'जल्दी अमीर बनने का कोई शॉर्टकट नहीं होता.' ये कहना है जीरोधा के को-फाउंडर नितिन कामत का. उन्होंने हाल ही में X पर एक पोस्ट में मिडिल क्लास लोगों को फाइनेंस से जुड़े कुछ कड़वे लेकिन जरूरी सच बताए हैं.
कामत ने बताया कि लोग उनसे अक्सर पूछते हैं – 'कोई स्टॉक टिप बता दीजिए जिससे अमीर हो सकें.' लेकिन उनका जवाब सीधा है– 'दुर्भाग्य से ऐसा कोई शॉर्टकट नहीं है. इसमें पर्सनल फाइनेंस की अच्छी आदतें और धैर्य जरूरी है.'
मिडिल क्लास के लोग करते हैं ये गलतियां
कामत ने मिडिल क्लास की कुछ आम वित्तीय गलतियों की ओर इशारा किया. उन्होंने बताया कि कुछ गलतियां हैं, जो मिडिल क्लास को आर्थिक रूप से पीछे धकेलती हैं. ये गलतियां हैं-
जरूरत से ज्यादा खरीदारी
कई बार तो उधार लेकर भी खरीदारी
क्रेडिट कार्ड पर शॉपिंग
हेल्थ इंश्योरेंस को नजरअंदाज करना
नितिन कामत का कहना है कि ऐसी छोटी-छोटी गलतियां जिंदगी में बड़ा झटका बन सकती हैं और आगे बढ़ने से रोक सकती हैं.
वीडियो शेयर कर बताया कड़वा सच
कामत ने अपनी पोस्ट के साथ एक वीडियो भी शेयर किया गया जिसमें LearnApp और जीरोधा के Zero1 के CEO प्रतीक सिंह ने मिडिल क्लास की मानसिकता और आम वित्तीय सलाह पर सवाल उठाए हैं. वीडियो की शुरुआत में प्रतीक सिंह कहते हैं– 'पढ़ाई करो, नौकरी लो, लोन लो, घर खरीदो– सबकुछ सिर्फ दूसरों को दिखाने के लिए. ये सब खतरनाक सलाह है.'
सैलरी को 'Recurring Waterfall' न समझें
प्रतीक बताते हैं कि ज्यादातर लोग अपनी सैलरी को संपत्ति बढ़ाने का जरिया नहीं मानते, बल्कि हर महीने आने वाला पानी जैसा समझते हैं, जिसे बहा देना है. यही है असली मनी ट्रैप – हर महीने की कमाई को पूरा खर्च कर देना, बिना किसी बैकअप के.
खर्चों का ट्रैक रखें, 1% बचत से शुरुआत करें
प्रतीक का पहला सुझाव है– हर खर्च को नोट करें. 'हर समोसा, पार्टी, ऑनलाइन ऑर्डर को लिखिए. महीने के खर्च से 1% कम करिए. वो 500 रुपये भी अगर सही जगह लगाया तो आदत बदल जाएगी.'
इमरजेंसी फंड पर प्रतीक की राय
प्रतीक ने एक आम मिथक को तोड़ा – 'निवेश से पहले जरूरी है, इमरजेंसी फंड बनाना.' उनका कहना है कि तनावपूर्ण नौकरी और EMI वाले जीवन में अगर इनकम रुक जाए तो बहुत लोग एक महीने भी नहीं निकाल सकते.
उनकी सलाह है कि पहले 6 महीने का खर्च अलग फंड में रखिए, जिसे आसानी से निकाला न जा सके. यही आपकी नई ताकत है जो डर कम करेगी और काम बेहतर करेगी.
हेल्थकेयर खर्च पर भी चेतावनी
इस वीडियो में तेजी से बढ़ते हेल्थकेयर खर्चों पर भी चेतावनी दी गई है. प्रतीक ने कहा – 'लोग कम कमाई से गरीब नहीं बनते, बल्कि एक अचानक आया खर्च उन्हें 5 साल पीछे कर देता है.' इसलिए उन्होंने हर युवा कमाई करने वाले को सलाह दी कि वे हेल्थ इंश्योरेंस को अपनी वित्तीय सुरक्षा का अहम हिस्सा बनाएं.
'सोशल स्टेटस' के लिए बेवजह खर्च
प्रतीक ने आधुनिक खपत को इंसानों की 'सोशल स्टेटस' की भूख से जोड़ा. उन्होंने कहा, 'पहले लोग ताकत और रिश्तों से रुतबा दिखाते थे, अब iPhone, कार और घर से.' इस मनोवृत्ति को बाजार खूब भुनाता है और हमें ऐसी चीजें खरीदने को मजबूर करता है जिनकी जरूरत नहीं.
EMI और 'डेट-टू-इनकम' ट्रैप
वीडियो में प्रतीक सिंह ने डेट-टू-इनकम रेश्यो कैलकुलेटर की बात की जिससे पता चलता है कि आपकी इनकम का कितना हिस्सा EMI में जा रहा है. उन्होंने कहा,
EMI देकर आप चीजों के मालिक नहीं बनते, उनके मालिक बैंक और क्रेडिट कार्ड कंपनी होती है.
जहां ज्यादातर एक्सपर्ट 36% EMI लिमिट की बात करते हैं, वहीं प्रतीक का मानना है कि 20% से ज्यादा भी खतरनाक है.
'अगर आपकी तनख्वाह का पांचवां हिस्सा भी सामान खरीदने, उधारी वगैरह में जा रहा है तो सोचिए कि आप किसके लिए मेहनत कर रहे हैं– खुद के लिए या बैंक के लिए?'
पूरा लब्बोलुआब ये है कि...
प्रतीक सिंह की वीडियो और नितिन कामत के एनालिसिस का सार देखें तो वो ये है कि पैसे कमाना एक प्रोसेस है, कोई चमत्कार नहीं कि तुरंत आप अमीर बन जाएं. मिडिल क्लास को सिर्फ EMI से बाहर आकर वित्तीय आजादी की ओर बढ़ना होगा.
NDTV Profit का भी तो यही मकसद है. हमारी टीम भी पैसे कमाने का कोई शॉर्टकट नहीं बताती, बल्कि मार्केट रिपोर्ट्स, पर्सनल फाइनेंस स्टोरीज, एक्सपर्ट्स के इंटरव्यूज और अन्य कार्यक्रमों के जरिए आपको समृद्धि की ओर बढ़ाने का और उस समृद्धि को बनाए रखने का मार्ग प्रशस्त करती है. निवेश की छोटी-छोटी और अच्छी आदतें, सही सलाह, विवेकपूर्ण लिया गया सही निर्णय और अनुशासित खर्च की स्ट्रैटजी ही असली समृद्धि का रास्ता है.