ITR Filing : सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज (CBDT) ने ITR-U को नोटिफाई कर दिया है. ये ITR-U उन टैक्सपेयर्स के लिए है जो अपने ITR में बदलाव करना चाहते हैं, जिससे आयकर विभाग की तरफ से लगने वाली पेनल्टी से बचा जा सके. इस खबर में हम आपको बताएंगे कि ITR-U क्या होता है? कौन इसे भर सकता है? साथ ही इसमें पेनल्टी का अमाउंट कितना होता है.
क्या होता है ITR-U?
बजट 2022 में सरकार एक नया कॉन्सेप्ट लेकर आई थी, जिसे नाम दिया गया था ITR-U. जिसे अपडेटेड ITR भी कहा जाता है. इस कॉन्सेप्ट के तहत टैक्सपेयर्स अपने ITR को बदल सकते हैं. यानी टैक्सपेयर्स ITR फाइल करने के बाद उस साल के असेसमेंट ईयर से लेकर 4 साल तक रिर्टन में बदलाव कर सकते हैं. बजट 2025 से पहले सिर्फ 2 साल तक के रिटर्न में बदलाव किए जा सकते थे.
मान लीजिए आपने 31 दिंसबर 2025 में रिर्टन फाइल की है तो आपके असेसमेंट ईयर का ऐंड होगा 31 मार्च 2026, तो इस हिसाब से आप 31 मार्च 2030 तक ITR-U को फाइल कर सकते हैं.
ध्यान देने वाली बात ये है कि हर असेसमेंट ईयर के लिए सिर्फ एक बार ही ITR-U फाईल की जा सकती है.
कौन फाइल कर सकता है ITR-U
अगर आप किसी वजह से ITR फाइल नहीं कर पाए हैं तो इसकी फाइलिंग की जा सकती है.
अगर आपको कोई एडिशनल इनकम के बारे में बताना है या बताने से रह गई है, इसके जरिए आप जानकारी दे सकते हैं.
अगर आपकी पुरानी ITR में कोई गड़बड़ी है या कुछ ठीक करना चाहते हैं तो भी आप ITR-U फाइल कर सकते हैं.
गलत सेक्शन या हेड में अपनी लिख देना
अगर आप सेक्शन 115JB या 115JC के अंतर्गत टैक्स क्रेडिट को कम करना चाहते हैं
कौन नहीं फाइल कर सकता ITR-U?
कोई भी टैक्सपेयर जिसके खिलाफ कोई जांच या कार्यवाई चल रही हो
अगर ITR-U फाइल करने से टैक्स में कमी आती है तो आप इसे फाइल नहीं कर सकते
अगर आप इनकम कम करना चाहते हैं, लॉस के बारे में बताना या इसे बढ़ाना चाहते हैं तो ITR-U फाइन नहीं कर पाएंगे
अगर ITR-U फाइल करने से रिर्टन बढ़ता है तो इसे फाइल नहीं किया जा सकेगा
ITR-U दाखिल करने की समय सीमा
वित्त वर्ष 2023-24 में आय के लिए: 31 मार्च, 2029
वित्त वर्ष 2022-23 में आय के लिए: 31 मार्च, 2028
वित्त वर्ष 2021-22 में छूटी हुई आय की रिपोर्टिंग के लिए: 31 मार्च, 2027
वित्त वर्ष 2020-21 में आय के लिए: 31 मार्च, 2026
पेनल्टी
अगर आपने असेसमेंट ईयर के आखिर से 12 महीने के अंदर-अंदर ITR-U फाइल की है तो आउटस्टैंडिंग टैक्स का 25% और एक्स्ट्रा इनकम पर इंटरेस्ट पेनल्टी के रूप में देना होगा.
वहीं अगर 12 से 24 महीने के अंदर ITR-U फाइल किया है तो, आउटस्टैंडिंग टैक्स का 50% और एक्स्ट्रा इनकम पर इंटरेस्ट पेनल्टी के रूप में देना होगा
24 से 36 महीने में ITR-U फाइल करने पर पेनल्टी का अमाउंट आउटस्टैंडिंग टैक्स का 60% और एक्स्ट्रा इनकम पर इंटरेस्ट भरना होगा
वहीं अगर 36-48 में ITR-U भरते हैं तो आउटस्टैंडिंग टैक्स का 70% और एक्स्ट्रा इनकम पर इंटरेस्ट पेनल्टी के तौर पर देना होगा.
ITR-U उन टैक्सपेयर्स के लिए है जो टैक्स भरना चाहते थे पर किसी वजह से भर नहीं पाए या कही रिटर्न फाइल में गलती कर गए. इसके जरिए भविष्य में आयकर विभाग की भारी-भरकम पेनल्टी के साथ कानूनी कार्यवाई से बचा जा सकता है.