैं. ये आंदोलन आरक्षण नीतियों में बदलाव के विरोध में हो रहा है.

सेना बनाएगी अंतरिम सरकार

इस बीच सेना प्रमुख ने प्रेस ब्रीफिंग में कई अहम ऐलान किए. उन्होंने शेख हसीना के देश छोड़ने की पुष्टि करते हुए कहा कि सेना की देखरेख में आगे अंतरिम सरकार का गठन किया जाएगा.

उन्होंने देश में शांति की अपील करते हुए कहा कि उनकी प्रदर्शनकारी छात्रों के साथ अब तक की बातचीत सकारात्मक रही है और सेना को छात्रों पर गोलियां ना चलाने का आदेश दिया गया है.

उन्होंने कहा कि छात्रों को आगे विवादास्पद मुद्दे पर सकारात्मक बातचीत के लइए आमंत्रित कर रहे हैं, उनकी मांगों को पूरा किया जाएगा.

कैसे शुरू हुआ आंदोलन?

छात्रों की मांग थी कि देश में जारी सिविल सर्विस कोटा सिस्टम में बदला किया जाए. दरअसल इस सिस्टम के तहत 1971 में बांग्लादेश की आजादी के आंदोलन में हिस्सा लेने वाले फ्रीडम फाइटर्स के बच्चों को आरक्षण मिलता है. छात्रों का आरोप है कि ये शेख हसीना की पार्टी आवामी लीग के समर्थकों को गलत ढंग से फायदा पहुंचाता है और इतने लंबे वक्त तक इस तरह के कोटे को जारी नहीं रखना चाहिए.

जुलाई में शांतिपूर्ण आंदोलन धीरे-धीरे हिंसा की तरफ बढ़ता गया. शेख हसीना सरकार और उनके समर्थकों के दमनपूर्ण रवैये के चलते हिंसा और तेज हो गई. कई बार प्रदर्शनकारियों और आवामी लीग के छात्र संगठन के बीच हिंसक टकराव हुए, जिनमें कई लोग मारे गए.

जुलाई मध्य में आंदोलन में शेख हसीना को हटाए जाने की मांग तेज होने लगी और लाखों लोग ढाका में सड़कों पर आ गए. इस बीच सुप्रीम कोर्ट का एक फैसला आया, जिसमें कोटा पर फिर से विचार कर इसे दोबारा लाने का फैसला दिया गया, लेकिन इसे भी प्रदर्शनकारियों ने मानने से इनकार कर दिया और कोटा सिस्टम को पूरी तरह खत्म करने की बात दोहराई.

आखिरकार 4 अगस्त को बांग्लादेश में आंदोलन का सबसे हिंसक दिन रहा और करीब 100 लोग मारे गए. इस तरह कुल 300 लोगों ने आंदोलन में जान गंवाई.