Income Tax Return: बार-बार नौकरी बदलने वाले कैसे फाइल करें ITR? पुरानी कंपनी से ये डॉक्‍युमेंट लेना है बहुत जरूरी

अमूमन ITR भरने में कोई खास परेशानी तो नहीं होती, लेकिन अगर किसी ने बार-बार नौकरी बदली है तो उन्‍हें कुछ चीजों पर ध्‍यान देना जरूरी है.

Source: Envato

जुलाई का महीना चल रहा है, जितनी जल्दी हो सके आप भी अपना इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करके फ्री हो जाइए. वित्त वर्ष 2022-23 के लिए ITR भरने की आखिरी तारीख 31 जुलाई है.

नौकरीपेशा कर्मियों को ITR भरने के दौरान कोई खास परेशानी तो नहीं होती, लेकिन किसी ने बार-बार नौकरी बदली है तो उन्‍हें कुछ चीजों पर ध्‍यान देना जरूरी है. हम यहां ऐसे कर्मियों की बात कर रहे हैं, जिन्‍होंने बीते वित्त वर्ष के दौरान 2, 3 या उससे अधिक संस्‍थानों में नौकरी की है.

देश में हजारों ऐसे नौकरीपेशा लोग होंगे, जिन्‍होंने अपनी ग्रोथ, सैलरी, पोजीशन, शहर बदलने या किसी अन्‍य कारण से जॉब चेंज किया होगा. इसका मतलब ये हुआ कि एक वित्त वर्ष में दो या अधिक संस्‍थानों से सैलरी उठाई होगी! ऐसे लोगों को दो या अधिक जगहों से मिल रही सैलरी का ब्‍यौरा और अन्‍य डिटेल शामिल करनी होगी.

बार-बार नौकरी बदलने वाले लोगों को अपनी पुरानी कंपनी छोड़ने से पहले फॉर्म 16 जैसे कुछ जरूरी डाॅक्‍युमेंट ले लेना जरूरी होता है.

फॉर्म 16 है बेहद जरूरी डॉक्‍युमेंट

गुरुग्राम स्थित एक बड़ी फर्म में कार्यरत CA अमित कुमार ने BQ Prime Hindi से बातचीत के दौरान बताया कि नौकरीपेशा लोगों के लिए अपना ITR भरने में बेहद जरूरी डॉक्‍युमेंट होता है, फॉर्म 16, जिसे आपकी नियोक्‍ता कंपनी जारी करती है.

उन्‍होंने कहा, 'कंपनियों के लिए 15 जून तक हर हाल में फॉर्म 16 जारी कर देना होता है. इसमें आपकी सैलरी और कमाई की पूरी जानकारी होती है. साथ ही कंपनी की ओर से काटे गए TDS का भी ब्‍योरा होता है. HRA यानी किराया भत्ता, 80C के तहत मिली छूट और स्‍टैंडर्ड डिडक्‍शन का भी ब्‍योरा आपको फॉर्म 16 से मिल जाएगा.'

क्‍या आपने लिया पुरानी कंपनी से फॉर्म 16?

आपकी मौजूदा कंपनी तो समय से फॉर्म 16 उपलब्‍ध करा देगी, लेकिन हो सकता है कि पुरानी कंपनी से आपने फॉर्म 16 नहीं लिया हो. बेहतर होगा कि आप जल्‍द से जल्‍द अपनी पुरानी कंपनी को मेल कर के या HR को कॉल करके बीते वित्त वर्ष का फॉर्म 16 मंगा लें.

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फॉर्म 16 मिल जाए तो ऐसे जोड़ें हिसाब

मौजूदा नियोक्‍ता कंपनी और पुरानी कंपनियों से मिले फॉर्म 16 को ठीक से चेक करें. फॉर्म 16 के पार्ट-B में आपकी कुल सैलरी का ब्‍यौरा होता है. इसमें टैक्‍स छूट के लिए किए गए दावों और टैक्‍स के दायरे से बाहर वाले भत्ते भी शामिल होते हैं.

आप सारे फॉर्म 16 से अपनी पूरी कमाई जोड़ लें. फिर सारे में दर्ज HRA और LTA को जोड़ लें. साथ ही अन्‍य कोई टैक्‍स छूट वाले ऑप्‍शंस हों तो सारे अमाउंट जोड़ लें. इससे आपको ये पता चल पाता है कि आपको कितनी राशि पर टैक्‍स छूट मिल सकती है.

नहीं मिला फॉर्म 16 तो सैलरी स्लिप आएगी काम

कंपनियां हर महीने अपने कर्मियों को सैलरी स्लिप जारी करती है. बहुत सारे कर्मी हर महीने डाउनलोड कर के सेव रख लेते हैं. अगर आपकी ऐसी आदत नहीं रही है तो कंपनी छोड़ते समय जरूर सारी सैलरी स्लिप डाउनलोड कर के रख लें.

अगर आपको किसी वजह से पुरानी कंपनी से फॉर्म 16 नहीं मिल पाया तो भी आप अपना ITR भर सकते हैं. ऐसे में सैलरी स्लिप काम आएगी. उसमें आपकी मूल सैलरी, अलावेंस और अन्‍य जानकारियां होती है, जो ITR फाइल करते समय काम आती हैं.

सैलरी स्लिप के आधार पर आप पूरे वित्त वर्ष में मिली कुल सैलरी को जोड़कर टैक्‍सेबल अमाउंट निकाल सकते हैं. इसके लिए आपको अन्‍य स्रोत से आय (अगर हो तो) को भी जोड़ना होगा.

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