जीवन में कब क्या घट जाए कोई नहीं बता सकता, लेकिन इसकी तैयारी जरूर कर सकता है. कई बार आपपर और आपके परिवार पर बिना बताए मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ता है, चाहे वो सेहत से जुड़ा हो या पैसे से जुड़ा, ऐसे में सही इंश्योरेंस आपके लिए एक सेफ्टी नेट के तौर पर काम करता है. लेकिन किस इंश्योरेंस को चुनना है और सही कवरेज क्या है ये पता करना आसान नहीं है. चलिए इसमें आपकी मदद हम करते हैं.
अपनी जरूरतों का आकलन करें
किसी भी इंश्योरेंस पॉलिसी को खरीदने से पहले आपको अपनी फाइनेंशियल स्थिति और संभावित जोखिमों का आकलन जरूर करना चाहिए. जैसे हेल्थ इंश्योरेंस के लिए अपनी और परिवार की मेडिकल हिस्ट्री का आकलन जरूर करें.
वैसी ही लाइफ इंश्योरेंस के लिए अपनी इनकम, देनदारियों और डिपेंडेंट्स की फाइनेंशियल जरूरतों का आकलन करें.
सही सम एश्योर्ड चुनें
जब भी कोई इंश्योरेंस लें तो ये जरूर जांचें की सम एश्योर्ड आपकी जरूरतों के लिए पर्याप्त हो. जैसे हेल्थ इंश्योरेंस के लिए परिवार के लिए 10 से 15 लाख रुपये तक का कवर लेना सही रहता है. क्योंकि लगातार हेल्थ सर्विसेज के खर्च बढ़ रहे हैं.
ऐसी ही लाइफ इंश्योरेंस के लिए आपातकालीन स्थिति में आपके परिवार को फाइनेंशियल सिक्योरिटी देने के लिए सम एश्योर्ड आपकी इनकम के 10 से 15 गुना होनी चाहिए.
पॉलिसियों और सुविधाओं की तुलना करें
अलग-अलग इंश्योर्रस अलग-अलग कवरेज और प्रीमियम अमाउंट ऑफर करते हैं. उदाहरण के लिए, अगर आप हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदने का सोच रहें हैं, तो कैशलेस अस्पताल में भर्ती, गंभीर बीमारी लाभ और सेटलमेंट रेश्यो जैसी सुविधाओं की जांच करने के लिए ऑनलाइन कंपैरिजन टूल्स का इस्तेमाल किया जा सकता है. ऐसी पॉलिसी चुनें जो
अफोर्डेबिलटी के साथ डिटेल्ड कवरेज दे.
राइडर्स और ऐड-ऑन्स की जांच करें
कई इंश्योरेंस पॉलिसियां ऑप्शनल राइडर्स भी देती हैं, जैसे एक्सीडेंटल डेथ बेनिफिट, क्रिटिकल इलनेस कवर या मैटरनिटी बेनिफिट जैसे ऐड-ऑन्स भी इंश्योरेंस पॉलिसी के साथ लिए जा सकते हैं, जैसी आपकी जरूरत हो.
एक्सक्लूजन और वेटिंग पीरियड को समझें
हर इंश्योरेंस पॉलिसी में एक्सक्लूजन होता है - ऐसी स्थितियां जहां क्लेम को कवर नहीं किया जाता है. उदाहरण के लिए, हेल्थ इंश्योरेंस में किसी भी तरह की पहले से मौजूद बीमारी आपके कवरेज को प्रभावित कर सकती है.
इंश्योर्रस अक्सर ऐसी स्थितियों के लिए वेटिंग पीरियड, एक्सक्लूजन या ज्यादा प्रीमियम लगाते हैं, जो आपके क्लेम एलिजिबिलिटी को प्रभावित कर सकते हैं. ऐसे में, इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदते समय एक्सक्लूजन या वेटिंग पीरियड को समझना बहुत जरूरी हो जाता है.
क्लेम सेटलमेंट रेश्यो पर ध्यान दें
क्लेम सेटलमेंट रेश्यो वो आंकड़ा है जो बताता है कि इंश्योर्रस ने एक साल में कुल क्लेम्स में से कितने क्लेम निपटाए. ये इंश्योर्रस की विश्वसनीयता और एफिशिएंसी को समझने का एक बड़ा तरीका है.
साथ ही हाई CSR बताता है कि क्लेम बिना परेशानी के पास हो जाएगा, जिससें कंपनी पर विश्वास बढ़ता है.
प्रीमियम और अफोर्डेबिलिटी की समीक्षा
हाई कवरेज वाली पॉलिसी फायदेमंद होती है लेकिन ये जरूर सुनिश्चित करें कि प्रीमियम आपके बजट में फिट हो. ऐसी पॉलिसी लें जो अफोर्डेबल हो और उसका कवरेज भी अच्छा हो.