खुशखबरी! रिटेल के बाद थोक महंगाई दर भी घटी, WPI आंकड़े 13 महीने के निचले स्तर पर

WPI Inflation: WPI में आई गिरावट का मतलब है कि महंगाई कंट्रोल में है और इसका अप्रत्यक्ष फायदा आम आदमी की जेब पर पड़ेगा.

Source: Canva

WPI Inflation: महंगाई घट रही है. रिटेल के बाद अब थोक महंगाई दर के आंकड़े भी घटे हैं. वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय से जारी WPI यानी थोक महंगाई दर का आंकड़ा अप्रैल में घटकर 0.85% पर आ गया है. मार्च में WPI 2.05% थी. ये गिरावट कच्चे तेल और नेचुरल गैस की कीमतों में कमी की वजह से आई है. WPI के ताजा आंकड़े RBI की तय सीमा के अंदर हैं, जिसका मतलब है कि देश में आर्थिक हालात स्थिर हैं.

खाद्य महंगाई की बात करें तो अप्रैल में ये 2.55% रही. वहीं मार्च में ये 4.66% थी. इसके अलावा प्राइमरी आर्टिकल्स की महंगाई की दर -1.44% रही, मार्च में 0.76% थी. साथ ही अप्रैल में WPI फ्यूल और पावर की महंगाई -2.18% रही जो मार्च में 0.20% थी.

अगर वहीं बात सब्जियों की करें तो इसमें 18.26% की गिरावट देखी गई है. जबकि ये गिरावट मार्च में 15.88% थी. आपको बताते चलें कि WPI में आई गिरावट का मतलब है कि महंगाई कंट्रोल में है और इसका अप्रत्यक्ष फायदा आम आदमी की जेब पर पड़ेगा.

Also Read: April CPI Data: भारत की रिटेल महंगाई घटकर 3.16% पर आई, जुलाई 2019 के बाद सबसे कम रही

WPI की मुख्य विशेषताएं

  • अप्रैल में WPI महंगाई 0.85% रही

  • मार्च में 2.05% थी

  • अप्रैल में WPI खाद्य महंगाई 2.55% रही, मार्च में 4.66% थी

  • अप्रैल में WPI प्राइमरी आर्टिकल्स की महंगाई -1.44% रही, मार्च में 0.76% थी

  • अप्रैल में WPI फ्यूल और पावर की महंगाई -2.18% रही, मार्च में 0.20% थी

क्या होता है wholesale Price Index?

Wholesale Price Index में थोक या ज्यादा मात्रा में बेची जाने वाली वस्तुओं की कीमतों में एवरेज कितना चेंज आया है, इसे ट्रैक किया जाता है. WPI से प्रोडक्शन लेवल पर महंगाई का भी पता लगाया जा सकता है. RBI अपनी मॉनेटरी पॉलिसी बनाते समय WPI के आंकड़ों को ध्यान में रखता है.

Also Read: Boycott Row: पाकिस्तान का साथ देना पड़ा भारी, तुर्की और अजरबैजान का बॉयकॉट शुरू!