सैलरी से हर महीने प्रॉविडेंट फंड यानी EPF के लिए पैसे कटते हैं, यह बात तो वेतन पाने वाले सभी लोग जानते हैं. प्रॉविडेंट फंड का मकसद रिटायर होने के बाद की जिंदगी के लिए पैसों का इंतजाम करना होता है, इसलिए ईपीएफ खाते में जमा रकम सामान्य तौर पर नौकरी खत्म होने के बाद ही मिलती है. लेकिन कुछ विशेष परिस्थितियों में नौकरी करते हुए भी आप EPF में जमा अपने पैसों को पूरी तरह या आंशिक रूप से निकाल सकते हैं.
किस उद्देश्य के लिए या किन जरूरतों के लिए कितनी रकम निकाली जा सकती है, इसका फैसला EPFO यानी एंप्लाईज प्रॉविडेंट फंड ऑर्गनाइजेशन के नियमों के हिसाब से होता है. अगर आपको कभी अपने प्रॉविडेंट फंड से पैसे निकालने की जरूरत पड़ जाए तो यह नियमों की जानकारी आपके काफी काम आएगी. नौकरी के दौरान प्रॉविडेंट फंड ईपीएफ से पैसे निकालने की छूट जिन उद्देश्यों या जरूरतों के लिए मिलती है, उनका पूरा ब्योरा हम यहां दे रहे हैं.
मेडिकल ट्रीटमेंट के लिए
कर्मचारी अपने या अपने परिवार के सदस्यों के इलाज के लिए ईपीएफ अकाउंट से पैसे निकाल सकते हैं. यह छूट तभी मिलती है जब:
हॉस्पिटल में बड़ा ऑपरेशन कराना हो
हॉस्पिटल में एक महीने से ज्यादा समय तक एडमिट होना पड़े
टीबी, कैंसर, लेप्रोसी, पैरालिसिस, मानसिक रोग और दिल की बीमारी जैसे गंभीर रोगों के इलाज के लिए कर्मचारी छुट्टी पर हो.
ज्यादा से ज्यादा 6 महीने की बेसिक सैलरी + महंगाई भत्ते के बराबर रकम निकाली जा सकती है.
इलाज के लिए ईपीएफओ से एडवांस उन कर्मचारियों को भी मिल सकता है, जो नए हैं या जिनका प्रॉविडेंट फंड हाल ही में कटना शुरू हुआ है.
इस नियम के तहत एडवांस लेने के लिए फॉर्म 31 के साथ ही डॉक्टर का सर्टिफिकेट भी देना पड़ता है.
जरूरत पड़ने पर इस सुविधा का लाभ कितनी भी बार लिया जा सकता है.
शादी विवाह के लिए
जिन कर्मचारियों के वेतन से हर महीने पैसे कटकर प्रॉविडेंट फंड में जमा होते हैं, वे शादी-ब्याह के लिए भी ईपीएफ अकाउंट से एडवांस ले सकते हैं. इसके लिए इन शर्तों का पूरा होना जरूरी है :
यह लाभ उन्हीं कर्मचारियों को मिलता है, जिनकी नौकरी कम से कम 7 साल पुरानी हो.
कर्मचारी अपने ईपीएफ अकाउंट में जमा रकम में से अपने कंट्रीब्यूशन और उस पर मिले इंटरेस्ट का मैक्सिमम 50% हिस्सा निकाल सकते हैं.
इस नियम के तहत कोई भी कर्मचारी अधिकतम तीन बार तक पैसे निकाल सकता है.
कर्मचारी अपनी शादी के अलावा अपने बच्चों और सगे भाई-बहनों की शादी के लिए भी पैसे निकाल सकते हैं.
रिहायशी मकान खरीदने या बनवाने के लिए
कर्मचारी अपना रिहायशी घर बनवाने या खरीदने के लिए भी प्रॉविडेंट फंड से पैसे निकाल सकते हैं. इस मकसद से पैसे निकालने हों तो इन शर्तों को पूरा करना जरूरी है:
कर्मचारी जो जमीन या घर खरीदना चाहता है, वह उसके, उसके जीवनसाथी के या संयुक्त रूप से दोनों के नाम पर होना चाहिए.
कर्मचारी की जॉब कम से कम 5 साल पुरानी होनी चाहिए
मैक्सिमम 24 महीने की बेसिक सैलरी+महंगाई भत्ते के बराबर राशि निकाली जा सकती है
होम लोन भरने के लिए
अगर किसी कर्मचारी ने घर खरीदने के लिए पहले से होम लोन लिया है, तो उसे चुकाने के लिए भी प्रॉविडेंट फंड से पैसे निकाले जा सकते हैं.
यह सुविधा उन्हीं कर्मचारियों को मिल सकती है, जिनको नौकरी करते 10 साल या उससे अधिक हो चुके हैं.
इस सुविधा का फायदा पूरी जिंदगी में सिर्फ एक ही बार लिया जा सकता है.
घर खरीदने या पुराना होम लोन चुकाने में से किसी एक ही काम के लिए पैसे निकाल सकते हैं.
कर्मचारी जिस घर का होम लोन चुकाना चाहता है, वह उसके, उसके जीवनसाथी के या दोनों के ज्वाइंट ओनरशिप में होना चाहिए.
भाई-बहनों या पेरेंट्स के साथ मिलकर लिए गए होम लोन को भरने के लिए ईपीएफ से एडवांस नहीं लिया जा सकता.
होम लोन चुकाने के लिए अधिकतम 36 महीने की बेसिक सैलरी+डीए के बराबर राशि ईपीएफ खाते से निकाली जा सकती है.
मकान के इंप्रूवमेंट या रिपेयरिंग के लिए
कर्मचारी अपने पुराने घर को ठीक कराने या उसमें सुधार करके बेहतर बनाने के लिए भी प्रॉविडेंट फंड से एडवांस ले सकते हैं. इसका फायदा लेने के लिए इन नियमों और शर्तों को पूरा करना जरूरी है:
घर की मरम्मत या सुधार के लिए मासिक वेतन के मैक्सिमम 12 गुना तक रकम निकाली सकती है.
जिस मकान को रिपेयर कराना है, वह 5 साल या उससे अधिक पुराना होना चाहिए.
कर्मचारी की नौकरी को कम से कम 10 साल हो गए हों.
आप इस नियम का लाभ जीवन में एक ही बार ले सकते हैं.
जिस मकान को ठीक कराना है, वह कर्मचारी के अपने नाम पर, जीवन साथी के नाम या साझा तौर पर दोनों के नाम पर होना जरूरी है
पढ़ाई-लिखाई के लिए
कर्मचारी अपने बच्चों के एजुकेशन के लिए भी प्रॉविडेंट फंड से एडवांस ले सकते हैं.
यह एडवांस सिर्फ 10वीं क्लास के बाद की शिक्षा के लिए ही मिलता है.
यानी अगर आपको अपने बेटे या बेटी को कॉलेज, यूनिवर्सिटी या किसी हायर एजुकेशन से जुड़े संस्थान में एडमिशन दिलाना है, तो आप उसके लिए ईपीएफ अकाउंट से एडवांस ले सकते हैं.
यह लाभ सिर्फ उन्हीं कर्मचारियों को मिलता है, जिनकी जॉब कम से कम 7 साल पुरानी हो.