क्या 2023 में सोने में निवेश करना समझदारी होगी, एक्सपर्ट्स क्या सोचते हैं?

शेयर बाजार में जारी उठापटक, कमरतोड़ महंगाई के मद्देनजर और मंदी की आशंका के संदेह के कारण 2023 में सोने की कीमतें बढ़ सकती हैं.

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सोना सबसे सुरक्षित निवेशों में से एक माना जाता है, भारत में सोने को लेकर अलग ही भावनाएं हैं. पिछला साल 2022 सोने में निवेश के लिहाज से कुछ खास नहीं रहा, लेकिन साल 2023 में उम्मीदें क्या हैं.

क्या नया साल सोने के निवेशकों के लिए नई उम्मीदें लेकर आएगा, शायद हां, क्योंकि हाल के दिनों में भारत में सोने की कीमतों में तेजी से बढ़ोतरी हुई है. खास बात यह है कि नए साल में सोने में तेजी की संभावनाएं नजर आ रही हैं. मार्केट के जानकारों का कहना है कि कम हो रहे रिस्क सेंटीमेंट्स में उछाल और दुनिया में मंदी की आशंकाओं के चलते सोने की कीमतों को सपोर्ट मिला है.

सोने की चमक बढ़ी

कमोडिटी एक्सचेंज एमसीएक्स के आंकड़ों के मुताबिक, गुरुवार को सोने का स्पॉट भाव बुधवार को एक साल के उच्च स्तर 55,770 रुपये प्रति 10 ग्राम से नीचे आ गया, बावजूद इसके सोने की कीमतें गुरुवार को जब बंद हुईं तो वो पिछले साल सितंबर की कीमतों से 11% ऊपर थीं और 7 जनवरी 2022 के एक साल के निचले स्तर से 17% ऊपर थीं. साल 2022 में सोने की कीमतें 14% से ज्यादा बढ़ी हैं.

चीन, अमेरिका और डॉलर इंडेक्स

मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के कमोडिटी एंड करेंसी रिसर्च के वरिष्ठ उपाध्यक्ष नवनीत दमानी ने कहा, 'वैश्विक स्तर पर जोखिम कम हो रहा है और चीन की स्थिति इस समय बहुत अच्छी नहीं है. वहीं अमेरिका से आर्थिक डेटा भी सामान्य रहे हैं. इतना ही नहीं, डॉलर इंडेक्स अपनी ऊंचाई से लगभग 10% गिर चुका है.'

कमजोर सेंटीमेंट के बावजूद 2022 में सोना नहीं चमका

परंपरागत रूप से, सोने की कीमत तब बढ़ती है जब अन्य एसेट्स खराब प्रदर्शन करते हैं. इसे अस्थिरता के खिलाफ बचाव के रूप में देखा जाता है और सुरक्षित-संपत्ति के रूप में माना जाता है. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कमजोर सेंटीमेंट के बावजूद 2022 में सोने की कीमतों में बढ़ोतरी नहीं हुई.

वास्तव में, अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने की मौजूदा कीमत 2022 की शुरुआत में कीमत के समान है, जब ये $1829.20 प्रति आउंस तक चढ़ा.

2022 में क्यों खराब रहा सोने का प्रदर्शन

ICICI प्रूडेंशियल एसेट मैनेजमेंट में प्रोडक्ट डेवलपमेंट हेड और स्ट्रैटिजी के प्रमुख चिंतन हरिया के अनुसार, इसका मुख्य कारण अमेरिका में ब्याज दरों में हो रही बढ़ोतरी है क्योंकि फेडरल रिजर्व ने महंगाई के खिलाफ युद्ध छेड़ दिया है. इसकी वजह से डॉलर इंडेक्स की वैल्यू में तेज से बढ़ोतरी हुई है. 2022 में अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने के ख़राब प्रदर्शन के लिए एक अन्य कारण कैपिटल फ्लो रहा है.

'हेज फंड अपने बॉन्ड और इक्विटी पोर्टफोलियो में गिरावट को रोकने के लिए सोना खरीदते थे. अब, हेज फंडों के पास एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड्स की तुलना में कम पैसा है, जिनके पास सोने के लिए कोई एलोकेशन नहीं है.' - चिंतन हरिया, प्रोडक्ट डेवलपमेंट और स्ट्रैटिजी हेड, ICICI प्रूडेंशियल एसेट मैनेजमेंट

हरिया के अनुसार, केंद्रीय बैंकों द्वारा खरीद से इसे कुछ हद तक कम किया गया था. केंद्रीय बैंकों, विशेष रूप से भारत, रूस, चीन और जर्मनी में तेजी से सोना खरीदा है और पिछले साल, केंद्रीय बैंकों द्वारा सोने की खरीदारी कई दशक के ऑलटाइम हाई पर पहुंच गई.

भारत में सोने के बेहतर प्रदर्शन के कारण

पिछले एक साल में डॉलर के मुकाबले रुपये के गिरने की वजह से भारत में सोने की कीमत अंतरराष्ट्रीय कीमतों की तुलना में बहुत अधिक बढ़ी है. भारत दुनिया में सोने के सबसे बड़े आयातकों में से एक है.

2022 की शुरुआत के बाद से, भारतीय रुपये में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 11% से अधिक की गिरावट आई है. पिछले साल जुलाई में, सरकार ने सोने पर बेसिक कस्टम ड्यूटी को 7.5% से बढ़ाकर 12.5% कर दिया, जिससे मेटल की घरेलू कीमत बढ़ गई.

2023 में कितना चमकेगा सोना

नवनीत दमानी का कहना है कि 'पिछले कुछ महीनों में सोने के दाम में बढ़ोतरी आई है. लेकिन आने वाले समय में उतार-चढ़ाव दिख सकता है. अभी सोने की कीमतें 2023 की पहली तिमाही में गिर सकती हैं. हमें लगता है कि 53,000-54,000 रुपये प्रति 10 ग्राम लॉन्ग टर्म के लिए अच्छा बैंड है. हमारे पास इस साल के लिए 58,000 रुपये का लक्ष्य है.'

हरिया के अनुसार, निवेशकों को सोने में निवेश करना चाहिए और बाकी एसेट क्लास में खराब प्रदर्शन के खिलाफ हेज के तौर पर चांदी को प्राथमिकता देनी चाहिए.

'भारतीय निवेशकों के रिस्क लेने की क्षमता के आधार पर, चांदी के लिए 3% एलोकेशन के साथ सोने के लिए 7-10% एलोकेशन कर सकते हैं .'
चिंतन हरिया, प्रोडक्ट डेवलपमेंट और स्ट्रैटिजी हेड, ICICI प्रूडेंशियल एसेट मैनेजमेंट

BankBazaar.com के CEO आदिल शेट्टी के मुताबिक, लंबे समय के लिए सोने में निवेश करने का एक सुरक्षित तरीका सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड है.

उन्होंने कहा कि 'अगर आप अधिक लिक्विड विकल्प की तलाश कर रहे हैं, तो आप गोल्ड ईटीएफ पर विचार कर सकते हैं. ये आपको सोने में डीमैटेरिलाइज्ड फॉर्मेट में निवेश करने की अनुमति देते हैं, जिसे शेयरों की तरह स्टॉक एक्सचेंज पर खरीदा और बेचा जा सकता है.'