काले धन और टैक्‍स चोरी पर बड़ी कार्रवाई की तैयारी, FY26 में 2.4 लाख करोड़ रुपये की अघोषित आय पकड़ने का लक्ष्य

इस प्‍लान का मकसद सिस्टम की कमजोरियों को समझना और इनफॉर्मल इकोनॉमिक इको-सिस्‍टम को मुख्यधारा के टैक्‍स ढांचे में लाना है.

काला धन और टैक्‍स चोरी पर लगाम लगाने के लिए CBDT यानी केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए एक आक्रामक कार्ययोजना तैयार की है. इस प्‍लान के तहत पहली बार 2.4 लाख करोड़ रुपये की अघोषित आय पकड़ने का बड़ा लक्ष्य रखा गया है.

मामले से जुड़े लोगों ने NDTV प्रॉफिट को ये एक्‍सक्‍लूसिव जानकारी दी है. इस प्‍लान का मकसद सिस्टम की कमजोरियों को समझना और इनफॉर्मल इकोनॉमिक इको-सिस्‍टम को मुख्यधारा के टैक्‍स ढांचे में लाना है.

हाई रिस्‍क वाले सेक्टर्स पर फोकस

CBDT ने अपनी इन्‍वेस्टिगेशन ब्रांच को निर्देश दिया है कि वो कुछ हाई-रिस्क सेक्टर्स पर डेटा आधारित विश्लेषण कर विस्तृत रिपोर्ट तैयार करे.

सूत्रों के अनुसार, 'CBDT ने मई के अंत तक हाई-रिस्क सेक्टर्स की पहचान करने को कहा है. फिर दिसंबर तक इन सेक्टर्स का विश्लेषण महानिदेशक स्तर पर पूरा किया जाएगा और फरवरी 2026 तक अंतिम रिपोर्ट बोर्ड को सौंपनी होगी.'

हर क्षेत्रीय इकाई को 31 जुलाई तक कम से कम एक बड़ी सर्च करनी होगी और रेड मारना होगा. इसके बाद अगस्त 2025 से मार्च 2026 के बीच कम से कम दो और बड़े अभियान करने होंगे.

सख्त और नरम दोनों तरीके अपनाए जाएंगे

CBDT ने तय किया है कि कुल लक्ष्य का 60% हिस्सा सख्त कार्रवाई यानी सर्च और रेड जैसे उपायों से हासिल किया जाएगा, जबकि बाकी 40% हिस्सा डेटा एनालिसिस और वित्तीय खुफिया जांच जैसे बिना टकराव वाले तरीकों से जुटाया जाएगा.

क्षेत्रीय स्तर पर भी लक्ष्य तय कर दिए गए हैं. जैसे कि मुंबई से 60,000 करोड़ रुपये, दिल्ली से 45,000 करोड़ रुपये, बेंगलुरु और अहमदाबाद से 20,000-20,000 करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा गया है.

अधूरी जानकारी वाले सेक्टर्स पर होगी नजर

CBDT ने कहा कि अनौपचारिक लेनदेन की स्पष्ट जानकारी नहीं होने के कारण कुछ सेक्टर्स का गहन अध्ययन जरूरी है. जहां गतिविधियों की रिपोर्टिंग कम होती है, वहां औपचारिकता बढ़ाने और बेहतर अनुपालन के लिए रणनीति तैयार की जाएगी.

हर DGIT यानी क्षेत्रीय आयकर महानिदेशालय को अपने अधिकार क्षेत्र में एक या अधिक ऐसे सेक्टर्स की पहचान करनी होगी, जहां टैक्‍स चोरी के बड़े मौके या बड़ी खामियां दिखती हैं.

इनमें सेक्टर्स मैन्युफैक्चरिंग, सर्विसेज, एग्रीकल्चर, माइनिंग, स्‍थानीय शराब व्यापार, अंतरराष्ट्रीय व्यापार, हवाला कारोबार, स्वास्थ्य सेवा, होटल, कबाड़ और अन्य असंगठित सेक्‍टर्स हो सकते हैं.

CBDT ने कहा है कि प्रस्तावित रिपोर्ट्स में इन बिंदुओं को शामिल करना होगा:

  • सेक्टर का व्यवसायिक और ऑपरेशनल प्रोफाइल

  • मुख्य कंपनियां, लिस्टेड कंपनियों के डेटा

  • मर्जर व अधिग्रहण गतिविधियां

  • बड़े सौदे और शेयरहोल्डिंग में गड़बड़ी

  • इकोनॉमी में सेक्टर का योगदान

  • एडवांस टैक्‍स पेमेंट, मुनाफे के रुझान और कॉस्‍ट स्‍ट्रक्‍चर बेस्‍ड एनालिसिस

  • सेक्टर-विशेष जांच की रणनीतियां

  • टैक्‍स रिस्‍क और अनुपालन व्यवहार की पहचान

  • नीति या ढांचे में सुधार के सुझाव और भविष्य का जोखिम आकलन

  • कम नकदी, ज्यादा औपचारिक अर्थव्यवस्था की दिशा में कदम

CBDT ने ये भी साफ कर दिया है कि जिन मामलों में गहन जांच या सर्च/सीजर की कार्रवाई होगी, उनमें बड़े स्तर पर असर डालने की संभावना होनी चाहिए.

ये पूरा वर्क प्‍लान ऐसे सेक्टर्स पर ध्यान केंद्रित करने का प्रयास है जो अब तक कम डेटा उपलब्ध होने के चलते निगरानी से बाहर रहे हैं. इस पहल का मुख्य लक्ष्य अनौपचारिक सेक्‍टर्स को औपचारिक अर्थव्यवस्था में शामिल करना और कैश आधारित लेन-देन को घटाना है.

Also Read: इस साल बदल रहें हैं नौकरी तो टैक्स से जुड़ी इन 4 बातों का रखें ख्याल