छत्तीसगढ़ की नवगठित राजधानी नवा रायपुर अटल नगर (Nava Raipur Atal Nagar) ने पूरे देश के सामने एक नई मिसाल पेश की है. ये भारत का पहला पूरी तरह कर्जमुक्त नियोजित शहर (Planned City) बन गया है. आधुनिक तकनीक, रोजगार केंद्रित योजनाओं और पारदर्शी शासन के साथ ये शहर अब विकास की नई ऊंचाइयों की ओर बढ़ रहा है.
2006 में गठित 'नया रायपुर विकास प्राधिकरण' (NRDA) को इस स्मार्ट सिटी की योजना और निर्माण की जिम्मेदारी दी गई थी. राज्य ने इस शहर के विकास के लिए केंद्र और बैंकों से जो कर्ज लिया था, उसे पूरी तरह चुका दिया गया है.
₹1,788 करोड़ का कर्ज लिया था, चुका दिया
PTI की रिपोर्ट के मुताबिक, बीते वर्षों में NRDA ने केंद्र सरकार और राष्ट्रीयकृत बैंकों से करीब 1,788 करोड़ रुपये का कर्ज लिया था. इन पैसों का इस्तेमाल मुख्यतः जमीन खरीद, सड़कों, सरकारी कार्यालयों और अन्य इंफ्रास्ट्रक्चर निर्माण के लिए किया गया.
लेकिन अब, मुख्यमंत्री विश्वेश्वर देव साय के नेतृत्व में राज्य सरकार ने यह पूरा कर्ज चुका दिया है. उन्होंने कहा, 'वित्तीय अनुशासन, रणनीतिक योजना और पारदर्शिता की बदौलत हम न सिर्फ कर्जमुक्त हुए हैं, बल्कि आत्मनिर्भरता की ओर भी कदम बढ़ा चुके हैं.'
'भारत@2047' विजन के तहत विकास
नवा रायपुर, पुराने रायपुर से करीब 20 किलोमीटर दूर स्थित है और इसे 'विकसित भारत @2047' विजन के तहत विकसित किया जा रहा है. नवा रायपुर में देश का तीसरा सबसे बड़ा अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम है.
ये पूरी तरह से प्लान्ड, पर्यावरण के अनुकूल और सस्टेनेबल सिटी है; जो आने वाले वर्षों में IT सेक्टर, मेडिकल टूरिज्म और वस्त्र उद्योग के लिए बड़ा केंद्र बनने जा रहा है.
सरकार ने 2024–25 के तृतीय अनुपूरक बजट में नवा रायपुर अटल नगर विकास प्राधिकरण को ₹1,043 करोड़ का आवंटन किया है, जिससे औद्योगिक क्षेत्रों में भी तेजी से विकास संभव हो सकेगा.
अब जबकि प्राधिकरण पर कोई बकाया नहीं है, शहर की सभी संपत्तियां कर्जमुक्त हो गई हैं. इससे निवेश, व्यापारिक गतिविधियों और अन्य इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं में गति आएगी. ये शहर छत्तीसगढ़ की इकोनॉमी का नया ग्रोथ इंजन बनने को तैयार है.