SpaceX का रॉकेट स्टारशिप 9वें टेस्‍ट में भी फेल, 20 मिनट बाद संपर्क टूटा; हिंद महासागर के ऊपर हुआ क्रैश

स्पेसएक्स की ये लगातार तीसरी नाकामी है, 2025 के जनवरी और मार्च के टेस्ट भी फेल हुए थे. कंपनी का लक्ष्य स्टारशिप को पूरी तरह से दोबारा इस्तेमाल के योग्य बनाना है,

एलन मस्क को एक फिर से झटका लगा है. स्पेसएक्स (SpaceX) का मेगा रॉकेट स्टारशिप लगातार 9वीं बार टेस्ट में फेल हो गया है. स्टारशिप जो भविष्य का स्पेसएक्स रॉकेट है, जिस पर एलन मस्क की 'मल्टीप्लेनेटरी यात्रा' की महत्वाकांक्षाएं सवार हैं, एक बार फिर से नाकाम हो गया. हालांकि पिछली दो उड़ानों के मुकाबले इस रॉकेट ने इस बार थोड़ी ज्यादा दूर तक उड़ान भरी थी.

दुनिया के सबसे ताकतवर रॉकेट स्‍टारशिप को भारतीय समय के मुताबिक आज सुबह करीब 5 बजे टेक्सास के बोका चिका से लॉन्‍च किया गया था, लेकिन लॉन्च के 20 मिनट बाद ही इस रॉकेट से नियंत्रण खो गया, ये अंतरिक्ष में घूमते हुए हिंद महासागर महासागर में जाकर क्रैश हो गया. स्पेसएक्स ने बाद में पुष्टि की कि अंतरिक्ष यान टुकड़े-टुकड़े हो गया.

ये टेस्ट फ्लाइट स्पेसएक्स के लिए बेहद जरूरी थी, क्योंकि इसमें पहली बार सुपर हेवी बूस्टर का फिर से इस्तेमाल किया गया था. जो पहले जनवरी 2025 में उड़ा था. लॉन्च के कुछ मिनट बाद बूस्टर और अपर स्टेज (जिसे स्टारशिप भी कहा जाता है) का अलगाव सफल रहा, लेकिन बूस्टर नियंत्रित लैंडिंग के बजाय समुद्र में गिर गया. अपर स्टेज ने सबऑर्बिटल ट्रैजेक्ट्री हासिल की, लेकिन री-एंट्री के दौरान ये अनियंत्रित होकर टूट गया.

स्पेसएक्स ने X पर लिखा 'जैसे कि उड़ान परीक्षण पर्याप्त रोमांचक नहीं था, स्टारशिप को एक तेज अनिर्धारित विघटन का अनुभव हुआ. टीमें डेटा की समीक्षा करना जारी रखेंगी और हमारे अगले उड़ान परीक्षण की दिशा में काम करेंगी.'

आगे स्पेसएक्स ने लिखा 'इस तरह के परीक्षण के साथ, सफलता हम जो सीखते हैं उससे मिलती है, और आज का परीक्षण हमें स्टारशिप की विश्वसनीयता को बेहतर बनाने में मदद करेगा क्योंकि स्पेसएक्स जीवन को बहुग्रहीय बनाने का प्रयास करता है'.

स्पेसएक्स की ये लगातार तीसरी नाकामी है, 2025 के जनवरी और मार्च के टेस्ट भी फेल हुए थे. कंपनी का लक्ष्य स्टारशिप को पूरी तरह से दोबारा इस्तेमाल के योग्य बनाना है, जो मंगल और चंद्रमा मिशनों के लिए जरूरी है. स्टारशिप दुनिया का पहला पूरी तरह पुन: उपयोग योग्य रॉकेट है, जिसमें सुपर हेवी बूस्टर और अपर स्टेज दोनों शामिल हैं. इससे लॉन्च लागत को भारी मात्रा में कम किया जा सकता है. ये अंतरिक्ष यात्रा को किफायती बनाएगा।

एलन मस्क स्टारशिप रॉकेट को कई बड़े और महत्वाकांक्षी उद्देश्यों के लिए विकसित कर रहे हैं. उनका मुख्य मकसद अंतरिक्ष यात्रा को सस्ता, टिकाऊ और व्यापक बनाना है. मस्क का सबसे बड़ा सपना मंगल ग्रह पर मानव कॉलोनी बनाना है. स्टारशिप को ऐसे डिजाइन किया गया है ताकि ये 100-150 टन पेलोड (लोग, सामान, उपकरण) को मंगल तक ले जा सके. मस्क का लक्ष्य 2050 तक मंगल पर एक शहर बनाना है, जिसमें लाखों लोग रह सकें.