टैरिफ का मुद्दा अभी गर्माया ही हुआ है, अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने ट्रैवल बैन को लेकर एक नया आदेश जारी कर दिया है. ट्रंप ने बुधवार को एक घोषणापत्र पर हस्ताक्षर किए, जिसके तहत 12 देशों के लोगों के अमेरिका में प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया है.
ट्रंप ने ये फैसला कोलोराडो के बोल्डर में हुए हमले के मद्देनजर लागू किया है, जिसमें इजरायली बंधकों के समर्थन में आयोजित एक मार्च को निशाना बनाया गया था.
ट्रंप ने अपने पहले टर्म की शुरुआत में, 27 जनवरी 2017 को, एक एग्जीक्यूटिव ऑर्डर के जरिए सात मुस्लिम-बहुल देशों (ईरान, इराक, लीबिया, सोमालिया, सूडान, सीरिया, और यमन) के नागरिकों के अमेरिका में प्रवेश पर 90 दिनों के लिए प्रतिबंध लगाया था. इसे मुस्लिम बैन के नाम से भी जाना गया. इसके अलावा, शरणार्थी कार्यक्रम को 120 दिनों के लिए निलंबित किया गया और सीरियाई शरणार्थियों पर अनिश्चितकालीन प्रतिबंध लगाया गया.
पहले टर्म में लागू किए गए इस बैन ने हवाई अड्डों पर अफरा-तफरी मचाई, बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए, और इसे कई अदालतों में चुनौती दी गई. आलोचकों ने इसे भेदभावपूर्ण और मुस्लिम-विरोधी बताया. फरवरी 2017 में इस पर रोक लगा दी गई. 2021 में, राष्ट्रपति जो बाइडन ने अपने पहले दिन इस बैन को रद्द कर दिया.
अब ट्रंप ने एक बार फिर से 12 देशों पर प्रतिबंध लागू करके उसी बैन को फिर से जीवित कर दिया है.
इन 12 देशों पर लगा ट्रैवल बैन
इस यात्रा प्रतिबंध में अफगानिस्तान, म्यांमार, चाड, कांगो गणराज्य, इक्वेटोरियल गिनी, इरिट्रिया, हैती, ईरान, लीबिया, सोमालिया, सूडान और यमन शामिल हैं. इस प्रतिबंध में बुरुंडी, क्यूबा, लाओस, सिएरा लियोन, टोगो, तुर्कमेनिस्तान और वेनेजुएला से आने वाले लोगों के प्रवेश को भी आंशिक रूप से सीमित किया गया है.
ट्रंप ने इस हफ्ते की शुरुआत में बोल्डर हमले में संदिग्ध की मौजूदगी के लिए पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडेन की इमिग्रेशन पॉलिसीज को दोषी ठहराया, जो एक मिस्र का नागरिक था, जो अपने वीजा की अवधि खत्म होने के बावजूद वहां रह रहा था और प्रतिबंधों का उस पर कोई असर नहीं पड़ता. प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि उन्होंने संदिग्ध को हमले में एक अस्थायी फ्लेमथ्रोवर का इस्तेमाल करते और आग लगाने वाला डिवाइस फेंकते देखा.
'हम ऐसे लोगों को नहीं चाहते'
ट्रंप ने बुधवार को सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए एक वीडियो में कहा, "कोलोराडो के बोल्डर में हाल ही में हुए आतंकी हमले ने हमारे देश के लिए उन विदेशी नागरिकों के प्रवेश से पैदा खतरों की ओर ध्यान खींचा है, जिनकी उचित जांच नहीं की गई है, साथ ही उन लोगों के भी जो टेम्पररी विजिटर के तौर पर आते हैं और अपने वीजा की अवधि से अधिक समय तक यहां रहते हैं. हम उन लोगों को नहीं चाहते हैं.'
व्हाइट हाउस ने कहा, "हम किसी भी ऐसे देश से खुले इमिग्रेशन की इजाजत नहीं दे सकते, जहां हम सुरक्षित और विश्वसनीय तरीके से जांच पड़ताल नहीं कर सकते. यही वजह है कि आज मैं यमन, सोमालिया, हैती, लीबिया और कई अन्य देशों पर यात्रा प्रतिबंध लगाने वाले एक नए एग्जिक्यूटिव ऑर्डर पर पर हस्ताक्षर कर रहा हूं'.
ये प्रतिबंध उन लोगों पर लागू नहीं होगा जिनके पास पहले से ही वीजा है, जो अमेरिका के वैध स्थायी निवासी हैं या विश्व कप या ओलंपिक के लिए यात्रा करने वाली टीमें हैं. ईरान में उत्पीड़न से बचने या अफगानिस्तान में अमेरिकी सैन्य प्रयासों में सहायता करने के लिए स्पेशल वीजा रखने वालों को भी छूट दी गई है.
ट्रंप ने हार्वर्ड विश्वविद्यालय में एक्सचेंज प्रोग्राम में भाग लेने के इच्छुक विदेशी छात्रों के वीजा को निलंबित करने के लिए एक अलग घोषणा पर भी हस्ताक्षर किए, जो पहले से ही प्रशासन के लिए एक लक्ष्य रहा है, जिसका दावा है कि वो यहूदी विरोधी भावना को लेकर पर्याप्त कदम नहीं उठा रहा है.
हार्वर्ड घोषणा में, ट्रंप ने विश्वविद्यालय पर परिसर में आचरण उल्लंघन को अनुशासित करने में विफल रहने का आरोप लगाया और शिकायत की कि विश्वविद्यालय ने केवल तीन विदेशी छात्रों के बारे में जानकारी दी है, जिन पर खतरनाक, अवैध या धमकी देने वाली गतिविधि का आरोप है. ट्रंप ने कहा, 'हार्वर्ड की कार्रवाइयों से पता चलता है कि ये या तो विदेशी छात्रों के लिए अपने अनुशासनात्मक रिकॉर्ड की पूरी तरह से रिपोर्ट नहीं कर रहा है या अपने विदेशी छात्रों पर गंभीरता से नजर नहीं रख रहा है'.