भारत को अमेरिका एक्सपोर्ट करने के लिए अब 50% टैरिफ यानी इंपोर्ट ड्यूटी देनी होगी. ट्रंप ने एक एक्जिक्यूटिव ऑर्डर के जरिए भारत पर अतिरिक्त टैरिफ लगा दिया है. आदेश के अनुसार, 25% का अतिरिक्त टैरिफ 27 अगस्त से लागू होगा. ये आदेश ट्रंप के ही भारत पर 25% रेसिपोकल टैरिफ लगाने की घोषणा के एक सप्ताह बाद आया है, जिसमें उन्होंने भारत की "व्यापार बाधाओं" और भारत-अमेरिका व्यापारिक संबंधों में व्यापक "फिस्कल डेफिसिट या वित्तीय घाटे" का हवाला दिया था.
अब भारत पर कुल टैरिफ 50% हो गया है. यानी करीब-करीब चीन के बराबर, जिस पर जिस पर वर्तमान में 51% ड्यूटी लगी है. यही नहीं भारत को ब्राजील के बराबर ला खड़ा कर दिया है, जिस पर 50% ड्यूटी लगी है.
50% टैरिफ "बेहद दुर्भाग्यपूर्ण"- भारत
उधर भारत सरकार के एक आधिकारिक बयान में कहा गया है, "ये बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि अमेरिका ने भारत पर उन कार्रवाइयों के लिए अतिरिक्त टैरिफ लगाने का विकल्प चुना है जो कई अन्य देश भी अपने राष्ट्रीय हित में कर रहे हैं. भारत अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएगा."
हाल के दिनों में अमेरिका ने रूस से भारत के तेल आयात को निशाना बनाया है.
हमने इन मुद्दों पर अपनी स्थिति पहले ही स्पष्ट कर दी है, जिसमें ये तथ्य भी शामिल है कि रूस से हमारा आयात बाजार पर आधारित है और भारत के 1.4 अरब लोगों की ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से किया जाता है.
इसलिए ये बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि अमेरिका ने भारत पर उन कार्रवाइयों के लिए अतिरिक्त टैरिफ लगाने का विकल्प चुना है जो कई अन्य देश भी अपने राष्ट्रीय हित में कर रहे हैं.
हम दोहराते हैं कि ये कार्रवाइयां अनुचित, अनुचित और अविवेकपूर्ण हैं.
भारत अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएगा.
क्या है जानकारों की राय
ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव के अनुसार
नए टैरिफ भारत को अमेरिका के सबसे भारी कर वाले व्यापारिक साझेदारों में शामिल कर देते हैं, जो चीन, वियतनाम और बांग्लादेश जैसे प्रतिद्वंद्वियों से कहीं ज्यादा है.
2024 में चीन का रूसी तेल आयात 62.6 बिलियन डॉलर था, जो भारत के 52.7 बिलियन डॉलर से ज्यादा है, फिर भी उसे इस तरह का कोई जुर्माना नहीं देना पड़ेगा. अगर आर्थिक रूप से सही हो, तो भारत रूसी तेल नहीं खरीदने के बारे में सोच सकता है, लेकिन उसे सिर्फ वाशिंगटन को संतुष्ट करने के लिए ऐसा नहीं करना चाहिए.
भारत को कम से कम छह महीने तक शांत रहना चाहिए और जवाबी कार्रवाई से बचना चाहिए. अमेरिकी कार्रवाई भारत को अपने रणनीतिक सहयोगात्मक संबंधों पर पुनर्विचार करने के लिए प्रेरित करेगी, जिससे रूस, चीन और कई अन्य देशों के साथ संबंध और गहरे होंगे.
ट्रंप टैरिफ से प्रभावित देश
भारत – 25% + 25% = 50%
ब्राजील – 50%
सीरिया – 41%
लाओस – 40%
म्यांमार – 40%
स्विट्जरलैंड – 39%
कनाडा – 35%
इराक – 35%
सर्बिया – 35%
अल्जीरिया – 30%
दक्षिण अफ्रीका – 30%